अर्चना कुमारी। जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के मौके पर हुए दंगे के मामले में फरार चल रहे एक बदमाश को क्राइम ब्रांच गिरफ्तार किया । मामले में 39वीं गिरफ्तारी है जबकि आरोपी की पहचान सांवर मलिक उर्फ अकबर उर्फ कालिया के रूप में हुई है। पूछताछ में पता चला कि घटना वाले दिन उसने पुलिस टीम और स्थानीय लोगों पर पथराव किया था। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया था।
पुलिस का कहना है कि दो अगस्त को हेडकांस्टेबल नितिन और नवल जहांगीरपुरी इलाके में मौजूद थे। इस दौरान उन्हें मुखबिर ने बताया कि जहांगीरपुरी दंगों में सांवर मलिक उर्फ अकबर फरार चल रहा है। उसे कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर रखा है। वह अभी सी-ब्लॉक में मौजूद है। यह भी पता चला कि अगर उसे नहीं पकड़ा गया तो वह पश्चिम बंगाल भाग सकता है। इस जानकारी पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और सांवर मलिक को पकड़ने की कोशिश की।
इस दौरान उसने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर पथराव कर भागने की कोशिश की, लेकिन शातिर फरार आरोपी पुलिस की पकड़ में आ गया। उसके खिलाफ जहांगीरपुरी थाने में मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार आरोपी चौथी कक्षा तक पढ़ा है। वह कबाड़ी का काम करता है। 2016 में पहली बार उसे चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ हत्या प्रयास का मामला भी दर्ज है। उसके खिलाफ कुल छह आपराधिक मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं।
हनुमान जयंती वाले दिन उसने लोगों पर पथराव करने के साथ ही बोतले भी फेंकी थी। पुलिस टीम पर भी उसने हमला किया था। 22 जुलाई को उसे अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था। गौरतलब हो कि उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल हुनमान जयंती पर पथराव किया गया। जांच में सामने आया था कि 10 अप्रैल राम नवमी से ही हिंसा के आरोपियों ने 16 अप्रैल हुनमान जयंती पर हिंसा करने की योजना बनाई थी। योजना के तहत घरों की छतों पर पत्थर और कांच की बोतलें रखी थी, ताकि हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान पथराव किया जा सके।
16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दौरान जब शोभा यात्रा सी ब्लॉक मस्जिद के पास पहुंची तब आरोपियों ने साजिश के तहत भीड़ को उकसाते हुए शोभा यात्रा को रोका और रोकने के दौरान पथराव शुरू हो गया। मामले में पुलिस अब तक गिरफ्तार आरोपियों के पास से तलवार और देसी कट्टे बरामद कर चुकी है और इस हिंसा के तीन मास्टरमाइंड तबरेज अंसारी, मोहम्मद अंसार और इशर्फिल थे।
वहीं दिल्ली पुलिस अब तक इस हिंसा में तीन नाबालिग समेत 38 लोगों को पूर्व में पकड़ चुकी है। पश्चिम बंगाल के हल्दिया का रहने वाला सनवर मलिक पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि हनुमान जयंती के अवसर पर उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर लोगों को भड़काया था और ‘‘विपक्षी समूह’’ एवं ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों पर पत्थर एवं कांच की बोतलें फेंकी थीं।
पुलिस ने बताया कि हवलदार नितिन की शिकायत पर उसकी मदद करने वाले स्थानीय लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (लोक सेवक को उसका काम करने से रोकना), 353 (लोक सेवा को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए हमला करना या आपराधिक बल प्रयोग करना) और 34 (साझा इरादे) के तहत एक अन्य मामला दर्ज किया गया है।