अर्चना कुमारी। तबलीगी जमात के जरिए करोना फैलाकर मौलाना साद दिल्ली में ही आराम फरमाता रहा लेकिन दिल्ली पुलिस कई बार के नोटिस के बावजूद उससे पूछताछ नहीं कर पाई लेकिन अंग्रेजों के काले कानून के खिलाफ पूर्व भाजपा प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम क्या रखा, उनके कार्यक्रम में एक धर्म विशेष के बारे में टिप्पणी किए जाने का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस उन्हें 24 घंटे के भीतर पूछताछ के लिए संसद मार्ग थाने बुला लिया और पिछले कई घंटों से पूछताछ किए जाने का दावा करते हुए अब उनकी टीम के साथ गिरफ्तारी कर लिए जाने का दावा किया ।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि अश्विनी उपाध्याय तथा उनकी टीम को गिरफ्तार किए जाने के निर्देश उन्हें पूछताछ के समय उपस्थित होने के साथ ही दे दिए गए थे और संभावना है कि उन्हें पुलिस मंगलवार को दोपहर बाद या फिर अगले दिन कोर्ट में पेश करे । ऐसा तब हो रहा है जब केंद्र में हिंदुओं के मत से जीत कर बैठी भारतीय जनता पार्टी की सरकार के अधीन दिल्ली पुलिस कार्य कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है जंतर-मंतर पर आपत्तिजनक नारेबाजी जिन लोगों को ने की थी ,उसकी पहचान होने के बावजूद दिल्ली पुलिस उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
पुलिस का कहना है कि पिंकी चौधरी और उत्तम मलिक नाम के आरोपियों की तलाश की जा रही है वैसे इस पूरे मामले को लेकर अश्वनी उपाध्याय मंगलवार तड़के 3:00 बजे कनॉट प्लेस थाने में पूछताछ के लिए अपनी टीम के साथ आए थे। इससे पहले रविवार को जंतर-मंतर पर लगे कथित तौर पर आपत्तिजनक नारे को लेकर दिल्ली पुलिस की टीम ने सोमवार देर रात तक छापेमारी की और कार्यक्रम के आयोजक अश्वनी उपाध्याय सहित छह लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया था। इनमें अश्वनी उपाध्याय, विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत बाजपेई क्रांति, प्रीत सिंह और दीपक शामिल हैं।
पुलिस का कहना है कि करोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए रविवार को अश्वनी उपाध्याय द्वारा एक कार्यक्रम जंतर मंतर पर बिना पुलिस की अनुमति के आयोजित किया गया था। यहां पर 50 लोग यदि जमा होते तो विवाद नहीं होती लेकिन कार्यक्रम में संख्या बढ़ती चली गई और सैकड़ों लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इसी दौरान वहां पर कुछ लोगों में एक धर्म के खिलाफ आपतिजनक नारेबाजी शुरू कर दी और देर शाम तक इस आपतिजनक नारेबाजी के वीडियो वायरल हो गया।
ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस वीडियो को लेकर आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस पर दबाव बनाया गया, जिसके बाद पुलिस प्रेशर में आकर अश्वनी उपाध्याय तथा उनकी टीम पर कार्रवाई करने का फैसला किया। पुलिस सूत्रों का दावा है कि कार्यक्रम के आयोजक अश्वनी उपाध्याय ने बढ़ते विवाद के बीच पुलिस को एक शिकायत दी थी।
जिसमें उन्होंने दावा किया कि नारेबाजी करने वाले उनके प्रदर्शन में शामिल नहीं थे लेकिन इसके बावजूद उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि वीडियो की ना तो अभी कोई फॉरेंसिक रिपोर्ट आई है और ना ही यह पुष्टि हो पाई है कि कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े लोग नारेबाजी कराने वालों के पीछे थे। वैसे इस बीच मीडिया में आकर हिंदू रक्षा दल ने जंतर-मंतर पर हुई विवादित नारेबाजी की जिम्मेदारी ली है और दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी का कहना है कि जो भी वहां पर गलत बातें कही गईं।
उसकी जिम्मेदारी हिंदू रक्षा दल लेता है। केंद्र सरकार को चाहिए कि गलत बात कहने वालों को माफ कर दे क्योंकि गलत बात कहने वाले हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ता हैं। पिंकी चौधरी ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को भी गलत बताया और कहा कि हिंदू हितों की बात करने वाले को पुलिस जानबूझकर टारगेट कर रही है। गौरतलब है कि हिंदू रक्षा दल पहले भी कई बार विवादों में घिर चुका है और इस दल पर पहले ही गाजियाबाद स्थित अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर हमले का भी आरोप लगा था ।
इस बीच अश्वनी उपाध्याय के समर्थन में कुछ महिला और पुरुष प्रदर्शनकारी कनॉट प्लेस थाने के बाहर प्रदर्शन किया और सड़क जाम लगाने की कोशिश की लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता करते हुए उनके साथ धक्का-मुक्की कर दी। बाद में सभी को जबरन उठाकर बस से बाहर ले जाया गया और अब पुलिस इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का मन बना रही है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी थाने में जबरन घुस रहे थे जबकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए शांति ढंग से आए थे ,जहां उनके साथ बदसलूकी की गई खासतौर पर महिलाओं के साथ पुलिस ने अच्छा व्यवहार नहीं किया।