डॉ. वेदप्रताप वैदिक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जालंधर में कहा है कि कांग्रेस तो अब एक डूबता हुआ जहाज है और इसी के साथ एक प्रसिद्ध हिंदी अखबार ने ‘परिवार’ के बारे में जो खबर छापी है, यदि वह सत्य है तो इस जहाज को डूबने से कोई नहीं बचा सकता। अखिलेश भी नहीं। अखिलेश की सायकिल पर कांग्रेस सवार जरुर हो गई है लेकिन उत्तरप्रदेश के सबसे लोकप्रिय अखबार में छपी यह खबर कांग्रेस को ले बैठेगी।
इस सबसे बड़ी खबर में कांग्रेस का नाम एक बार भी नहीं लिया गया है लेकिन ‘परिवार’ शब्द का प्रयोग हुआ है। इस ‘परिवार’ के बारे में हमारी जांच एजेंसियों ने जो खोज-पड़ताल की है, उससे पता चलता है कि उसे आगस्ता वेस्टलैंड हेलिकाॅप्टरों के सौदे में 200 करोड़ रु. की रिश्वत मिली है। यह सौदा 12 बड़े हेलिकाॅप्टरों के लिए मनमोहनसिंह सरकार ने किया था। यह सौदा 5620 लाख रु. का था। इसमें प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को एक पैसा भी नहीं मिला। इस सौदे के दो दलालों-गुइडो हस्के और क्रिश्चियन मिशेल ने परिवार को सिर्फ 200 करोड़ रु. ही पहुंचाए। आधा पैसा वे खुद खा गए। हमारी खुफिया एजेन्सियों ने उन बैंक-खातों के सुराग पा लेने का दावा किया है, जिनके जरिए यह पैसा ‘परिवार’ तक पहुंचा है। जिन कंपनियों के नाम यह पैसा आया है, उनका भी पता चल गया है। हमारी सरकार ने आठ देशों से पूछताछ की है। उनमें से छह देश पूरा सहयोग कर रहे हैं।
हो सकता है कि हिंदी अखबार में छपी इस खबर का असर जरा देर से हो, क्योंकि हमारे नेताओं, अफसरों और कुछ पत्रकारों के दिमाग पर अंग्रेजी की गुलामी छाई रहती है लेकिन इसमें शक नहीं कि पांच राज्यों के इस चुनावी दंगल में यह खबर तहलका मचा देगी। यह खबर अगर मनगढ़ंत हैं और अखबार में सरकार ने दबाव देकर छपवाई है तो कांग्रेस चुप क्यों हें? वह ‘परिवार’ को खुली जांच के लिए जनता के सामने पेश क्यों नहीं कर देती? सरकार भी चुप है। यह चुप्पी रहस्यमयी है। अखबार के पहले सरकार को बोलना चाहिए था। यदि यह खबर सच निकल गई तो इसका असर बोफोर्स से भी ज्यादा बुरा होगा।