बचे – खुचे जितने भी पारसी , मानेकशॉ को याद करो ;
कितना संहार हुआ फारस में ? उसको भी तुम याद करो ।
अपनी कौम के हत्यारों से , आखिर कब तक डरते रहोगे ?
स्टॉकहोम सिंड्रोम से पीड़ित, कब तक इसको ढोते रहोगे ?
लाइलाज ये रोग नहीं है , अपनी कमजोरी ठीक करो ;
कितना चाहा हिंदू ने तुमको ? पूरा-पूरा विश्वास करो ।
हमने तुम्हें प्यार से रखा , पूरा – पूरा सम्मान दिया ;
वैदिक – काल में जाकर देखो , हमने ही तुमको धर्म दिया ।
एक तरह से तुम भी हिंदू , जैसे पूरा-विश्व कभी था ;
अब भी समय वही आयेगा , जैसे पहले विश्व कभी था ।
सत्यमेव जयते ही होगा , असत्य कभी न जीत सकेगा ;
पहले हमने धोखा खाया , पर अब ऐसा नहीं होयेगा ।
धोखे का सिद्धांत जो उनका,अल-तकिया हम जान गये हैं ;
झूठे इतिहास की नींद थी हावी,उससे भी हम जाग गये हैं ।
कायर – नेताओं के भी कारण , हमने शान गंवायी है ;
पर अब दो- दो शेर मिले हैं , आशा पूरी जग आयी है ।
यूपी में शेर है योगी – बाबा , व आसाम में हेमन्ता ;
राम – लक्ष्मण की जोड़ी है , हर-हिंदू होगा हनुमंता ।
हर-हिंदू हनुमान को ध्यावै , सारा बल व बुद्धि पावै ;
एकाकार करो भक्ति को , हनुमंता से सब-कुछ पावै ।
सारे – हिंदू हनुमान बनेंगे , राम – लक्ष्मण होंगे राजा ;
योगी – हेमंता से पीएम होगा , सारे कार्य शीघ्र ही साजा ।
योगी होंगे देश के पीएम , कानून का शासन आयेगा ;
स्टॉकहोम सिंड्रोम न होगा , सारा भय मिट जायेगा ।
नरसंहार के दोषी जितने , एक नहीं बच पायेंगे ;
खेद – खेद मारेंगे दुश्मन , फारस भी वापस पायेंगे ।
फिर से फारस मिलेगा तुमको , इसकी पूरी आशा कर लो ;
पूरी-दुनिया में धर्म-सनातन , भारत को हिंदू-राष्ट्र बना लो ।
सत्यमेव जयते ही होगा , भारत हिंदू – राष्ट्र बनेगा ;
सारी दुनिया की मूल संस्कृति , सबका भाग्य उदय होगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”