विपुल रेगे। कोरोना के कारण फिल्म उद्योग के दो वर्ष घाटे में रहे थे लेकिन सन 2021 का वर्ष जाते-जाते इस मरणासन्न उद्योग को कुछ ऑक्सीजन देकर जा रहा है। ऐसा नहीं कहा जा सकता कि हिन्दी फिल्म उद्योग ने आय के मामले में बड़ी उछाल मारी हो लेकिन इतना अवश्य है कि बॉलीवुड कम से कम बैसाखियों टिकने लायक आय तो अर्जित कर ही गया। तेलुगु फिल्म उद्योग ने कोरोना के बावजूद आय का फ्लो बनाए रखा है। वर्ष के अंत में स्पाइडर मैन नो वे होम, पुष्पा, सूर्यवंशी और 83 ने बॉक्स ऑफिस की खिड़कियां तोड़ डाली। जाते-जाते इस वर्ष ने ये आशा जगाई कि थियेटर का जादू कभी खत्म नहीं किया जा सकेगा।
सन 2021 के अंतिम छोर पर खड़ा बॉलीवुड संशय में है। बीते दो वर्ष में थिएटर बंद होने और दर्शकों का फिल्मों के प्रति मोह कम होने के कारण फिल्म उद्योग को भारी क्षति उठानी पड़ी है। आंकड़ों के अनुसार बीते दो वर्षों में बॉलीवुड को लगभग 900 करोड़ का आर्थिक नुक़सान हुआ है। इस बड़े नुकसान ने निर्माताओं को भारी संकट में ला खड़ा किया है।
कोरोना काल में हमने देखा कि बॉलीवुड का वह ‘स्टार सिस्टम’ क्रेश हो गया, जिसके आधार पर उसकी फ़िल्में बड़ी ओपनिंग खेला करती थी। विगत बीस वर्ष में बॉलीवुड फ़िल्में कंटेट पर बेस्ड न होकर स्टार बेस्ड हो गई थी। उस सिस्टम का क्रेश होना फिल्म उद्योग के अचानक गिरने का कारण बना है। सलमान ख़ान, शाहरुख़ खान और आमिर खान की फ़िल्में अब लगातार पिट रही है।
अक्षय कुमार बॉक्स ऑफिस पर विश्वसनीय नहीं रहे हैं। ओटीटी के बढ़ते प्रभाव ने स्टार सिस्टम को तबाह करने में बड़ी भूमिका निभाई है। ये एक शुभ संकेत है कि पिछले दो वर्ष में उन्हीं फिल्मों ने सफलता अर्जित की, जिनका कंटेंट मजबूत था सन 2021 का शुभारंभ पंकज त्रिपाठी की फिल्म ‘कागज़’ से हुआ था। ओटीटी पर प्रदर्शित ये फिल्म अपने शानदार कंटेंट के बल पर सफल रही।
कागज़ की अच्छी शुरुआत को बाकी फ़िल्में कायम नहीं रख सकी। बड़े बैनर की फ़िल्में बुरी तरह पिट गई। यश राज फिल्म्स की ‘संदीप और पिंकी फरार’, राम गोपाल वर्मा की ‘ डी कंपनी’ और सलमान ख़ान की ‘राधे’ औंधे मुंह गिरी। अजय देवगन की बड़ी फिल्म ‘भुज: द प्राइड ऑफ़ इंडिया’ को दर्शकों ने नकार दिया। अक्षय कुमार की बेल बॉटम ने जैसे तैसे लागत वसूल की।
कंगना रनौत की उत्कृष्ट फिल्म ‘थलाइवी’ को निर्माता और थियेटर लॉबी के विवाद के कारण थियेटर ही नहीं मिले और ये एवरेज फिल्म बनकर रह गई। नारी स्वतंत्रता वाली अधिकांश फ़िल्में पिटी। काजोल की ‘त्रिभंगा’, सान्या मल्होत्रा की ‘पगलेट’ और ऋचा चड्ढा की ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ कब आई-गई, पता ही नहीं चला। जिन फिल्मों ने फिल्म उद्योग को सहारा दिया, उनसे किसी ने उम्मीद भी नहीं की थी।
