जहरीला जुबान रखने वाले उमर खालिद के खिलाफ कड़कड़डूमा कोर्ट में 100 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया गया । उस पर दिल्ली दंगों की साजिश रचने और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया है।
साल के आखिरी दिन बृहस्पतिवार को क्राइम ब्रांच ने दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में उमर खालिद के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल की।क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने,
दंगों की साजिश रचने और देशविरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है। करीब 100 पेजों की चार्जशीट में कहा है कि 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी और ताहिर हुसैन ने मिलकर
दिल्ली दंगों की योजना बनाने के लिए मीटिंग की और इस दौरान उमर खालिद ने नागरिक कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया तथा बेहद भड़काऊ भाषण दिए।
इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए मुस्लिम लोगों को भड़काया । आरोप पत्र में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया ,उसके लिए आने-जाने और रुकने का पैसा प्रदर्शनकारियों के कर्ता-धर्ता इंतजाम करते थे।
आरोपपत्र में कहा गया है कि युनाइटेड अगेंस्ट हेट नामक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया था और इसके जरिये भी दिल्ली हिंसा की प्लानिंग की गई थी। इस ग्रुप के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित किए गए थे
जबकि जांच में पाया गया कि यह व्हाट्सएप ग्रुप वामपंथी विचार के पोषक राहुल राय ने बनाया था। आरोप पत्र में दंगों के मास्टमाइंड को लेकर कहा गया है कि 8 जनवरी को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी और ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की प्लानिंग के लिए एक मीटिंग की थी।
दंगों को पूरे देश में भड़काने के लिए उमर खालिद ने कई राज्यों का दौरा किया भी किया था। इस दौरान उसने भड़काऊ भाषण देकर नागरिकता कानून के खिलाफ लोगों को दंगे के लिए उकसाया था।
क्राइम ब्रांच ने अपने आरोप पत्र में राहुल राय नाम के जिस शख्स का भी जिक्र किया है। उस पर आरोप है कि उसने दंगों की साजिश रचने के लिए इन सभी आरोपियों का समर्थन किया था। राहुल राय ने दिल्ली सपोर्टर प्रोटेस्ट नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था,
जिसके जरिए दिल्ली हिंसा की साजिश रची गई थी और एंटी CAA प्रदर्शन की आड़ में हिन्दू विरोधी दंगों को अंजाम दिया गया। ज्ञात हो कि इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम के ख़िलाफ UAPA के तहत 200 पन्नों की पूरक आरोप पत्र दाखिल की थी।
आरोपपत्र में कहा गया की, खालिद ने दूर से इन दंगों को कंट्रोल किया था, जिसके कारण 53 लोगों की जान चली गई। उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान इन दंगों को भड़काया,
ताकि इस पूरे मामले को अंतरराष्ट्रीय कवरेज मिले और नागरिक कानून को लेकर केंद्र के मोदी सरकार पर दबाव बने। पूरक आरोप पत्र स पहले मूल आरोप पत्र तकरीबन 930 पेज की थी।
930 पेज की आरोप पत्र में 197 पेज सिर्फ आरोप पत्र है, तो 733 पेज में दस्तावेज हैं। इसमें कहा गया कि उमर खालिद ने नागरिक कानून के संसद में पास होते ही अपनी जैसी मानसिकता वाले लोगों को बढ़ावा दिया।
उसने जेएनयू और जामिया के मुस्लिम स्टूडेंट को प्रेरित किया और फिर इसी समूह का इस्तेमाल दिल्ली में हिंसा भड़काने के लिए किया गया। सनद रहे कि UAPA ACT के तहत अदालत संज्ञान ले चुका है ।
24 नवंबर को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।
पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17 और 18 के अलावा आईपीसी की
धारा 120बी, 109, 124ए, 147, 148, 149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए हैं।