ये 1970 का साल था जब लॉरा सिक्को दस साल की नन्ही बच्ची थी। एक दिन उनके पिता के दोस्त घर आए। वे उनके पिता टॉम के गहरे दोस्त थे। उन्होंने उस दिन लॉरा को एक छोटी सी कांच की शीशी गिफ्ट की। इस कांच की शीशी के साथ एक संदेश भी लिखा। खिलौनों से खेलने की उम्र में लॉरा समझ नहीं सकी कि उस शीशी में आखिर क्या भरा है? उसे जानने में रूचि भी नहीं थी। पांच साल पहले जब उसके पिता की मौत हुई तो तीन दशक बाद लॉरा को वहीं शीशी मिली। उसने शीशी के साथ रखे संदेश को पढ़ा। लिखा था ‘लॉरा एन मर्री शुभकामनाएं, ये चांद से लाई गई धूल है। नील आर्मस्ट्रांग अपोलो-11’।
लॉरा को अब जाकर समझ आया कि उस दिन घर आया व्यक्ति उसे कितना क़ीमती तोहफा दे गया था। ये एक बड़ी उपलब्धि थी। आपके घर के बेडरूम में चांद से लाई गई ‘धूल’ रखी हो और साथ महान अंतरिक्ष यात्री का लिखा सन्देश हो तो उस उपलब्धि की अहमियत सहज ही समझी जा सकती है। इसके बाद लॉरा ने नासा से सम्पर्क किया और उनसे पूछा कि वे इस ‘धूल’ को जायज़ तौर पर अपने पास रख सकती है या नहीं। इस पर नासा ने साफ़ इनकार करते हुए कहा कि किसी भी किस्म का ‘लुनाटिक(चांद से प्राप्त) मटेरियल’ आम नागरिक अपने पास नहीं रख सकता।
नासा के इनकार के बाद लॉरा ने पिछले हफ्ते फेडरल कोर्ट में नासा के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया है। उन्होंने अपनी अपील में कहा है कि वह ‘मून डस्ट’ उन्हें आर्मस्ट्रांग ने तोहफे में दी थी। उनके पिता ने पायलट के तौर पर दूसरे विश्व युद्ध में अपनी सेवाएं दी थी। लॉरा के वकील ने तर्क दिया है कि अब तक ऐसा कोई कानून नहीं बना है जिसमे ‘पृथ्वी के बाहर के मटेरियल’ निजी तौर पर रखने या बेचने पर प्रतिबंध हो। लॉरा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस ‘मून डस्ट’ को नासा को ले जाने नहीं देगी।
विशेषज्ञों ने जब इस धूल की जाँच की तो पता चला कि इसके अंदर काफी मात्रा में ‘लूनाटिक मटेरियल’ मौजूद है। हालाँकि इसमें पृथ्वी की धूल भी मिलाई गई है लेकिन इससे इसका महत्व और क़ीमत कम नहीं हो जाती। यदि क़ानूनी हक मिलने के बाद लॉरा इसकी बोली लगाए तो सहज ही लाखों डॉलर कमा सकती है। लेकिन ऐसा करना उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है क्योकि नासा अड़ंगा डालेगा। यही कारण है कि वे फेडरल कोर्ट से अपना हक लेना चाहती हैं।
ऐसी ही एक कैलिफोर्नियन महिला ने नासा से संपर्क किये बिना दो ख़ास ‘पेपरवेट’ नीलामी के लिए बाहर निकाले। इन पेपरवेट में चावल के दाने के आकार के ‘कंकड़’ भरे गए थे। चावल के दाने के आकार के कंकड़ ‘लूनाटिक’ थे। इस महिला पर नासा ने कई मामलों में मुकदमे दायर कर दिए। ये मामला पिछले वर्ष का है। वह महिला भी अपने हक के लिए नासा के खिलाफ क़ानूनी लड़ाई लड़ रही है।
पृथ्वी से बाहर धूल का एक कण भी लाखों डॉलर में बिक सकता है। रोज पृथ्वी के वातावरण में हज़ारों छोटे उल्कापिंड आते हैं और जलकर नष्ट हो जाते हैं। ये अपने साथ बाहरी ग्रहों की धूल, पत्थर साथ लेकर आते हैं। इनकी कीमत करोड़ों में हो सकती है। इन कीमती धातुओं का अच्छा-ख़ासा अंतरराष्ट्रीय बाजार है। डायनासोर के अण्डों के बाजार से भी बड़ा बाजार। इस बाजार में ऐसी अद्भुत चीजे मौजूद हैं, जो बाहर आ जाए तो विज्ञान के कई नियम धराशायी हो जाएंगे। उन पर चर्चा फिर कभी।
URL: A women named Laura Cicco sues Nasa over moon dust ownership
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