अभी ही भगवा क्यों? तिरंगा क्यों नहीं? आप मोदी विरोधी हैं? ऐसे प्रश्न करने वाले ‘सरकारी हिंदुओं’ की दिक्कत यह है कि वो तिरंगे के महत्व को समझे बिना, बस नेता ने कह दिया तो पीछे चल पड़े हैं।
सरकार ने दो-दो अमेंडमेंट(दिसंबर 2021 एवं जुलाई 2022) द्वारा ध्वज-कोड बदल कर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की शुचिता, मर्यादा, गरिमा- सबको खंडित कर दिया है।
मैं तिरंगा सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को फहराऊंगा, वो भी खादी का तिरंगा, न कि सरकार के अमेंडमेंट के बाद बन रही पोलिस्टर या चीनी मशीन निर्मित तिरंगा।
अमेंडमेंट के बाद बन रहे तिरंगे में न चक्र सही जगह है, न रंगों का संयोजन सही है, न कटाई सही से की गई है, न ही सिलाई ही सही से हो रही है और न ही उसके तय अनुपात का पालन किया जा रहा है।
आज भारतीय राष्ट्र के गौरव तिरंगे का नहीं, ‘पोलिटिकल तिरंगे’ का निर्माण किया जा रहा है! ठेकेदार भी अधिकांश उस समुदाय से हैं, जो पूरी जिंदगी तिरंगे का सम्मान नहीं करते। वो सिर्फ पैसे के लिए उसे बना और उसकी शुचिता को मिटा रहे हैं! नेताजी खुश हैं कि उनका ‘पोलिटिकल पैंतरा’ चल निकला है और आत्मा व ज्ञानहीन भेड़ों की भीड़ सम्मोहन में ‘दास’ बनकर खुश है!
देश के नागरिकों द्वारा राष्ट्र के प्रतीकों का सम्मान होना चाहिए न कि राजनीति के लिए उसकी गरिमा से खिलवाड़ करना चाहिए!
अत: आप तय कीजिए कि आपके लिए राष्ट्र बड़ा है या व्यक्ति? ईश्वर ने आपको मनुष्य बनाया है, सोचने समझने की शक्ति दी है न कि किसी का अनुचर बने रहने के लिए यह मानव जन्म दिया है! व्यक्तिवाद में राष्ट्र का अपमान मत कीजिए।
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