हाल में बैंकिंग घोटाले का जो दो मामले सामने आएं है उनमें दो चीजें एक समान हैं। पहला ये कि दोनों मामले यूपीए सरकार के कार्यकाल की देन है, और दूसरी ये कि दोनों मामले में जनता के पैसे से व्यक्तिगत संपत्ति बनाई गई। किसी की मंशा देश या जनता की भलाई की नहीं थी। वह चाहे नीरव मोदी हों या फिर सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के नजदीकी संदेसरा बंधु हों। पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि अहमद पटेल के दामाद की संलिप्तता वाले संदेसरा ग्रुप ने आंध्रा बैंक से 5000 करोड़ का कर्ज लिया और फिर उसे प्रोपर्टी, महंगी गाडि़यों, आलीशान स्टाफस्टाल और रिश्वत देने में उड़ा दिया!
संदेसरा समूह ने आंध्रा बैंक से लिए लोन का उपयोग अपनी कई फर्जी कंपनियों के नाम संपत्ति खरीदने में किया। लोन के पैसे से ही खुद की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक और स्टर्लिंग इंटननेशनल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयर खरीदे ताकि इन कंपनियों की बेहतर स्थिति दिखाकर बाजार से पैसे बनाया जा सके।
मुख्य बिंदु
* बैंक से लिए कर्ज से ही सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की भी बात सामने आई है
* स्टर्लिंग ग्रुप से जुड़े 50 से अधिक विदेशी बैंक खातों के अलावा कई संपत्तियां भी हैं विदेश में
संदेसरा बंधु ने दिपराज ट्रेडिंग लिमिटेड, इंबियो ट्रेडिंग लिमिटेड, गेट्सबे ट्रेडिंग लिमिटेड, न्यूपोर्ट इंटरप्राइज लिमिटेड तथा राज बोनस लिमिटेड जैसी अपनी फर्जी और बेनामी कंपनियों के बैंक एकाउंट से करीब 140 करोड़ रुपये निकाल कर पॉर्से, रेंज रॉवर, ऑडी, मर्सिडिज तथा बीएमडब्ल्यू जैसी कई महंगी गाड़ियां खरीदी थी। कंपनियों के एकाउंट से निकाली गई रकम का उपयोग गहने खरीदने से लेकर संपत्ति बनाने तक व्यक्तिगत उपयोग के लिए किया जाता था। इसके अलावा कुछ बैंक ऋण से सरकारी अधिकारियों को घूस भी दिया जाता था।
अहमद पटेल के नजदीकी संदेसरा बंधु के संदेसरा ग्रुप ने बैंक ऋण का कभी सदुपयोग नहीं बल्कि दुरुपयोग ही किया है। इसलिए प्रवर्तन निदेशालय इस संदर्भ में भी उसकी जांच कर रहा है। इसके साथ ही संदेसरा समूह का दूसरे देशों की कंपनियों से हुई लेनदेन की जांच कर ही है। संदेसरा ग्रुप तेल व्यवसाय से भी जुड़ा रहा है इस नाते पूरे नाइजीरिया में उसके अपने बड़े ट्रक, नाव और तेल क्षेत्र हैं। अन्य देशों के अलावा मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन तथा अमेरिका में भी कई व्यवसाय हैं। संदेसरा के स्टर्लिंग ग्रुप से जुड़े 50 विदेशी बैंक खातों के अलावा कई संपत्तियां विदेशों में हैं।
ईडी ने अहमद पटेल के बेटे और दामाद की संलिप्तता से चलने वाले संदेसरा ग्रुप की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक की 4700 करोड़ की सबसे बड़ी संपत्ति जब्त कर ली है। संदेसरा ग्रुप पर पीएसयू बैंकों से 5 हजार करोड़ से भी अधिक रुपये का घोटाला करने का आरोप है। नीरव मोदी के बाद यह सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला माना जा रहा है। इस मामले में सीबीआई और ईडी दोनों ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। सीबीआई ने दर्ज कराई अपनी एफआईआर रिपोर्ट में विस्तार से अहमद पटेल के दामाद इरफान सिद्दीकी की भूमिका का जिक्र किया गया है। सीबीआई ने कहा है कि इरफान सिद्दीकी ने ही स्टर्लिंग बायोटेक के नाम पर आरोपी आयकर अधिकारियों को रिश्वत दी थी।
सीबीआई और ईडी की जांच के दौरान मिली एक डायरी से कई प्रकार की अवैध लेनदेन का खुलासा हुआ। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण खुलासा अहमद पटेल के दामाद इरफान सिद्दीकी के नाम पर हुई लेनदेन के मामले में हुआ है। अपने परिचितों में इरफान सिद्दीकी इरफान भाई के नाम से मशहूर था। इरफान की शादी अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल से हुई थी। संदेसरा का एक कर्मचारी सुनील यादव पूछताछ में अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल का नाम भी ले चुका है।
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