मैं अब्बासी-हिंदू नेता
हाँ मैं रावण – कालनेमि हूँ , पौंड्रक भी मुझको जानो ;
धर्म – सनातन का मैं दुश्मन , समलैंगिकतावादी मानो ।
परिवार व्यवस्था तोड़-फोड़ कर , पूरा समाज बिखरा दूँगा ;
यौन-दास बनवाकर सबको , सदाचार मिटवा दूँगा ।
कानून-व्यवस्था नष्ट-भ्रष्टकर,पुलिस को मटियामेट करूँगा ;
अग्निवीर की नई व्यवस्था , सेना भी कमजोर करूँगा ।
गांधी ने केवल एक बनाया , मैं जगह-जगह बनवा दूँगा ;
पाकिस्तान मुझे भाता है , गजवायेहिंद करा दूँगा ।
इतना बड़ा मूर्ख है हिंदू , मुझको समझ नहीं पायेगा ;
जब तक समझेगा मुझको हिंदू , मेरा काम हो जायेगा ।
मुझे चाहिये सारे प्राइज , मेरे आका दिलवा देंगे ;
दुनिया भर के सारे प्राइज , नोबेल – प्राइज दिलवा देंगे ।
हिंदू का क्या ? जान है सस्ती , जब चाहो गर्दन काटो ;
इसी तरह से आठ – माह में , पूरे – हिंदुस्तान को काटो ।
पूरी – दुनिया में महा – मूर्ख है, भारत का जो है हिंदू ;
मुझको ह्रदय-सम्राट बनाया , कितना बड़ा मूर्ख है हिंदू ?
मैं हिंदू का संहारक हूँ , पर वे कहते मैं उद्धारक हूँ ;
झूठे – इतिहास की मेरी माया , इसी से उनका नायक हूँ ।
झूठे – इतिहास की गंदी – शिक्षा , बॉलीवुड का प्रोपेगैंडा ;
समाचार – चैनल हैं लालची , चला रहे मेरा एजेंडा ।
जब तक जिऊँगा राज करूँगा , मेरा है काला – साम्राज्य ;
मेरे साथी मजहब वाले , उनकी दम पर मेरा राज्य ।
मुझको केवल एक ही डर है , एक नया दल आया है ;
शत-प्रतिशत है हिंदूवादी, “एकम् सनातन भारत” आया है ।
धर्म – सनातन के अनुयायी , बिलकुल नहीं सेक्युलर हैं ;
सत्यनिष्ठ लोगों का दल है , धर्मनिष्ठ हैं और निडर हैं ।
“अंकुर-शर्मा” अध्यक्ष हैं इसके , अति-प्रवीण अधिवक्ता हैं ;
कानून की ताकत कूट-कूट कर , मुझको खतरा लगता है ।
महासचिव “संदीप-देव” हैं , पत्रकार हैं अद्वितीय ;
कड़वा – करेला नीम – चढ़ा है , समाचार हैं अद्वितीय ।
“इंडिया स्पीक्स डेली” चैनल है , जागरूक हिंदू को करता ;
जागरूक हो रहे हैं हिंदू , मरता हिंदू क्या न करता ?
लगता है आने वाली है , मेरी विदाई की बेला ;
मैं “अब्बासी-हिंदू नेता” , खत्म हो रहा मेरा खेला ।