एयरएशिया और टाटा समूह के बीच हुए सौदे के नए मामले में भी पी चिदंबरम का नाम आया है। सीबीआई और ईडी द्वारा एयरएशिया और टाटा समूह के जब्द ईमेल से कई और खुलासे हुए हैं। किस प्रकार यूपीए सरकार के तीन मंत्रियों वित्त मंत्री पी चिदंबरम, नागरिक उडड्यन मंत्री तथा लोकदल के नेता अजित सिंह तथा वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी से दिल्ली हाईकोर्ट में निपटने की योजना बनाई थी? कांग्रेस के नेतृत्व में चली यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान शायद ही कोई ऐसा घपला हो जिसमें पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम का नाम न आया हो। 2जी का मामला हो या एयरसेल-मैक्सिस का या फिर बेहिसाब बेनामी संपत्ति का।
टाटा ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी आर वेंकटरमनन की एयरएशिया के दूसरे अधिकारियों से ई-मेल से हुई बातचीत से यह खुलासा हुआ है कि उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम, नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह तथा वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी द्वारा दाखिल मामले के साथ दिल्ली हाईकोर्ट में कैसे निपटा जा सकता है। ई-मेल का जो समय उससे साफ होता है कि यह एक तथ्यपूर्ण साक्ष्य है।
क्योंकि यह ई-मेल मेल 23 अक्टूबर 2013 को किया गया है, जबकि मंत्रियों से बातचीत एक सप्ताह पहले होने की बात कही जा रही है, वहीं कोर्ट ने सुनवाई के लिए इस मामले को 30 अक्टूबर 2013 को अधिसूचित किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई और ईडी ने इस प्रकार के हजारों ई-मेल रेड के दौरान जब्त किए थे। इसी ई-मेल से एयरएशिया और उनके साझीदार टाटा समूह के वरिष्ठ अधिकारियों के संदिग्ध सौदे के खुलासे हुए हैं। टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी वेंकटरमनन के इन ई-मेल से कोर्ट की अवमानना के साथ ही उन तीनों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ कैबिनेट कार्यक्रम के विवरण का रहस्य खोलने का मामला बनता भी है।
आज जब एफआईपीबी के अध्यक्ष पी चिदंबरम से मिला तो उन्होंने कहा कि वे अगले सप्ताह अदालतों में अपनी नीति की दृढ़ता से बचाव करने जा रहे और इस संदर्भ में वे एक हलफनामा भी दायर करेंगे। यही बात पूर्व वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने भी कही है। वहीं जब पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री अजित से मिला तो उन्होंने कहा कि मंजूरी जल्द ही आनी चाहिए और उसी आधार पर हमारी भी योजना होगी। मीडिया में आई रिपोर्ट के आधार पर वेंकटरमनन के साथ सह-आरोपी बो लिंगम के बारे में कहा जाता है कि उसने सीबीआई और ईडी के सामने यह स्वीकार कर चुका है कि सौदे होने के तुरंत बाद ही तत्कालीन नागरिक उडड्यन मंत्री अजित सिंह की सलाह पर कुछ लोगों के बैंक खाते में करीब 5 मिलियन डॉलर ट्रांसफर कर दिए थे।
इन ई-मेल के माध्यम से हुए संवाद ने पूरी तरह से एयर एशिया घोटाले में यूपीए सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्रियों पी चिदंबरम, अजित सिंह और आनंद शर्मा की भूमिका का खुलासा कर दिया है।
URL: AirAsia: Tata emails expose Chidambaram, Ajit Singh and Anand Sharma
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