अक्षय कुमार ने अपनी फ़ीस बढ़ा दी है। खबर है कि अब वे एक फिल्म के 135 करोड़ चार्ज करेंगे। पहले उनका रेट एक करोड़ रुपया प्रतिदिन हुआ करता था। शायद शूटिंग के शेड्यूल अब जल्दी ख़त्म होने लगे हैं और उनको इसमें अपना घाटा दिखाई दे रहा होगा। पहले ये रेट 100 करोड़ तक पहुंचा और अब उसमें 35 करोड़ की बढ़ोतरी और की गई है।
क्या अक्षय की मार्केट वेल्यू ऐसी रह गई है कि वे अपनी फीस इतनी बढ़ा ले कि जिसकी राशि में ही एक फिल्म का निर्माण किया जा सकता है। अक्षय का ट्रेक रिकॉर्ड बहुत शानदार रहा है। उनकी फैन फॉलोइंग इतनी सशक्त है कि निर्माता के लगाए पैसे आसानी से वसूल हो जाते हैं। इस कैनेडियन अभिनेता ने सन 1991 में ‘सौगंध’ से अपना डेब्यू किया था।
उस वक्त ‘सौगंध’ का बजट मात्र 2 करोड़ था। अमिताभ बच्चन के दिनों से ही फिल्म उद्योग सुपर सितारों के बढ़ते पारिश्रमिक से परेशान रहा है। उन दिनों अमिताभ की कोई फिल्म पिट जाती तो निर्माता को बहुत नुकसान होता था क्योंकि अमिताभ का पारिश्रमिक उन दिनों सबसे अधिक हुआ करता था। तकनीक की सहायता से फिल्म निर्माण अब पहले से सस्ता हो गया है।
फिल्म का बजट बढ़ने के कुछ कारण हो सकते हैं। जैसे शूटिंग शेड्यूल बिगड़ जाना, वीएफएक्स, सीजी(कम्प्यूटर ग्राफिक्स) का इस्तेमाल, फिल्म का कथानक इतिहास की पुरानी तारीख में सेट होना। और सबसे प्रमुख कारण है सलमान खान, आमिर खान, अक्षय कुमार, शाहरुख़ खान, अजय देवगन द्वारा बहुत अधिक फीस वसूलना। आज की तारीख में ये सितारें इतनी अधिक फीस ले रहे हैं, कि फिल्म का कुल बजट ही अनियंत्रित हो जाता है।
महंगी फिल्म को इन सितारों के नाम से महंगे दाम पर बेचा जाता है। हर टेरेटरी में इनकी बुरी फिल्म को लेना वितरकों की मज़बूरी है। वे बेचारे तो जुआं खेलते हैं। अक्षय कुमार ने ‘2.0’ से जो ऊंचाई हासिल की थी, वह ‘लक्ष्मी’ और ‘गुड न्यूज़’ जैसी फिल्मों से गँवा दी है। इस समय उनकी फ़िल्में पिट रही हैं। ऐसे में तो अपने भाव कम कर लेने चाहिए।
वे और उनके द्वारा पोषित मीडिया कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि ‘लक्ष्मी’ न केवल बुरी तरह फ्लॉप हुई, बल्कि उसने अक्षय की साख भी गिराई है। आयुष्यमान खुराना एक फिल्म के लिए 10 करोड़ चार्ज करते हैं। सन 2017 से लेकर अब तक आयुष्यमान ने बॉक्स ऑफिस पर फ़िल्में अपने दम पर चलाई है। जिस समय सलमान जैसे स्टार फ्लॉप हो रहे थे तो कम बजट में बनने वाली फिल्मों ने ही फिल्म उद्योग को संभाल रखा था। आयुष्यमान चाहे तो आज अपनी फीस दस गुना कर सकते हैं।
उनके जैसे अभिनेता जानते हैं कि फिल्म मेकिंग एक टीम वर्क है। फिल्म मेकिंग का उसूल है कि जितने कम बजट की फिल्म बनेगी, बॉक्स ऑफिस पर उतनी ही सुरक्षित होगी। यहाँ बॉलीवुड के सुपर स्टार्स का व्यवहार समझ से परे है। वे अपना ही लाभ देखना चाहते हैं, निर्माता का नहीं। यदि अक्षय कुमार 135 करोड़ चार्ज करेंगे तो फिल्म का कुल बजट 200 करोड़ से भी ऊपर चला जाएगा।
अब ये शर्त रहेगी कि फिल्म को लागत वसूल करने के साथ लाभ भी कमाना है। यानी अक्षय कुमार की फिल्म जब तक 250 करोड़ नहीं कमा लेगी, उसे व्यावसायिक एंगल से सफल नहीं माना जाएगा। अक्षय की फीस बढ़ोतरी ने उनकी ही मार्केट वेल्यू पर संकट ला दिया है। ये कैनेडियन अभिनेता अब फिल्म उद्योग को निजी लाभ के लिए बड़े संकट में डालने जा रहा है। वे अपना खज़ाना तो भर रहे हैं लेकिन वे एक ‘सफ़ेद हाथी’ बन गए हैं, जिसका लालन-पालन कोरोना से जूझ रही इंडस्ट्री के लिए मुश्किल होगा।