विपुल रेगे। वीर दास नामक कॉमेडियन ने अमेरिका जाकर एक कविता पढ़ी है। कविता में भारत की बात कही गई है। इस वीर दास की टाइमिंग पर संदेह होता है। इन दिनों फ़िज़ाओं में कंगना के दो बयान तैर रहे हैं। भारत की स्वतंत्रता और महात्मा गाँधी पर उनके बयान और वीर दास की कविता के बीच क्या कोई अंतर्संबंध है ? भारत पर लिखी कविता के हर्फों से टूल किट की भी बू आ रही है। सन 2014 के बाद असली स्वतंत्रता मिलने के बयान और भारत को अपमानित करती कविता का अंतर्संबंध खोजना आवश्यक हो चला है।
25 अक्टूबर को अभिनेत्री कंगना रनौत को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलता है। इसके बाद 11 नवंबर को कंगना देश की स्वतंत्रता को लेकर अपना चर्चित बयान देती है। इसके ठीक एक दिन बाद 12 नवंबर को वीर दास नामक ये भौंडा कॉमेडियन अमेरिका के वाशिंगटन स्थित कैनेडी सेंटर में भारत के विरुद्ध कविता पाठ करता है। ऐसा प्रतीत होता है, जैसे वीर दास कंगना रनौत के बयान का जवाब भारत को अपमानित करके दे रहा था।
एक बात और उल्लेखनीय है, जो किसी साजिश की तरफ इशारा करती है। उस दिन कैनेडी सेंटर में ये कविता वीर दास के कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी। जब उसका कार्यक्रम समाप्त होने जा रहा था तो उसने ऑडियंस को संबोधित कर कहा कि वह अपने देश भारत के बारे में कुछ कहना चाहता है। निश्चित रुप से ये कविता उस तय कार्यकम का हिस्सा नहीं थी, बल्कि अलग से जोड़ी गई थी। अब ये भी जान लीजिये कि वीर दास नामक भौंडा कॉमेडियन नेटफ्लिक्स पर ‘वीर दास फॉर इंडिया’ के नाम से कार्यक्रम चला रहा है।
वीर को इंटरनेशनल एम्मीज के लिए एक अवार्ड सेरेमनी के लिए अमेरिका आमंत्रित किया गया है। उसी सिलसिले में ये कॉमेडियन अमेरिका यात्रा पर है। जिस ढंग से और जिस तेज़ी के साथ कांग्रेस नेता वीर दास के बचाव में आगे आए हैं, उससे प्रतीत हो रहा है कि वीर दास की वह कविता टूल किट षड्यंत्र का हिस्सा हो सकती है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने वीर दास की कविता को शानदार व्यंग्य बताया है।
अब देखिये वीर दास का बचाव करने कौन-कौन आया है। वही लोग जो टूल किट षड्यंत्र के समय उठ खड़े हुए थे। प्रियंका चोपड़ा, तापसी पन्नू, ऋचा चड्ढा वीर दास के समर्थन में उतर आए हैं। ड्रग एडिक्ट अरयान खान का समर्थन करने वाले फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने भी कॉमेडियन का समर्थन किया है। हंसल मेहता वही फिल्म निर्देशक हैं, जो कुछ दिन पहले गांजे को वैध करने की मांग कर रहे थे।
ऐसा लगता है कि ड्रग्स सेवन को फैशन ट्रेंड बनाने वाले लोग परदेस जाकर देश का अपमान करने को भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में लाने की मांग करने लगेंगे। और हद तो ये है कि एक गए-गुजरे हास्य कलाकार के वीडियो पर अमेरिकी सरकार ने संज्ञान ले लिया है। 12 नवंबर को वीर का शो होने के बाद अमेरिकी सरकार ने अपने नागरिकों को भारत-पाकिस्तान सीमा पर यात्रा न करने की सलाह दी है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने अपनी सलाह में ये भी जोड़ा है कि भारत के मुख्य शहरों में बलात्कार के अपराध तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
क्या कोई सरकार केवल एक कॉमेडियन के लॉफ्टर शो को देखकर अपने नागरिकों को ऐसी सलाह दे सकती है ? जवाब है बिलकुल नहीं। वीर दास ने अपने कॉमेडी शो के अलावा गंभीर मुद्रा में जो कविता पढ़ी, ये उसका प्रभाव हो सकता है। बॉलीवुड को हमेशा ही नज़रअंदाज़ करने वाली केंद्र सरकार के लिए ये एक कड़वा सबक बनकर उभरा है। केंद्र ने कभी सोचा ही नहीं कि उसने बॉलीवुड को जो जो अतिरिक्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दे रखी है, उसका परिणाम ये हुआ है कि भारत के विरुद्ध झूठे नरेशन गढ़े जा रहे हैं।
वह कॉमेडियन इस बात से आश्वस्त है कि भारत में उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती है क्योंकि ऐसी दशा में न्यायालय उसको शरण देगा। वह स्पष्टीकरण देता है लेकिन क्षमा नहीं माँगता। सरकार ये जान ले कि वह अमेरिका टूर में कई प्रोग्राम करने वाला है। और संभव है हर बार भारत की बुराई करने के बाद वह एक ऐसा स्पष्टीकरण हमारे माननीय सूचना प्रसारण मंत्री को ईमेल कर देगा।
फिर मंत्री महोदय उन स्पष्टीकरणों की एक फ़ाइल बना लेंगे। अभिनंदन वर्थमान को जब केंद्र सरकार एक भी खरोंच लगे बिना सुरक्षित भारत ला सकती है तो क्या वीर दास को राष्ट्रद्रोह के आरोप में अमेरिका में गिरफ्तार नहीं करवा सकती ? लगातार ऐसे मौको पर चुप्पी से इन कलाकारों में एक संदेश लगातार प्रसारित हो रहा है कि वे बिंदास ड्रग्स सेवन कर सकते हैं, वे राष्ट्र विरुद्ध फिल्म बना सकते हैं, वे अभिव्यक्ति के नाम पर जब चाहे जब धर्म और देश को बदनाम कर सकते हैं। उनका आप क्या कर लेंगे।