एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया देश में आर्थिक गड़बड़िया फैलाने में ही संलिप्त नहीं है बल्कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी घटनाओं का भी समर्थन करता रहा है। मानवाधिकार को ढाल बनाकर आम लोगों के नाम पर भारतीय सुरक्षा बलों की आलोचना करना उसकी आदत बनी हुई है। एमनेस्टी इंडिया ने कभी भी आतंकवादी वारदातों के लिए पाकिस्तान की आलोचना नहीं की बल्कि मानवाधिकार की आड़ लेकर भारत और भारतीय सुरक्षाबलों की आलोचना करने में थोड़ी भी देर नहीं लगाती।
मुख्य बिंदु
* एमनेस्टी इंडिया को पाक प्रायोजित आतंकी घटना के तहत आमलोगों की हत्या करने वाले आतंकियों का मानवाधिकार दिखता है
* आमलोगों को बचाने के लिए आतंकवादियों से लोहा लेने वाले भारतीय सुरक्षाबलों के जवानों का मानवाधिकार नहीं दिखता है
* आर्थिक मामले की गड़बड़ी में ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के मामले में रहे हैं संलिप्त
Authorities should conduct effective, independent & impartial investigations into the killings of 7 civilians by a blast in the aftermath of the Kulgam encounter in Jammu & Kashmir.
Safety of the civilian population should be of paramount importance.https://t.co/gbyYjehLMI
— Amnesty India (@AIIndia) October 25, 2018
एमनेस्टी इंडिया के प्रमुख आकार पटेल जैसे स्वघोषित मानवाधिकारियों को आमलोगों की हत्या करने वाले आतंकवादियों का तो मानवाधिकार दिखता है लेकिन आमलोगों की सुरक्षा के लिए ही आंतकियों से लोहा लेने वाले सुरक्षाबलों का कोई मानवाधिकार नहीं दिखता है।
21 अक्टूबर को कश्मीर के गुलगांव में आतंकियों के साथ भारतीय सुरक्षाबलों की हुई मुठभेड़ के दौरान एक घर में आतंकवादियों ने बम विस्फोट कर दिया। इससे वहां के सात आमलोगों की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर एमनेस्टी ने सरकार से भारतीय सुरक्षाबलों के खिलाफ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। उसने पाकिस्तान द्वारा भेज गए आतंकवादियों के लिए न तो पाकिस्तान की निंदा की न ही विश्व संगठन से उसके खिलाफ जांच करने की मांग की। जबकि यह एक आतंकवादी घटना थी। लेकिन उसने भारत सरकार से भारतीय सुरक्षाबलों के खिलाफ जांच करने की मांग की है। इतना ही नहीं एमनेस्टी इंडिया हमेशा से ही कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का पक्ष लेता रहा है।
तभी तो देश की सुरक्षा एजेंसियो ने एमनेस्टी इंडिया के खिलाफ गृह मंत्रालय को नकारात्मक रिपोर्ट सौंपी थी। एमनेस्टी इंडिया जैसे गैर सरकारी संगठन देश में अपनी गतिविधियों को इसलिए फैलाना चाहते हैं ताकि वक्त पड़ने पर पाकिस्तान के इशारे पर उसका एजेंडा फैलाया जा सके। एमनेस्टी इंडिया के प्रमुख आकार पटेल ने भी अपने आकाओं को खुश करने के लिए इस मामले में भारतीय सुरक्षा एजेंसियो पर ही सवाल उठाया है। उसका कहना है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी भले ही मुठभेड़ में भारतीय सुरक्षाबलों को मार दे तब भी सुरक्षाबलों को वहां के स्थानीय लोगों को बचाने के लिए आतंकवादियों पर प्रहार नहीं करना चाहिए। इन जैसे तथाकथित मानवाधिकारियों को आतंकियों का मानवाधिकार तो दिखता है लेकिन जिस देश में रहते हैं वहां के सुरक्षबलों का मानवाधिकार नहीं दिखता है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल से सम्बंधित अन्य खबरों के लिए पढें-
एमनेस्टी इंटरनेशनल की मोदी सरकार ने की ठुकाई! बिलबिलाए एमनेस्टी को याद आया CBI का विवाद!
एनजीओ होकर FDI के जरिए अवैध तरीके से विदेशी धन ला रहा था एमनेस्टी!
URL: Amnesty India supporter of Pakistan-sponsored terrorists in Kashmir
Keywords: Amnesty International, Amnesty India, foreign funded NGO’s, Amnesty india suport terrorist, Kashmir, एमनेस्टी इंटरनेशनल, एमनेस्टी इंडिया, विदेशी वित्त पोषित एनजीओ, एमनेस्टी इंडिया आतंकवाद समर्थक, कश्मीर