असीमित जनसँख्या वृद्धि, हर तरफ दम घोटू हवा और हम सरकार की तरफ मुंह ताक कर खड़े है कि अच्छे दिन क्यों नहीं आ रहे हैं। ये माना साफ़ हवा,पानी उपलब्ध कराना सरकारों की जिम्मेदारी है लेकिन क्या पर्यावरण के प्रति हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं? सारी जिम्मेदारी सरकारों के पल्ले मड़ कर पल्ला झाड़ने की मानसिकता से पता नहीं कब निकल पाएंगे हम लोग?
प्रदूषण और गन्दगी के खिलाफ लड़ाई के लिए समाज की भी पूर्ण भागीदारी होनी चाहिये इसके साथ ही साथ सरकारों को भी इसके खिलाफ कोई ठोस और दंडात्मक कार्यवाही तय करनी चाहिये। वरना क्या कारण है कि वही हम विदेशों में जाकर सड़कों पर चलते कूड़ा कूड़े घरो में डालते हैं और भारत में जहाँ चाहे वहीं फेंक देते हैं।
जनसँख्या पर नियंत्रण को लेकर भी सरकार के प्रयासों के साथ समाज को समय रहते चेतना होगा! सरकार के साथ एकल प्रयास मिल जायें तो देखते हैं कैसे नहीं आते अच्छे दिन..
अच्छे दिन को लेकर एक एकल प्रयास इस वीडियो के माध्यम से भी !जरूर देखिये।
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