अर्चना कुमारी। राष्ट्रीय महिला आयोग को पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध की 28,811 शिकायतें प्राप्त हुईं और इनमें से लगभग 55 प्रतिशत उत्तर प्रदेश से थीं। साल 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में यूपी टॉप पर है और यहां बीजेपी की सरकार है। यूपी में दर्ज हुए 16,109 मामले और ये पूरे देश के मामलों का तकरीबन 55 प्रतिशत हिस्सा है।
दूसरे नंबर पर दिल्ली तो तीसरे पर महाराष्ट्र का नाम है जहां बीजेपी की गटबंधन सरकार है। मतलब बीजेपी महिलाओं पर होने वाली हिंसा को रोकने में विफल रही है। एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा शिकायतें गरिमा के अधिकार श्रेणी में प्राप्त हुईं, जिसमें घरेलू हिंसा के अलावा अन्य उत्पीड़न शामिल है। ऐसी शिकायतों की संख्या 8,540 थी।
इसके बाद घरेलू हिंसा की 6,274 शिकायतें आईं। आंकड़ों में कहा गया कि दहेज उत्पीड़न की 4,797, छेड़छाड़ की 2,349, महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की 1,618 और बलात्कार तथा बलात्कार के प्रयास की 1,537 शिकायतें मिलीं। आयोग के अनुसार, यौन उत्पीड़न की 805, साइबर अपराध की 605, पीछा करने की 472 और झूठी शान से संबंधित अपराध की 409 शिकायतें दर्ज की गईं।
आंकड़ों में कहा गया कि उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 16,109 शिकायतें मिलीं, जिसके बाद दिल्ली से 2,411 और महाराष्ट्र से 1,343 शिकायतें प्राप्त हुईं। वर्ष 2022 के बाद से शिकायतों की संख्या में कमी देखी गई है जब 30,864 शिकायतें प्राप्त हुई थीं जो 2014 के बाद से सर्वाधिक आंकड़ा था।