मोदी सरकार को बदनाम करने और राहुल गांधि के फेक अभियान को आगे बढ़ाने के लिए जो पेटीकोट पत्रकार और बिकाऊ मीडिया देश में बेरोजगारी की डुगडुगी बजा रहे हैं उन्हें इन आकंड़ों पर ध्यान देना चाहिए। केंद्रीय सांख्यिकी दफ्तर से जारी आकंड़ों के मुताबिक मोदी सरकार ने सितंबर 2018 तक महज 13 महीने में 1.6 करोंड़ नई नौकरियां दी हैं। वहीं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने जारी आंकड़ों में कहा है कि सितंबर 2017 से लेकर नवंबर 2018 तक यानि पिछले 15 महीनों के दौरान देश में 73.50 लाख औपचारिक नौकरियां दी गई हैं। इसके अलावा देश के अलग-अलग विभागों और संस्थाओं द्वारा जारी आंकड़ों से यही साबित होता है कि देस में नौकरियों की कमी नहीं है।
जो लोग आज बेरोजगारी को मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं सच्चाई में उन्हें जमीनी हकीकत की कोई जानकारी ही नहीं है। आज देश में फैक्ट्रियों को कामगार नहीं मिल रहे, गांव में किसानों को मजदूर नहीं मिल रहे हैं। अगर बेरोजगारी की हालत विकट होती तो क्या गांव से लेकर शहर तक यह हाल होता?
पिछले चार साल में ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में 1.3 करोड़ और मोबाइल क्षेत्र में 6.7 लाख नौकरियां सृजित हुई हैं
यह आंकड़ा स्वयं इंडियन सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिकस एसोसिएशन ने जारी किया है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन चार सालों में देश में 268 मोबाइल हेंडसेट बनाने वाली इकाइयां लगाई गई है। इससे मोबाइल निर्माण क्षेत्र में करीब 6.7 लाख नौकरिया सृजित हुई हैं। वहीं भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माण क्षेत्र में पिछले साढ़े चार साल में 1.3 करोड़ नौकरियां सृजित हुई हैं। यह डाटा किसी और ने नहीं बल्कि सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ने जारी किया है। उनका कहना है कि अकेले यातायात क्षेत्र में इतनी नौकरियों का सृजन बताता है कि देश में नौकरियों की कोई कमी नहीं रही है।
अकेले पर्यटन क्षेत्र में 1.42 करोड़ लोगों को आजीविका मिली है
देश में केले पर्यटन क्षेत्र में पिछले चार सालों में 1.42 करोड़ लोगों को आजीविका मिली है। यह आंकड़ा पर्यटन विभाग ने जारी किया है। पर्यटन विभाग का कहना है पिछले चार सालों में इस क्षेत्र में 1.42 करोड़ आजीविका सृजित की गई हैं। वहीं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत पिछले चार सालों में 12.9 लाख लोगों को नौकरिया दी गई हैं।
सूचना तकीनीक क्षेत्र ने तीन सालों में 6 लाख नौकरियां दी हैं
मोदी सरकार के कार्यकाल में न केवल वर्तमान बेरोजगारी को ध्यान में रखकर नीतिया बनाई हैं बल्क भविष्य को भी ध्यान में रखा गया है। तभी तो सूचना तकनीकी क्षेत्र में न केवल पिछले तीन सालों में छह लाख नौकरिया सृजित की गई है बल्कि आने वाले सालों में इस क्षेत्र में बेशुमार नौकरी सृजन की संभावना है। इस मामले में नैसकॉम ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबित अभी तीन सालों में जहां छह लाख नौकरिया सृजित हुई है वहीं 2025 तक ढाई से तीन मिलियन नई नौकरियां सृजित होंगी।
नवीकरण ऊर्जा और जल संसाधन क्षेत्र में 2.64 करोड़ नौकरियां मिली हैं
इतना ही नहीं नवीकरण ऊर्जा क्षेत्र ने तो महज एक साल में ही 1.64 लाख नौकरियां लोगों को दी हैं। अंतरराष्ट्रीय नवीकरण उर्जा एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में नवीकरण ऊर्जा ने 1.64 लाख नौकरियों का सृजन किया है। जबकि जल संसाधन मंत्रालय ने नौकरियों को लेकर जो रिपोर्ट जारी की है उसके मुताबकि पिछले चार सालों में देश में एक करोड़ रोजगार का सृजन किया है। वहीं मुद्रा योजना के तहत पिछले चार सालों में करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों ने सेल्फ इंप्लॉयमेंट शुरू किया है। कहने का मतलब नहीं मोदी सरकार ने न केवल जॉ सीकर को जॉब दी है बल्कि देश के करोड़ों युवा को जॉब क्रिएटर भी बनाया है। 3.49 करोड़ लोगों ने अपना उद्यम शुरू किया है।
