अर्चना कुमारी। सोशल मीडिया के सशक्त माध्यम टि्वटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक तथा व्हाट्सएप आदि खुद को भारतीय कानून से ऊपर मानते हैं। इस बार भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने इंस्टाग्राम के खिलाफ है और आरोप लगाया है कि इंस्टाग्राम पर भगवान शिव का अपमान किया गया है। भाजपा नेता की शिकायत पर पुलिस जांच किए जाने के लिए दावा किया।
पुलिस सूत्रों का कहना है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लेकर चल रहे विवाद के बीच एक और मामला तब सामने आया जब दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने इंस्टाग्राम के खिलाफ मामला दर्ज कराया। भाजपा नेता मनीष सिंह दिल्ली कैंट से भाजपा के विधानसभा उम्मीदवार थे लेकिन उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी से मुंह की खानी पड़ी थी ।
उन्होंने दिल्ली के संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में इंस्टाग्राम के सीईओ और अन्य अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। उनका कहना है इंस्टाग्राम पर शिव की-वर्ड सर्च करने पर शिव की तस्वीर को गलत तरीके से दिखाया गया। दावा किया गया कि इंस्टाग्राम पर भगवान शिव के एक हाथ में वाइन का ग्लास है, तो वहीं दूसरे हाथ में फोन दिखाया गया है।
अपने दावे की पुष्टि के लिए बीजेपी नेता मनीष सिंह की ओर से इसकी कुछ तस्वीरें भी साझा की । इससे पहले भाजपा नेता संबित पात्रा के ट्वीट को लेकर ट्यूटर में इसे मैनिपुलेटेड करार दिया था लेकिन अपने दावों की पुष्टि के लिए उसने कोई भी प्रमाण पुलिस के समक्ष पेश नहीं किया। दिल्ली पुलिस ने ट्विटर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए उसके दो कार्यालय पर भी गई थी लेकिन ट्यूटर से जो सहयोग पुलिस को मिलना था वह नहीं मिला, जिससे पूरा मामला गरमा गया था।
इस बारे में ट्विटर का कहना था कि भारत सरकार पुलिस के जरिए सच को दबाना चाहती थी लेकिन पुलिस का कहना है कि यह मामला अभी तक जांच के दायरे में है और ट्यूटर को क्लीन चिट नहीं दिया गया है। इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है।
इनमें अमेज़न पर कर्नाटक के झंडे के रंग वाली बिकिनी बेची जा रही थी, जिसके बाद आपत्ति जाहिर की गई, फिर उसे हटाया गया, इसके अलावा कई और मामले है जिसको लेकर सोशल मीडिया की भारत में कई बार किरकिरी हो चुकी है, वैसे भी इस वक्त भारत सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बीच विवाद चल रहा है।
सोशल मीडिया पर नकेल कसने के लिए सरकार नए आईटी रूल्स लाए हैं, लेकिन ट्विटर समेत कुछ अन्य प्लेटफॉर्म ने इसपर आपत्ति जाहिर की है, वैैसे केंद्र सरकार का रुख है कि सभी को भारत का कानून मानना होगा। भारत सरकार के इस कदम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खलबली मची हुई है और सोशल मीडिया अब नियंत्रण खोकर भारतीय अस्मिता को क्षति पहुंचाने में जुटे हैं।