क्या पत्रकार खासकर किसी चैनल विशेष के एंकर होने का मतलब अपना आचार-विचार भूल जाना होता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देश के राष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्रियों को गाली देने का लाइसेंस मिल गया होता है? अगर नहीं तो फिर उन एंकरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों न हो जो पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के मेहमान के सामने अपने ही देश के राष्ट्रपति का अपमान किया हो? उन एंकरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों न हो जो अपने सूचना प्रसारण मंत्रालय का प्रभार देख रही महिला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को तीसरे दर्ज के सीरियल में काम करने वाली कलाकार बताया हो। इसमें सबसे खास बात है कि ये सब हरकतें उस टीवी न्यूज चैनल पर हुई है जिसके मालिक भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं।
मुख्य बिंदु
* विशेषज्ञों ने भी दोषी एंकर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के पक्ष में दिए हैं बयान
* जिस चैनल पर न्यूज एंकर ने राष्ट्रपति को अपमान किया उसका मालिक भाजपा सांसद हैं
जग जाहिर है कि चुनाव तक आरोप-प्रत्यारोप चलता है लेकिन एक बार संवैधानिक पद पर बैठने के बाद वह व्यक्ति पूरे देश के लिए सम्मानीय हो जाता है। रामनाथ कोविंद देश के राष्ट्रपति के रूप में पूरे देश के लिए सम्माननीय हैं, इससे कोई चैनल या फिर उसका एंकर अलग नहीं होता है। कोविंद का अपमान करना राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के साथ पूरे देश का अपमान करना होता है। भले ही आप किसी भी विचारधारा के पोषक हों।
इस मामले में विशेषज्ञों ने भी घोर आपत्ति की है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति कार्यालय के मूल्य के अवमानना करने तथा सूचना और प्रसारण मंत्री के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने वाले कम्युनिस्ट एंकरों और उस चैनलों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। दरअसल एक खास मलयालम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के एंकरों ने सभ्यता और शिष्टता की अपनी सारी सीमाएं लांघ दी है। भाजपा के राज्य सभा सांसद राजीव चंद्रशेखर के स्वामित्व वाले चैनल एसियानेट के एंकर जिम्मी जेम्स ने अपने शो के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए अपमानजनक शब्द का प्रयोग किया। उसने राष्ट्रपति के लिए इस प्रकार के अपमानजनक शब्द का प्रयोग एक डिबेट शो के दौरान किया जो उसने पुरस्कार लेने से इनकार करने वाले कलाकारों को लेकर कर रहा था। इस शो के दौरान इस्लामी चरमपंथी संगठन जमात-ए-इसलामी के स्वामित्व वाले चैनल के एंकर ने तो एक कदम आगे बढ़कर राष्ट्रपति के लिए यहां तक कह गया कि ‘उस शख्स को तो अपने घर में बैठे रहना चाहिए’ ।
वहीं मातृभूमि जैसे चैनल के प्रमुख एंकर कॉमरेड वेनु ने तो उस समय अपनी हद पार कर दी जब उसने केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी को लेकर अभद्र और अश्लील टिप्पणी की। गौर हो कि इस चैनल का मालिक जनता दल सेक्युलर के राज्य सभा सांसद वीरेंद्र कुमार हैं। वह भी एक डिबेट शो का संचालन कर रहा था। शो के दौरान उन्होंने ईराने के बारे में कहा कि हमारी सूचना और प्रसारण मंत्री एक थर्ड ग्रेड के टीवी सीरियल की अभिनेत्री हैं। वही यहीं नहीं रुका उसने दैहिक भाषा का इस्तेमाल करते हुए उस शो में भाग ले रहे भाजपा के नेताओं की ओर मुखातिब होते हुए कहा ” हम सब आपके सांस्कृतिक और राजनीतिक जागरूकता से वाकिफ हैं, हम जानते हैं कि कैसे आपलोग एक सीरियल की अभिनेत्री को कैबिनेट मंत्री बना देते हैं “।
हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं कि इस प्रकार की टिप्पणी कर कॉमरेड एंकर ने न केवल अपनी बल्कि अपनी विचारधारा के साथ अपने खानदान का परिचय दे दिया कि आखिर उनकी नजरों में महिला का क्या सम्मान है। लेकिन यहां मामला समझने भर का नहीं है। यहां मामला किसी संवैधानिक पद की गरिमा का है। यहां व्यक्ति नहीं पद महत्वपूर्ण होता है। किसी व्यक्ति का सम्मान किसी का व्यक्तिगत मामला हो सकता है लेकिन संवैधानिक पद किसी भी के लिए व्यक्तिगत मामला नहीं हो सकता है। वेनु ने यहां संवैधानिका पद का न केवल अपमान किया है बल्कि उसे गाली दी है। इसलिए उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। अभिव्यक्ति के नाम पर आप को व्यभिचार फैलाने का हक नहीं मिल जाता है।
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