अर्चना कुमारी । दिल्ली दंगे से जुड़े धन शोधन के मामले में आरोपी कारोबारी अमित गुप्ता को कड़कड़डूमा कोर्ट ने सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी है। आपको बता दे, इस मामले में पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन भी आरोपी है।
ताहिर हुसैन के वकील ने सह आरोपी अमित गुप्ता के सरकारी गवाह बनने की अर्जी का विरोध किया। अमित गुप्ता के वकील का पक्ष है कि इस अर्जी पर ताहिर हुसैन को विरोध करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने सह आरोपी की सरकारी गवाह बनने वाली अर्जी को स्वीकार कर लिया है। मालूम हो कि ताहिर हुसैन पर दंगा कराने के लिए डमी कंपनी बनाकर 1.59 करोड़ रुपए जुटाने का आरोप लगाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसके खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
इसमें सहयोग करने के लिए रोहिणी के कारोबारी अमित गुप्ता को भी सह आरोपी बनाया गया था। इस मामले में बीते साल अमित गुप्ता ने सरकारी गवाह बनने के लिए अर्जी दायर की थी। अर्जी में उसने कहा था कि वह जांच में पूर्ण सहयोग करने और साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। इस बीच दिल्ली दंगा के दौरान 23 वर्षीय फैजान की मौत की जांच में विफल रहने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार।
हाई कोर्ट में मामले कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि घटना से जुड़ा वायरल विडीयो है, क्या उस वीडियो में दिखाई दे रहे पीड़ितों के बयान दर्ज किए गए हैं? क्या उन्होंने किसी पुलिस कर्मी की पहचान की है? इसके अलावा कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या मामले में कोई परीक्षण पहचान परेड भी हुई है या नही। दिल्ली पुलिस ने जस्टिस मुक्ता गुप्ता की कोर्ट में एक रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई।
दरअसल एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें 2020 में हुए दिल्ली दंगा के दौरान फैजान जमीन पर घायल पड़ा हुआ था क्योंकि उन्हें वंदे मातरम और राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया था। पुलिस ने पिछले महीने अदालत को बताया था कि उसने इस मामले में एक हेड कांस्टेबल की पहचान की है और उससे पूछताछ की है। इस मामले पर 11 जनवरी को हुई सुनवाई में मामले की जांच में देरी पर सवाल उठाया था और जांच पर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट मांगी थी।