अक्षय कुमार बावन के हैं लेकिन उनके प्रशंसकों में एक दस साल का बच्चा भी है। ये देखकर मैं अचरज से भर जाता हूँ कि अक्षय कुमार की ऑफस्क्रीन इमेज इतनी सशक्त क्यों है। देश के युवा उनके कॅरियर की तेज़ रफ़्तार देखकर चमत्कृत हो जाते हैं। वे कई ऐसे युवा अभिनेताओं के रोल मॉडल हैं, जिन्होंने अभी-अभी फिल्म उद्योग में कदम रखा है। युवा ही क्यों अक्षय कुमार अपने हमउम्र अधेड़ों को भी सिखाते हैं कि आप इस शरीर के किराएदार हैं, मालिक नहीं। आपको अभी इस घर में बहुत साल रहना है तो उसकी मरम्मत भी करनी होगी। फिटनेस फ्रिक अक्षय का जन्मदिन 9 सितंबर को आता है और 11 सितंबर को वे डिस्कवरी चैनल के ख्यात शो ‘मैन वर्सेज वाइल्ड’ में दिखाई देंगे। बेयर ग्रिल्स के साथ अक्षय कुमार को जंगल की चुनौतियों से जूझते देखना एक अनूठा अनुभव होगा।
अक्षय की लाइफ स्टाइल फिल्म स्टार्स वाली नहीं रही। वे 9 बजे सोने चले जाते हैं और सुबह 4 बजे बिस्तर छोड़ देते हैं। उनको और सितारों की तरह सारी रात पार्टी करना पसंद नहीं आता। उनका फिटनेस का शौक उनके को-स्टार्स को भी परेशान किये रहता है।
धर्मेंद्र से लेकर अक्षय और अब टाइगर श्रॉफ तक फिटनेस की कहानियां आम जनता को प्रभावित करती रही है। ये कहने में कोई शक नहीं कि फ़िल्मी सितारों के शरीर सौष्ठव से प्रभावित होकर फिटनेस बनाने की चेतना युवाओं में आई है।
नब्बे के दशक के बाद इस शौक में और वृद्धि देखी गई, जब सनी देओल की ‘घायल’ प्रदर्शित हुई थी। आज यदि बड़े शहरों में जिम्नेशियम सुबह और शाम आबाद रहते हैं तो उसमे इस फिल्म का और सनी की फिजिक का बड़ा योगदान है।
सनी के बाद सलमान और अक्षय कुमार ने इस शौक को और आगे बढ़ाया। समाज पर फिल्मों के असर की बात अक्सर कही जाती और लिखी जाती है। समाज पर फिल्मों के अच्छे असर में फिटनेस को भी शामिल करना चाहिए। हालांकि फिटनेस बनाने का शौक बड़ा कठिन शौक है।
नींद खराब कर कडा परिश्रम कर पसीना बहाना पड़ता है, तब जाकर एक तराशा हुआ शरीर आपको प्राप्त होता है। इसमें महीनों नहीं वर्षों लगते हैं। ये वैसी ही कठिन साधना है, जैसे संगीत में प्रवीणता प्राप्त करना एक श्रमसाध्य कार्य है। अक्षय कुमार ने ऐसा तराशा हुआ शरीर वर्षों की मेहनत से पाया है। बेयर ग्रिल्स के शो में आना उनके लिए किसी सपने के सच होने की तरह होगा।
एक के बाद एक सोलह फ्लॉप फ़िल्में देने के बाद भी अक्षय ने शराब या शबाब में उसका हल नहीं खोजा। फिल्म उद्योग में वे आसानी से सफल नहीं हुए। उन्हें बहुत सी फ्लॉप फ़िल्में झेलनी पड़ी। इसके बावजूद उन्होंने अपनी दिनचर्या पर इसका कोई असर नहीं आने दिया।
वे तब भी सुबह चार बजे उठकर एक्सरसाइज करते थे और आज इतने सफल सितारा होने के बाद भी करते हैं। शरीर को वे देवालय की तरह पूजते हैं, इसका उनकी व्यावसायिक सफलता से कुछ लेना-देना नहीं है। वे ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हैं। उन्होंने मार्शल आर्ट्स में प्रवीणता प्राप्त की है।
वे शाम 7 बजे खाना खा लेते हैं और दो घंटे बाद सोने चले जाते हैं। उनकी ये दिनचर्या उन को-स्टार्स को हैरान करती है, जिनका रात का खाना अमूमन रात 2 बजे होता है। सुबह चार बजे से वे तैराकी, योगा और कसरत करते हैं। उनकी डाइट भी बहुत बैलेंस्ड है। इस मामले में केवल ऋत्विक रोशन ही हैं, जो अक्षय से होड़ कर सकते हैं। ऋत्विक को समोसा बहुत पसंद है लेकिन शूटिंग के दौरान वे इसे छूते भी नहीं।
निश्चित ही जागरूकता आने के बाद बॉलीवुड में फिटनेस फ्रिक बढ़ने लगे हैं। सत्तर के दशक की फिल्मों में हमारे हीरो फिट दिखने के प्रति उतने आग्रही नहीं हुआ करते थे। पुराने समय में दारा सिंह, धर्मेंद्र, देव आनंद और जॉली मुखर्जी को छोड़ बाकियों ने कभी इस ओर ध्यान दिया ही नहीं।
आज सिनेरियो पूरी तरह बदला हुआ है। तराशा हुआ शरीर होना अत्यंत आवश्यक है। अब कमर पर चर्बी स्वीकार नहीं की जाती। निश्चित ही ये अच्छी बात है कि युवा पीढ़ी जब इन सुतवां शरीर वाले सितारों को देखते हैं तो उनका भी मन करता है कि ऐसा शरीर बनाया जाए। हालांकि इस काम के लिए जूनून चाहिए, जो अक्षय, टाइगर और ऋत्विक जैसे लोगों में होता है। 11 सितंबर को जब अक्षय कुमार बेयर ग्रिल्स के साथ टीवी पर स्टंट करते दिखाई देंगे तो ये दृश्य किसी कसरती युवा की चमकती आँखों में सपना बनकर बस जाएगा। बड़ों से बड़ा बनने की प्रेरणा ऐसे ही मिला करती है।