अच्छी सरकार जरूरी है
धर्म-भक्ति की बात ही छोड़ो , देश-भक्ति भी नहीं बची है ;
अब्बासी – हिंदू का शासन , संसाधन की लूट मची है ।
जजिया के धन को बढ़ा रहा है , हिंदू मंदिर को लूट रहा है ;
जगह-जगह मंदिर तुड़वाकर , गलियारे को बना रहा है ।
देश हमें देता है सब कुछ , हम भी तो कुछ देना सीखें ;
कम से कम हम देश न लूटें , क्या हम इतना भी न सीखे ?
अन्न-जल सब देश से पाया , देश की मिट्टी में हम खेले ;
हम जब बनें किसी भी लायक, देश की सेवा सबसे पहले ।
पर धर्म-विहीन अब्बासी-हिंदू , देश को एकदम भूल गया ;
देश की भाषा, धर्म-संस्कृति , निहित-स्वार्थ में भुला दिया ।
धर्म-सनातन छोड़ दिया है , इसका सब कुछ पाखंड है ;
बात-बात पर नाटक-नौटंकी , जाने कितना घमंड है ?
महामूढ़ हिंदू बेचारा , लटको झटको में फंस जाता ;
पार्टीबाजी का ढोल बजाकर , अपनी ही गर्दन कटवाता ।
मूर्ख सदा ही लुटता रहता , कुटिल लूटता रहता है ;
सौ – बरस से यही चल रहा , गांधीवाद में फंसता है ।
हिंदू शांति से रहना चाहे , कानून का पालन करता है ;
पर चैन न लेने देता गुंडा , अब्बासी – हिंदू तो डरता है ।
हिंदू ! तुमको शांति चाहिये तो अच्छी सरकार जरूरी है ;
जस का तस कानून हो लागू , सख्ती गुंडों पर जरूरी है ।
भ्रष्टाचार हटाना होगा , तभी सुशासन पाओगे ;
अब्बासी – हिंदू बेदम है , जंगलराज ही पाओगे ।
कायर,कमजोर,नपुंसक नेता, भला देश का कर न सकेगा ;
उल्टा तृप्तिकरण को लाकर , हिंदू को जीने न देगा ।
हिंदू ! सारी मूढ़ता छोड़ो , सच्चाई का करो सामना ;
कदम-कदम पर देश में संकट , हिंदू ही को इन्हें हटाना ।
सर्वोच्च वरीयता इसी काम को , अच्छी सरकार बनाना है ;
परम – साहसी , चरित्रवान – नेता को , ढूँढ के लाना है ।
जम्मू में ऐसा नेता है , “अंकुर-शर्मा” कहते हैं ;
सर्वश्रेष्ठ दल के मुखिया हैं , “इकजुट-जम्मू” कहते हैं ।
सारे हिंदू करें समर्थन , “इकजुट-भारत” इसे बनाओ ;
हर चुनाव में इसे जिताकर, सबसे अच्छी सरकार बनाओ ।
जब अच्छी सरकार बनेगी , हिंदू हर सुख-शांति को पाओ ;
पूरी मानवता की रक्षा होगी, देश को “हिंदू-राष्ट्र” बनाओ ।