लगता होनी बहुत प्रबल है , सिविल – वाॅर हो जायेगा ;
बहुत भयंकर खून – खराबा , जल्दी ही हो जायेगा ।
हिंदू ! तुम जितना बचते आये , उतना ही ये पास आ रहा ;
लड़ने से जो भी दूर भागता , वही मौत के पास जा रहा ।
महामूर्ख – अज्ञानी हिंदू ! सच्चाई से बहुत दूर है ;
प्रेस – मीडिया बिका हुआ है , झूठी – खबरें भरपूर हैं ।
एकमात्र बस यही काम है , अब्बासी-हिंदू का प्रोपेगेण्डा ;
खरबों रुपये का विज्ञापन , काला – धंधा बनता एजेंडा ।
अब्बासी-हिंदू नेता के रहते , भारत में सब कुछ मुमकिन है ;
इलेक्ट्रोरल बाण्ड का घपला छोटा, केयर फंड तो अनगिन है ।
ना खाऊॅंगा ना खाने दूॅंगा , दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है ;
भ्रष्टाचार में विश्व – चैंपियन , अब्बासी – हिंदू वो ठूॅंठ है ।
बिलकुल सूखा हुआ ठूॅंठ है , किसी को छाया न देता ;
झूठे – सपने बेच – बेचकर , हिंदू का सब कुछ ले लेता ।
वोट भी लेता धर्म भी लेता , फिर भी मंदिर है तुड़वाता ;
इतनी नफरत है हिंदू से , चुन-चुन करके है कटवाता ।
कश्मीर से हिंदू साफ कर चुका , मणिपुर भी आधा साफ ;
ताकतवर कर रहा म्लेच्छ को , जल्द करेगा भारत साफ ।
ये पूरी तरह से अब्राहमिक है , हिंदू का चोला ओढ रखा है ;
तिलक-त्रिपुंड का झांसा देकर , धर्म-सनातन तोड़ रहा है ।
ऐबक , गौरी , गजनी सारे , इसके आगे बौने हैं ;
औरंगजेब जैसे जेहादी , इसके आगे छौने हैं ।
उन सबसे बढ़कर महादुष्ट है , ये हिंदू-धर्म मिटा देगा ;
हिंदू बनके ये छुपा – रुस्तम , सारे हिंदू कटवा देगा ।
बड़े-बड़े थे म्लेच्छ सूरमा , गजवायेहिंद करा न पाये ;
ये अब्बासी – हिंदू नेता , ये निश्चित ही करवा पाये ।
क्योंकि हिंदू ! दिशा भ्रमित है , सच्चाई से अनजान है ;
जागो हिंदू ! अब तो जागो , संकट में तेरी संतान है ।
प्रेस – मीडिया – टीवी त्यागो , सोशल – मीडिया को देखो ;
सोशल – मीडिया के कुछ चैनल , केवल ये ही चैनल देखो ।
“संदीप-देव”का चैनल देखो,”अक्षय कपूर” को अवश्य देखना ;
“विशाल सिंह” है हिंदू-योद्धा,”मधु किश्वर” का क्या कहना ।
हिंदू ! तुमको ये करना ही होगा,सच्चाई को जानना ही होगा ;
जब सच्चाई की मिलेगी ताकत,निश्चय ही तुम्हें जीतना होगा ।
जैसे ही सत्य उजागर होगा , अब्बासी-हिंदू का भेद खुलेगा ;
सब अंधियारा छंट जायेगा , हिंदू धर्म – सूर्य चमकेगा ।
“जय सनातन-भारत”,
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”