बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आज की भारतीय राजनीति में रामविलाश पासवान का नया नाम ही रख दिया मौसम विज्ञानी, लेकिन भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा तो उनसे भी एक कदम आगे निकले। उन्होंने तो हवा का ऐसा रुख भांपा कि भाजपाई समझते रहे कि वह उनके पक्ष में है, वही कांग्रेसी उनपर अपना दावा जताते रहे! कांग्रेस को जब लगा कि मिश्रा राम मंदिर पर निर्णय दे देंगे तो वे उनके खिलाफ महाभियोग लेकर आ गयी, मिश्रा ने अयोध्या पर ऐसा निर्णय दिया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने-अपने पक्ष में इसे मानते रहे। मिश्रा के खिलाफ प्रेस वार्ता करने वाले न्यायधीसों को लगा कि वे उनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे किन्तु मिश्राजी ने उन्ही में एक को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। मिश्र जी की अजब माया उनके पूरे कार्यकाल में हावी रही।
भारत के मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा आज से पूर्व मुख्य न्यायधीश हो गए। वैसे तो उनका नाम भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में 45वें मुख्य न्यायधीश के रूप में अंकित हो चुका है, लेकिन उनका कोई कार्य या कोई निर्णय इतिहास में शायद ही जगह बना पाए। क्योंकि उन्होंने हमेशा ही एक अच्छे मौसम वैज्ञानिक की ही भूमिका निभाई। चाहे 2-जी घोटाला का मामला हो या अयोध्या विवाद का मामला हो या तीन तलाक का मामला। उन्होंने समय के हिसाब से ही निर्णय लिया। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान शायद एक भी ऐसा फैसला किया हो जो न्यायपालिका के इतिहास में अंकित हो सके।
मुख्य बिंदु
* उनका एक भी निर्णय आज तक भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में अंकित लायक नहीं
* 2-जी स्कैम मामले में दीपक मिश्रा ने सुब्रमनियन स्वामी तथा प्रशांत भूषण की याचिकाएं रद कर दी
जहां तक हो सका इस मामले को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने हमेशा लटकाने का ही फैसला दिया। मसलन, 2009 के जून-जुलाई में जब 2-जी घोटाले का खुलासा हुआ और सुब्रमनियन स्वामी तथ प्रशांत भूषण ने इस मामले में उनके कोर्ट में याचिका दायर की तो उन्होंने इन दोनों की याचिकाओं को खारिज कर दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट में तत्कालीन कनिष्ठ जज एसएच कपाड़िया ने 2-जी मामले पर ऐतिहासिक फैसला दिया जबकि मिश्रा सिर्फ यूपीए सरकार की निंदा करने में जुटे रहे। पूर्व मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा के बारे में वरिष्ठ पत्रकार जे गोपीकृष्ण ने कहा है कि अगर न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा याद भी किए जाएंगे तो एक मौसम वैज्ञानिक के रूप में!
Dipak Misra is real Mausam Vygyanik- as Delhi HC CJ in mid 2009, he rejected @Swamy39 & @pbhushan1 petitions in 2G Scam. But in mid 2012 as Junior most Judge in SC's Presidential Reference headed by CJI SH Kapadia on 2G landmark Judgment he was over active in criticizing UPA Govt https://t.co/3RPTUidyEa
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) October 1, 2018
Dipak Misra is a Mausam Vygyanik & Status Quoist. Black mark in career was Medical College Scam & arrest of HC Judge Quddusi, leading to 4 Judges rebellion. When as Delhi HC CJ, he politely told @Swamy39 – Please test your wisdom before SC in 2G case, while rejecting petition ? …
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि न्यायमूर्ति दीपक मिश्र अपने कार्यकाल में हमेशा ही यथास्थिति के पक्षधर रहे है। ऐसा भी नहीं कि उनका करियर हमेशा दागरहित हो। उनके करियर के दौरान कई दाग लगे हुए हैं। उदाहरण के तौर पर मेडिकल कॉलेज घोटाला, हाईकोर्ट के जज कद्दूसी की गिरफ्तारी तथा चार समकक्ष जजों की बगावत जैसे कई मामले हैं जो उनके करियर में दाग के रूप में याद किए जाएंगे। इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश रहने के दौरान न्यायमूर्ति मिश्रा ने ही 2 जी मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने से पहले सुब्रमनियन स्वामी को अपनी बुद्धिमत्ता जांच कराने को कहा था। 2जी मामले में स्वामी की याचिका निरस्त करने के दौरान उन्होंने यह बात कही थी।
इससे स्पष्ट होता है कि न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा हमेशा ही हवा के रुख को भांपकर अपना निर्णय देते रहे हैं, इसलिए इतने दिनों तक न्यायपालिका के अहम ओहदे पर रहते हुए कोई यादगार फैसला उनके नाम से जुड़ा नहीं है।
URL: 45th Chief Justice of India Dipak Mishra will be known as weather scientist
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