जब 2G मामले में निचली अदालत का फैसला आया था तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की चेयरमैन सोनिया गांधी समेत पूरी कांग्रेस पार्टी ने खुशी जताई थी। तब कांग्रेस ने कहा था कि उस मामले में हमें फसाया गया था। इस फैसले से यह साबित हो गया कि हम निर्दोष थे। वहीं 11 साल बाद आए NIA की विशेष अदालत के फैसले पर सोनिया गांधी समेत कांग्रेस सवाल उठा रही है? अब सवाल उठता है कि एक मामले में खुशी तो दूसरे मामले में विधवा विलाप क्यों कर रही हैं सोनिया गांधी?
मुख्य बिंदु
* सोनिया गांधी ने टूजी मामले पर इंडिया टुडे के कॉनक्लेव में देश को किया था गुमराह
* जिस एनआईए कोर्ट ने फैसला सुनाया है उसी के माध्यम से किया था फसाने का प्रयास
इंडिया टुडे द्वारा आयोजित कॉन्क्लेव में अरुण पूरी के सवालों का जवाब देते हुए यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने पूरे देश को इस मामले में गुमराह किया था। उन्होंने टूजी मामले में आए निचली अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए अपनी खुशी जाहिर की थी। और बताया था कि उस मामले में उन्हें फंसाया गया था, लेकिन अब सच सामने आ गया है। जबकि 2G मामले पर महज लोअर कोर्ट का ही फैसला आया है, अभी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना अभी बांकी है।
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लेकिन वहीं जब आज हैदराबाद मक्का मस्जिद में हुए बम धमाके के मामले में एनआईए की विशेष कोर्ट का फैसला आया है तो फिर उस पर सवाल उठाना कितना जायज है। सोनिया गांधी और कांग्रेस NIA की निष्पक्षता पर सवाल उठा रही है। यहां एक सवाल और उठता है कि क्या सोनिया गांधी बताएंगी कि क्या NIA उस समय निष्पक्ष थी?
सोनिया गांधी ने NIA के फैसले पर सवाल उठा कर अपनी UPA सरकार की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए है! शायद वे भूल गयी कि यदि आप किसी ओर की और अंगुली उठा रही हैं तो तीन अंगुलिया आपकी ओर भी इशारा करती हैं।
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