इस वर्ष सिद्धार्थ मल्होत्रा की ‘शेरशाह’ का युवाओं में बहुत क्रेज रहा। शेरशाह ने 136 करोड़ का कलेक्शन किया। अक्षय कुमार की सूर्यवंशी को बड़ी हिट बताया जा रहा है लेकिन सत्य ये है कि अपने भारी बजट के चलते ये आंशिक लाभ ही अर्जित कर सकी। सुपर स्टार आयुष्यमान खुराना ने साल के अंत में एंट्री ली किन्तु प्रभावी नहीं रहे। ट्रांसजेंडर विषय पर बनी उनकी ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ एवरेज सफलता ही प्राप्त कर सकी।
वर्ष का सबसे आखिरी माह बॉलीवुड के लिए शुभ सिद्ध हुआ। रणवीर सिंह की पहली क्रिकेट विश्व विजय पर बनी ’83’ ने बॉक्स ऑफिस पर कहर बरपा दिया। थियेटर स्टेडियम में परिवर्तित होते दिखाई दिए। कलेक्शन हर दिन के साथ बढ़ते ही जा रहे हैं। इस फिल्म ने अब तक 90 करोड़ से अधिक जुटा लिए हैं। ’83’ एक ऐसी सफलता थी, जो बॉलीवुड को इस वर्ष के शुरु में मिलनी चाहिए थी।
यही वह फिल्म थी, जिसकी बॉलीवुड को आवश्यकता थी। वर्ष के अंतिम दिन शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ प्रदर्शित होने जा रही है। ये फिल्म भी क्रिकेट पर बनाई गई है। ’83’ से क्रिकेट का जो वातावरण बन गया है, उसका लाभ जर्सी को भी होता दिखाई दे रहा है। इस वर्ष कुछ फिल्मों ने डूबता बॉलीवुड संभाल लिया है किन्तु अगले वर्ष क्या होगा कहना मुश्किल है। नए वर्ष में बॉलीवुड बदला सा दिखाई देगा।
वर्ष की शुरुआत एस एस राजामौली की ‘आर आर आर’ से होने जा रही है। ट्रेड पंडितों के अनुसार राजामौली की फिल्म जो बढ़त प्राप्त करेगी, किसी और हिन्दी फिल्म का उसको पार कर पाना एवरेस्ट की चढ़ाई करने जैसा काम होगा।
2021 की सफल फ़िल्में
पुष्पा (तेलुगु, थियेटर )
83 (थियेटर)
सूर्यवंशी (थियेटर)
शेरशाह (ओटीटी)
मिमी (ओटीटी)
कागज़ (ओटीटी)
हिम्मत सिंह स्पेशल ऑप्स 1.5
साइलेंस : कैन यू हिअर इट (ओटीटी)
द बिग बुल (ओटीटी)
स्टेट ऑफ़ सीज : टेम्पल अटैक (ओटीटी)
डायल 100 (ओटीटी)
200 हल्ला हो (ओटीटी)
हम दो हमारे दो (ओटीटी)
मीनाक्षी सुंदरेश्वर ( ओटीटी)
बॉब बिस्वास ( ओटीटी)
420 आईपीसी
बड़ी फ्लॉप फ़िल्में
राधे (ओटीटी)
मैडम चीफ मिनिस्टर (ओटीटी)
शेरनी (ओटीटी)
त्रिभंगा (ओटीटी)
तूफान (ओटीटी)
संदीप और पिंकी फरार (ओटीटी)
हंगामा : 2 (ओटीटी)
भुज : द प्राइड ऑफ़ इंडिया (ओटीटी)
बेल बॉटम (ओटीटी)
चेहरे (ओटीटी)
भूत पुलिस (ओटीटी)
थलाइवी (थियेटर )
रश्मि रॉकेट (ओटीटी)
सनक (थियेटर )
भवई (थियेटर _
स्कवॉड (ओटीटी)