अर्चना कुमारी। करीब ढाई साल पहले दिल्ली दंगों में मारे गए खुफिया अधिकारी अंकित शर्मा के हत्या आरोपी मुंतजिम उर्फ मूसा कुरेशी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आखिरकार धर दबोचा । इस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। दिल्ली पुलिस का कहना है आरोपी 2020 से फरार चल रहा था। जबकि जांच में पता चला आरोपी तेलंगाना राज्य में छिपा हुआ था और इसके बाद वहां से इसे पकड़ कर दिल्ली लाया गया। आपको याद होगा अंकित शर्मा के शरीर पर चाकू से 52 बार वार किया गया था, उसके शरीर का कोई ऐसा अंग नहीं होगा जहां पर चाकू नहीं मारे गए थे।
पूछताछ पर पता चला कि आरोपी मूसा 8वीं क्लास तक पढ़ा है और पेशे से दर्जी है। इससे पहले अपहरण और रेप के एक मामले में भी जेल जा चुका है। जेल से बाहर आने के बाद वह पूर्वी दिल्ली स्थित अपने रिश्तेदार के यहां काम करने लगा, लेकिन अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने क्राइम करना फिर शुरू कर दिया। पुलिस सूत्रों का कहना है आरोपी मुंजतजिम उर्फ मूसा कुरैशी चांद बाग का रहने वाला है।
उसे तेलंगाना में मीरपेट के गायत्री नगर से सोमवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस का दावा है कि, 25 फरवरी 2020 को दंगों के दौरान चांद बाग की पुलिया पर मुस्लिम संप्रदाय से जुड़े लोगों की भीड़ ने खुफिया अधिकारी अंकित शर्मा की बर्बर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद उनका शव पास के ही एक नाले में फेंक दिया गया था ,जिसे अगले दिन यानी 26 फरवरी को बरामद किया गया था ।
इस हत्या की जांच के दौरान आम आदमी पार्टी के तत्कालीन पार्षद ताहिर हुसैन समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उस समय पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि शर्मा पर धारदार हथियार से 52 बार वार किए गए थे और उसे तड़पा तड़पा कर चाकू से गोद दिया गया था। छानबीन और अन्य आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि कुरैशी भी भीड़ में शामिल था और वह फरवरी 2020 से ही फरार था।
इस वजह से उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था और उसकी सूचना देने पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर के द्वारा 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस ने बताया कि कुरैशी अगवा करने और बलात्कार करने के एक मामले में जेल जा चुका है। जेल में रहने के दौरान वह बरेली के कुख्यात अपराधी मुजीब से मिला था। जेल से बाहर आने के बाद वह अपने मामा के साथ गाज़ीपुर मुर्गा मंडी में काम करने लगा।
पुलिस ने बताया कि कुछ दिन बाद अपने खर्चे पूरे करने के लिए उसने आपराधिक घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया।पुलिस के मुताबिक, इससे पहले साल 2018 में आरोपी अपनी पत्नी के साथ मुंबई गया और वहां बकरियों की खरीद-फरोख्त करने लगा। जब वह फिर से दिल्ली आया तो वह अपने दो दोस्तों सलामन @ हसन @ मुल्ला @ नन्हे और समीर से मिला।
24 फरवरी 2020 को दोनों आरोपी मुंतजिम के चांद बाग स्थित घर आए। बताया जाता है कि शाम को उन सभी ने सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रहे दंगों में भाग लेने की योजना बनाई। अगले दिन 25 फरवरी को तीनों आरोपी फिरदौस मस्जिद, मुस्तफाबाद के पास इकट्ठे हुए। आरोपी उत्तर पूर्वी दिल्ली के चांद बाग इलाके में चल रहे दंगों में भी शामिल हो गए।
आरोपी मुंताजिम उर्फ मूसा कुरैशी ने अपने सहयोगियों और अन्य के साथ चांद बाग के पास अंकित शर्मा को पकड़ लिया और उसके बारे में हिंदू होने का पता चलते ही उसकी हत्या कर दी । इस मामले में उसके साथ के दो दोस्त पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। फिलहाल इस बारे में पुलिस की जांच जारी है और मामला अदालत तक पहुंच चुका है।