लेखनी से समाज में हम बहुत बड़ा बदलाव ला सकतें हैं, ये मानना है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दिल्ली प्रांत कार्यवाह भारत भूषण जी का, उन्होंने ये विचार दिल्ली के इंदिरा गांधी नेशनल आर्ट सेंटर में हुए तीन दिवसीय लेखन कार्यशाला में रखे।
कार्यशाला प्रत्येक दिन तीन सत्रों में विभाजित थी जिनमे अलग अलग वक्ता उपस्थित थे जिनमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दिल्ली प्रान्त कार्यवाह भारत भूषण,फ़िल्म निर्माता सुदीप्तो सेन, वरिष्ठ पत्रकार विजय क्रांति, ऑर्गनाइज़र पत्रिका के मुख्य संपादक प्रफुल्ल केतकर, लेखक संदीप देव, वरिष्ठ अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा, पत्रकार अनिल पांडेय, लेखिका गीताश्री एंव रचना विमल उपस्थित थे। कार्यशाला में छात्रों और वक्ताओं के बीच प्रश्रोत्तरी सत्र द्वारा पारस्परिक सफल संवाद हुआ जिसमें लेखन कला के विभिन्न आयामो के बारे में चर्चा हुई। जिसमें मोबाइल जर्नलिज्म, विज्ञापन, ब्लॉग,रचनात्मक लेखन, समाचार लेखन आदि के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
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तीसरे और अंतिम दिन प्रसिद्ध लेखक और पद्मश्री सम्मान से सुशोभित नरेंद्र कोहली जी के साथ अन्य दिग्गजों का जमावड़ा लगा रहा और लेखनी में अपनी पहचान बनाने का सपना रखने वाले छात्रों को इन वक्ताओं ने सफल लेखनी के गुर सिखाए, लेखन को रोजगारपरक कैसे बनाया जाए इस बारे में भी विद्यार्थीयों को बताया कार्यशाला में आए पत्रकारों ने अखबार को “सच का व्यापार” बताया। विभिन्न चर्चाओं के बीच वरिष्ठ अधिवक्ता एंव प्रसिद्ध लेखिका मोनिका अरोड़ा ने भरतीय संस्कृति में महिलाओं की भूमिका के बारे में चर्चा की यह पूरा कार्यक्रम सांस्कृतिक संगठन “उड़ान” द्वारा आयोजित था।
कार्यक्रम के समापन में “उड़ान” के अध्यक्ष अनुपम भटनागर एंव उड़ान के संयोजक सुमित मालूजा एंव प्रेरणा मल्होत्रा ने वक्ताओं धन्यवाद ज्ञापित किया।