संदीप देव लेकर आये हैं
राष्ट्रभक्त जितने भी नेता , उनसे ये ही कहना है ;
गुरुकुल शिक्षा मान्य बनाओ , हमको राष्ट्र बचाना है ।
झूठे-इतिहास की गंदी-शिक्षा , हमको इसे त्यागना है ;
सच्चा-इतिहास व हिंदू-गौरव , हर हिंदू को पढ़ना है ।
हर कीमत पर धर्म बचाओ , सत्य बचाओ-राष्ट्र बचाओ ;
हिंदू जागरण प्रारंभ हो चुका, देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
धर्म जिन्होंने त्याग दिया , जेहाद में उनको मरना है ;
वामी,कामी,जिम्मी,सेक्युलर, बेमौत ही इनको मरना है ।
धर्म उन्हीं की रक्षा करता , जो करते हैं धर्म की रक्षा ;
शत्रु-बोध जागृत हो जिनका , उनके ही जीवन की रक्षा ।
शत्रु-बोध जागृत करने को, धर्म-सनातन शरण में आओ ;
शत्रु-मित्र के भेद को समझो, शत्रु को जानो उसे मिटाओ ।
जो भी शत्रु को न पहचानें , अपनी जान गंवाते हैं ;
शत्रु – बोध जिनको होता है , वे ही शत्रु हराते हैं ।
एक नई शिक्षा परिषद हो , गुरुकुल शिक्षा परिषद हो ;
शस्त्र – शास्त्र की पूरी शिक्षा , हिंदू – शिक्षा परिषद हो ।
फौजी-शिक्षा,नैतिक-शिक्षा , सच्चे-इतिहास की शिक्षा हो ;
सच्चा-इतिहास ढूंढ कर लाओ, सत्य-ज्ञान की शिक्षा हो ।
धर्मनिष्ठ हों , राष्ट्रभक्त हों , विश्व-शांति के रक्षक हों ;
गुरुकुल से जो पढ़कर निकलें , हिंदू-धर्म के रक्षक हों ।
इसी तरह की शिक्षा पद्धति , संदीप देव लेकर आये हैं ;
कुरुक्षेत्र गुरुकुलम् फाउंडेशन , यही नाम रखवाये हैं ।
जगह – जगह शाखायें होंगी , पूरे भारतवर्ष में ;
धर्म – सनातन पुनर्स्थापित हो , शीघ्र ही भारतवर्ष में ।
एकमात्र है धर्म – सनातन , पूरे विश्व में छायेगा ;
बर्बर ,हत्यारा ,राक्षस ,दानव , दुनिया से मिट जायेगा ।
राम – राज्य हम ही लायेंगे , हिंदू – राष्ट्र बनायेंगे ;
पहले जो थी दुनिया हिंदू , फिर से उसे बनायेंगे ।
मानवता का धर्म यही है , धर्म – सनातन कहते हैं ;
इससे जो भी दूर हो गये , वे दानव बन जाते हैं ।
दानव भी वापस आयेंगे , वे मानव बन जायेंगे ;
कोई कब तक दूर रहेगा ? आखिर घर ही आयेंगे ।