दयानंद पांडेय। बताइए कि जब सूचना प्रसारण मंत्री रवि शंकर प्रसाद का ही ट्वीटर अकाऊंट ही एक घंटे के लिए लाक कर दिया गया , किसी अमरीकी कानून के तहत तो फिर बाकी लोगों का हाल समझा जा सकता है।यह सरकार सिर्फ़ घुड़की देती रहेगी। और ट्वीटर सरकार और लोगों के सिर पर आग मूतती रहेगी। फिर जब सरकार अपनी ही सुरक्षा नहीं कर सकती, ट्वीटर से तो आम लोग क्या खाक लड़ेंगे।
समय आ गया है कि ट्वीटर या फ़ेसबुक जैसे सोशल मीडिया का कोई विकल्प खड़ा कर इन अमरीकी कंपनियों को भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित कर विदा कर दिया जाए। जैसे नाईजिरिया ने कर दिया है। चीन ने घुसने ही नहीं दिया है। हालां कि अब भारत में भी बहुत देर हो गई है। और पूरी उम्मीद है कि सरकार कभी कुछ नहीं कर पाएगी।
जैसे कभी बतौर गृह मंत्री राजनाथ सिंह कड़ी निंदा करने के लिए कुख्यात थे , आज की तारीख में , रवि शंकर प्रसाद चेतावनी प्रसाद के रुप में कुख्यात हो चुके हैं। संभाले नहीं, संभल रहा है ट्वीटर और फ़ेसबुक उन से । रवि शंकर प्रसाद और मोदी सरकार इन अमरीकी कंपनियों के आगे घुटने टेक चुकी है। कुछ भी कहना-सुनना बेकार है।
किसी और की क्या बात करुँ , अपनी ही बात करता हूं। एक संतुलित टिप्पणी के बावजूद फ़ेसबुक एक महीने के लिए मेरा अकाऊंट सस्पेंड कर दिया है। संदर्भित पोस्ट में लिखा था मैं ने कि भारत के मुसलमानों को योग या सूर्य नमस्कार से नहीं, इस्लामिक स्टेट या तालिबान जैसों से खतरा है । उन्हें इन से बचना चाहिए। बता दिया फ़ेसबुक ने कि क्या तो वह हेट स्पीच है।
चिट्ठी लिख कर फ़ेसबुक से पूछा भी कि उक्त पोस्ट में क्या हेट स्पीच है, बता दें। फ़ेसबुक इस बिंदु पर जवाब देने के बजाय गोलमोल जवाब दे कर गायब हो गया। सूचना प्रसारण मंत्रालय को भी चिट्ठी लिख कर फ़ेसबुक की शिकायत की है। अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। पर अब जब रवि शंकर प्रसाद ही घायल हैं, तो हम जैसे सामान्य आदमी की भला क्या बिसात।