प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह 10 बजे दिये गये अपने वक्तव्य में 3 मई तक देश भर में लाकडाउन बढ़ाने की घोषणा की. इस घोषणा के साथ ही कोरोना से लडाई लड़्ने के लिये देश में जो लांकडाउन हुआ है, उसकी अवधि अब लगभग चालीस दिनों की हो जायेगी. ये फैसला अंतराष्ट्रीय परिपेक्ष की दृष्टि से भी अत्यंत महत्व्पूर्ण है क्योंकि भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश बनकर उभरा है जिसने अपने नागरिकों की जान बचाने ले लिये इतनी लंबी अवधि के लांकडाउन का बीड़ा उठाया हो.
जब प्रधानमंत्री मोदी ने 21 दिन के लांकडाउन की घोषणा की थी, तब लेफ्ट लिबरल गैंग ने उनके इस निर्णय की खूब आलोचना की थी. कुइंट , वाइर समेत सभी लेफ्ट लिबरल मीडिया इस प्रकार की खबरों से पटा पड़ा था कि कैसे इस प्रकार के लांकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत भारी नुकसान होगा, भुखमरी से गरीब लोगों की जानें जायेंगी , वगैरह, वगैरह. लेकिन फिर जैसे ही लांकडाउन की अवधि में अमरीका सहित कई पश्चिमी देशों में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में बहुत ही तेज़ी से उछाल आया, तो लेफ्ट लिबरल वालों की बोलती बंद हो गयी. आज भारत में कोरोना वायरस के लगभग 10 हज़ार केसेज़ हैं. तकरीबन 300 लोगों की जानें गयी हैं. लेकिन पश्चिमी देशों में जो तांडव कोरोना वायरस ने मचाया है, उसके मुकाबले ये आंकड़े काफी कम हैं. अमरीका में मात्र एक दिन में ही कोरोना वायरस संक्रमण से कमसकम हज़ार लोगों की जानें जा रही हैं. इटली में बीस हज़ार से भी अधिक लोगो ने अपनी जान गंवा दी है. ऐसे में भारत अभी भी सिर्फ इसीलिये बचा हुआ है क्योंकि यहां लांकडाउन का कठोर निर्णय बहुत पहले ले लिया गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी घोषणा में यह भी कहा है कि जिन शहरों में अगले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के कोई नये मामले सामने नहीं आयेंगे, वहां बीस अप्रैल के बाद कुछ रियायतें संभव हैं. ये छूट भी इसीलिये दी जायेंगी ताकि देहाड़ी मज़दूरों की आजीविका लांकडाउन के दौरान भी किसी प्रकार से चलती रहे. लेकिन अगर कोरोना वायरस के कुछ मामले भी काम शुरू होने के बाद सामने आये तो कामकाज को तुरंत रोक दिया जायेगा. संकेत साफ हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे अधिक महत्व एक नागरिक की जान को दिया है. अर्थ्व्यवस्था के चरमराने की परवाह न करते हुए उन्होने एक ऐसे सह्र्दय शासक का परिचय दिया है सभी देशवासियों को अपने परिवार जनों के रूप में देख रहा है. और इस बात को सुनिश्चित करने का भरसक प्रयास कर रहा है कि एक वैश्विक महामारी के चलते वे कहीं अपनी जान न गंवा बैठें.
आदरणीय संदीप जी,
नमस्कार
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