आईएसडी नेटवर्क। सोलापुर-पंढरपुर पालखी मार्ग के बीच पड़ने वाले जगदंबा देवी का प्राचीन मंदिर धराशायी कर दिया गया है। क्षेत्र के ग्रामीणों में इस बात से बहुत आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों ने रातों-रात मंदिर तोड़ दिया है। चूँकि ये मंदिर मार्ग के बीच में आ रहा था, इसलिए इसे तोड़ दिया गया है। मामला न्यायालय में चल रहा था और उच्च न्यायालय में मंदिर के हर पत्थर पर नंबर लगाकर इस मंदिर को सरंक्षित करने का आदेश दिया था।
सोलापुर के मोहोल में स्थित जगदंबा देवी के प्राचीन मंदिर को तोड़ने की खबर सुनकर पोखरापुर के ग्रामीण आक्रामक हो गए हैं। ग्रामीणों ने आक्रोशित प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिंदुत्व की सरकार है और अफ़ज़ल खान जैसे रवैये वाले ठेकेदारों ने हमारी जगदंबा माता का मंदिर तोड़ दिया है। चूंकि यह मंदिर सोलापुर-पंढरपुर पालखी मार्ग के बीच पड़ता है, इसलिए राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों ने रातों-रात मंदिर को तोड़ दिया है।
हाईकोर्ट ने मंदिर के हर पत्थर पर आंकड़े लगाकर इस मंदिर को संरक्षित करने का आदेश दिया था। लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों ने मंदिर में पत्थर का कोई डेटा डाले बिना ही रातों-रात मंदिर को तोड़ दिया। हालाँकि अब तक देवी की मूर्ति को नहीं हटाया जा सका है। तोड़ने का कार्य सही तरीके से नहीं किये जाने के कारण ग्रामीण नाराज़ हो गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारी देवी की मूर्ति को हटाने में विफल रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर तोड़-फोड़ का कार्य सही तरीके से नहीं किए जाने के कारण ग्रामीण आक्रोशित हो गए हैं। विरोध में पोखरापुर के ग्रामीणों ने सोलापुर-पंढरपुर पालकी मार्ग जाम कर दिया है। पोखरापुर में जगदंबा देवी का प्राचीन मंदिर कई वर्षों से स्थित है। ग्रामीणों ने मंदिर को हटाने की अनुमति नहीं दी है। पुरातत्व विभाग ने स्टैंड लिया था कि इस मंदिर को संरक्षित किया जाए।
ग्रामीणों का आरोप है कि जब मामला कोर्ट में था तो अधिकारियों ने बयान बदलकर गलत दस्तावेज पेश कर दिए। इस बीच पता चला है कि मंदिर को तोड़े जाने के समय एक भूमिगत सुरंग प्राप्त हुई है। इसके बाद ग्रामीणों द्वारा काम रोकने की मांग और तेज़ हो गई है।