हाउसिंग क्षेत्र में 6.07 करोड़ आजिविकाओं का सृजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो देश में सबके लिए घर जैसी योजनाएं शुरू की हैं उसमें लोगों को घर ही नहीं मिल रहा है करोड़ो लोगों को आजीविका भी मिली है। नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) के आंकलन के मुताबिक पिछले साढ़े चार सालों में इस क्षेत्र में 6.07 करोड़ आजीविकाएं सृजित हुई हैं। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साह योजना के तहत एक करोड़ लोगों को आजीविका का लाभ मिला है। एक इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक रियलिटी एंड कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 1.2 करोड़ कार्यबल को रोजगार दिया गया है। यह आंकड़ा मजह तीन साल का है। रिपोर्ट के मुताबिक सबकुछ 2022 तक इस क्षेत्र में और 1.5 करोड लोगों को रोजगार दिया जाएगा
इसी प्रकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने पिछले चार सालों में करीब पांच लाख प्रत्यक्ष और परोक्ष नौकरियां सृजित की है। एसोचैम के ग्रांट थोर्टन ने जो अपना शोध पत्र लिखा है उसमें बताया गया है कि इस क्षेत्र में साल 2024 तक 9 मिलियन जॉब क्रियेट होगा।
सरकारी योजनाओं से सृजित रोजगार
देश भर में चल रही अलग-अलग केंद्रीय योजनाओं के तहत भी करोड़ों रोजगार सृजित किए गए हैं। अकेले मनरेगा के तहत करोड़ो लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है। इस केंद्रीय योजना के तहत चार सालों में 787.55 करोड़ दिनों का कार्य उपलब्ध कराया गया है। वहीं ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत 3.57 लाख नौकरियां उपलब्ध कराई गई है। इतना ही नहीं इन चार सालों में शहरी आजीविका अभियान के तहत पिछले चार सालों में 3.23 लाख जॉब जेनरेट हुए हैं। इसके अलावा राजमार्ग परियोजनाओं के तहत पिछले चार सालों में 50 करोड़ कार्य दिवस का रोजगार मुहैया कराया गया है। इतने रोजगार सृजन के बाद भी कांग्रेस और उसके पेटीकोट पत्रकार रोजगार का रोना रोने में जुटे हैं।
रेलने एक लाख नौकरियां दे चुका है और अगले दो साल में चार लाख नौकरियां देगा
रेलवे देगा दो साल में दो लाख नौकरियां
यह तो सर्वविदित है कि रेलवे देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला विभाग है। हाल ही रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया था कि रेलवे के सुरक्षा विभाग में एक लाख लोगों को नौकरी दी जा चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने अगले दो साल में चार लाख लोगों को नौकरी देने की घोषणा की है। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी नौकरियों की असीम संभावनाएं बढ़ी हैं। श्रम सांख्यिकी डेटा ब्यूरो के मुताबिक इस क्षेत्र में साल 2026 तक चार मिलियन नौकरिया सृजित होंगी। मोदी सरकार ने देश में 2.22 लाख सामान्य सेवा केंद्र खोलकर नए रोजगारों का सृजन किया है। पिछले साढ़े चार सालों में सामान्य सेवा केंद्र ने 6 से 8 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजित किया है।
कपड़ा उद्योग और दूरसंचार क्षेत्र में सृजित होंगी 69 लाख नौकरियां
उद्योग संगठनों का कहना है कि अगले पांच सालों में कपड़ा उद्योग में 29 लाख नौकरियां निकलेंगी। इतना ही नहीं दूरसंचार क्षेत्र में साल 2022 तक 40 लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी। इसके साथ ही सागरमाला, वाटरवेज तथा फ्राइट कॉरिडोर आदि क्षेत्रों में अगले चार साल में 30 लाख नए जॉब क्रिएट होंगे। इसके साथ ही शुरू होने वाला भारत का सबसे बड़ा इंफ्रा प्रोजेक्ट के तहत एक करोड़ नौकरियां सृजित होंगी। प्रधानमंत्री आयुष्माण भारत परियोजना के तहत पांच सालों में दो लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी। फिक्की और कंसल्टिंग कंपनी केपीएमजी के मुताबिक डायरेक्ट सेलिंग कंपनी देश में 2025 तक 1.8 करोड़ नौकरियां सृजित करेंगी। वहीं वाहन उद्योग में 2026 तक प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 6.5 करोड़ नौकरियां सृजित होंगी।
देश के अलग-अलग संगठनों और ब्यूरो से मिले आंकड़ों से तो यही साबित किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ अपने वर्तमान कार्यकाल को ध्यान में रखकर देश की नीतिया नहीं बनाई हैं। बल्कि उन्होंने वर्तमान पर ध्यान देते हुए भविष्य में सुखद भारत की परिकल्पणा करते हुए युवाओं के भविष्य को भी सुरक्षित करने की योजना तैयार कर ली है। इन आंकड़ों से साफ है कि न केवल वर्तमान में देश में रोजगार की स्थिति अच्छी कही जा सकती है बल्कि भविष्य में भी रोजगार की कोई कमी नहीं रहने वाली है।
URL 1.6 million new jobs have been given in just 13 months !
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