गुजरात के स्टर्लिंग बायोटेक के पांच हजार करोड़ रुपये घोटाले के मामले में एक बड़ी और सुखद खबर दुबई से आई है। इस धोखाधड़ी के आरोपी नितिन संदेसरा को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। मालूम हो कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल का यह सबसे करीबी सहयोगी रहा है। भारतीय जांच एजेंसियां नितिन के प्रत्यार्पण के लिए कानूनी प्रकिया शुरू करेगी।
माना जाता है कि नितिन के गिरफ्तार होने से अहमद पटेल की मुश्किलें बढ़ सकती है। मालूम हो कि नितिन संदेसरा गुजरात आधारित स्टर्लिंग बायोटेक दवा कंपनी का डायरेक्टर है। 5000 करोड़ के धोखाधड़ी मामले के खुलासे के बाद से ही वह फरार चल रहा था। आरोप है कि इस कंपनी का मुख्यालय दिल्ली स्थित अहमद पटेल का आवास था। यही निहीं, अहमद पटेल के दामाद और बेटे के भी इससे जुड़े होने की बात सामने आ चुकी है।
* अहमद पटेल के करीबी सहयोगी तथा स्टर्लिंग बायोटेक धोखाधड़ी के भगोरा आरोपी नितिन संदेसरा दुबई में गिरफ्तार
* भारतीय जांच एजेंसियों के लिए बड़ी खबर, इस मामले में अहमद पटेल के जुड़े होने का मिल सकता है सुराग
* भारतीय एजेंसियों के अनुसार नितिन संदेसरा को दुबई से भारत लाने के लिए किया जाएगा प्रत्यर्पण कराने का प्रयास
बायोटेक स्टर्लिंग के पांच हजार करोड़ रुपये घोटाला का खुलासा होते ही कंपनी के डायरेक्टर नितिन संदेसरा फरार हो गया था। भारतीय पुलिस और जांच एजेंसियों को काफी दिनों से उसकी तलाश थी। इकोनॉमिक टाइम्स ने दुबई पुलिस द्वारा नितिन के गिरफ्तार करने की पुष्टि की है। अब भारतीय जांच एजेंसियां उसे प्रत्यर्पण कराने का प्रयास करेगी। भारतीय कोर्ट से जारी गैरजमानती वारंट के आधार पर ही दुबई पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।
स्टर्लिंग बायोटेक के 5000 करोड़ घोटाला मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने मार्च में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर नितिन और चेतन संदेसरा के पासपोर्ट को अवैध घोषित करने की मांग की थी। सीबीआई द्वारा केस दर्ज कराने और गिरफ्तार करने के भय से ये दोनों आरोपी पिछले साल सपरिवार विदेश भाग गए थे। प्रवर्तन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक संदेसरा बंधु ने सिर्फ 5000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी नहीं, बल्कि कई अन्य बैंकों तथा निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की हुई है। अगर सभी को जोड़ा जाए उसके खिलाफ 10 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की धोखाधड़ी का मामला है।
संदेसरा बंधु पहली बार जांच एजेंसियों के रडार पर तब आया जब 2011 में आयकर विभाग ने वड़ोदरा स्थित उसके घर की जांच की। उनके घर से जांच एजेंसियों को एक डायरी मिली थी जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल तथा उनके रिश्तेदारों को पैसे देने का जिक्र है। बाद में इसी डायरी के आधार पर आयकर विभाग के कमिश्नर और प्रिंसिपल कमिश्नर स्तर के तीन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
इस मामले में जैसे ही ईडी अधिकारियों ने थोड़ी कड़ाई की, इस मामले में अहमद पटेल जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेता का जुड़ाव सामने आने लगा। इसी महीने की शुरुआत में ईडी ने रंजीत मलिक उर्फ जॉनी को दिल्ली कोर्ट के मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। कोर्ट ने जॉनी को एक दिन के लिए जांच एजेंसी के हवाले कर दिया गया। जांच एजेंसी ने आरोप लगाथा कि रंजित मलिक ने अहमद पटेल के आधिकारिक निवास के पते पर करीब 25 लाख रुपये भेजे थे। इससे पहले भी संदेसरा ग्रुप के कर्मचारी सुनील यादव ने भी अहमद पटेल के साथ उसके बेटे फैजल पटेल तथा दामाद इरफान सिद्दीकी के शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने ईडी अधिकारियों को दिए लिखित बयान में यह बात कबूल की है।
इस मामले में ईडी ने दिल्ली के रहने वाले व्यवसायी गगन धवन, आंध्र बैंक के निदेशक अनुप गर्ग तथा स्टर्लिंग बायोटेक के निदेशक राजभूषण दीक्षित को गिरफ्तार कर चुका है। लेकिन अब जब नितिन संदेसरा गिरफ्त में आया है तो अब अहमद पटेल के जुड़ाव से भी परदा उठ जाएगा।
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