संदीप देव। अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एजेंडे को ध्वस्त करने के लिए अमेरिका को WHO से हटा लिया है। एलन मस्क ने इसका स्वागत करते हुए इसे अमेरिकी संप्रभुता के लिए महत्वपूर्ण बताया है। इससे पहले जापान ने भी WHO, WEF को कह था कि तुम्हारी वैक्सिन पॉलिसी की ऐसी की तैसी!



जबकि दूसरी तरफ भारत सरकार बिल गेट्स और उसकी भारतीय साझीदार अदार पूनावाला के सीरम इंस्टीट्यूट से समझौता करते हुए 9-13 साल की बच्चियों को HPV का टीका दिलवा रही है, जबकि पहले ही भारत में इसके कारण काफी बच्चियों की मौत हो चुकी है, जिस कारण बिल के HPV शोध पर मनमोहन सरकार के समय एक बार प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है! WHO ने हमारे आयुर्वेद पर कब्जा करने के लिए कुछ वर्ष पूर्व गुजरात के जामनगर में मुख्यालय भी खोला है।
ब्रिटेन की अदालत में यह पहले ही खुल चुका है कि करोना पर बिल गेट्स के एस्ट्रोजेनिका वैक्सीन (भारत में यह सीरम का कोवीशिल्ड वैक्सीन) के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा। यह भेद खुलते ही वैश्विक मार्केट से गेट्स से सारा टीका वापस खींच लिया।
अब तो फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने भी यह खुलासा किया है कि पूर्व के बाइडन प्रशासन के अत्यधिक दबाव के कारण करोना वैक्सीन के विरूद्ध कुछ भी लिखे जाने को उनकी टीम प्रतिबंधित करती थी।
बाइडन का प्रशासन पूरी तरह से एक कम्युनिस्ट प्रशासन था और यह डीप स्टेट का सबसे बड़ा पोषक था। आज WEF, WHO आदि डीप स्टेट के एजेंडे को ड्राइव करने वाले सबसे बड़े संगठन हैं, जिन पर दुनिया के 2700-3000 सुपर रिच का कब्जा है! इन्हीं सुपर रिच का एजेंडा इन एजेंसियों के माध्यम से दुनिया भर में थोपा जाता है!
भारत के सुप्रीम कोर्ट में भी अनेक ऐसे केस पहुंचे जिसमें करोना वैक्सीन लेने पर लोगों की मौत की बात कही गई थी। भारत सरकार ने लोगों की मौत के प्रति सहानुभूति तो दिखाया, लेकिन यह भी कहा कि सरकार ने किसी पर टीका लेने के लिए दबाव नहीं डाला था, जबकि सच सबको पता है कि टीका न लेने पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी रोकी गई, आम जनों की आवाजाही बिना सर्टिफिकेट के प्रतिबंधित की गई, लोगों को पकड़-पकड़ कर टीका दिलवाया गया!
अमेरिका को WHO से निकालने के डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम के बाद अब समय आ गया है कि भारत सरकार भी अमेरिका और जापान के नक्शे-कदम पर चलते हुए WHO, WEF आदि डीप-स्टेट के एजेंडे से किनारा करे, इससे बाहर निकले और भारत की संप्रभुता की रक्षा करे। जय हिन्द।