सौदेबाजी
सारा कुमारी। गांधी ने लुटा, नेहरू ने लुटा, बीजेपी का भी साथ अब छूटा।।
जब भी विश्वास किया किसी पर, हर बार हमारा भरोसा टूटा।।
तिनका – तिनका जोड़ के हमनें, जब भी नीड़ बनाया है।।
सत्ता के लोलूप नेता ने, उस भवन को बिखराया हैं।।
गद्दी को लालायित नेता, हिंदू को भरमाते है।
हिंदू राष्ट्र बनाने का, केवल सब्जबाग दिखलाते हैं।।
वेद – पुराण का ज्ञाता हिंदू, कब तक छला तू जाएगा।
वोट के अपने ईंधन से, इनको दिल्ली तक पहुंचाएगा।।
पानी और पोषण देकर, तू जो पेड़ लगाएगा।
मलेच्छ खा जाते सब फल को, तू भूखा ही रह जाएगा।।
पहले के राजा होते थे, वो युद्ध में लड़ने जाते थे।
अब तो नड्डा जी केवल, बंद कमरों में विरोध जताते हैं।
गला कटे चाहें हिंदू का, या कश्मीर में मारे जाएंगे।
चुप्पी लगा कर सब नेता, सेकुलर वाद जतलाएंगे।।
देश नहीं संभल रहा हो जिनसे, विदेश में डंका बजाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय छवि बनाने को, माइनोरिटी पर सब लुटाएंगे।।
नेताओं को छोड़ दे हिंदू, अब कुछ तो अकल से काम लें।
एक भी हिंदू ना मारा जाए, ऐसा ही अब ठान लें।
अपने मुद्दों को लेकर, उनका, जोरों से प्रचार करों।
बहरे भी सुन जाएं सबकुछ, ऐसा ही शंख नाद करों।
आपस में जुड़ जाओ सब, अपनी शक्ति का इज़हार करों।
नेता पीछे पीछे भागे, ऐसा तुम प्रतिकार करों।
एक बार तो दिखाओ बल, ऐसा तुम व्यापार करों।
वोट दिया है हमनें तो, बस हमारा ही उद्धार करों।।
त्याग, बलिदान की माया छोड़ो, देश हमारा है, सब कुछ ले लो।।
अपने पुरखों की पूंजी को, काहे गद्दारों की झोली में ठेलो।।
छोड़ के सारी नाटकबाजी, अपना लो अब ये नारा।।
बहुत दिखाया भाईचारा, अब केवल हिंदू है प्यारा।।
अब केवल हिंदू है प्यारा।।
अब केवल हिंदू है प्यारा।।
जय हिन्द जय भारत