कश्मीर में सुरक्षाबलों के हाथों इनकाउंटर में मारे गए एएमयू के छात्र रहे आतंकी मनन वानी के समर्थन में देश विरोधी नारे लगाने वाले वीडियो सामने आए हैं, लेकिन देश में ही कुछ लोग हैं जो उसके लिए नमाज-ए-जनाजा में शामिल होने वालों के पक्ष में तर्क दे रहे हैं। ये वही वामी-कांगी हैं जो देश के हिंदुओं को अपमान करने का एक भी मौका नहीं छोड़ते, जो हिंसा करने वाले कुछ गौरक्षकों को पूरे देश के हिंदुओं का चेहरा मानने से गुरेज नहीं करते, आज वही लोग मारे गए आतंकी मनन वानी के लिए अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी में नमाज ए जनाजा में शामिल मुसलिम छात्रों को पूरे मुसलिम समुदाय का चेहरा नहीं मानते।
मुख्य बिंदु
* नमाज-ए-जनाजा के मौके पर लगाए गए देश विरोधी नारे के वीडियो आए बाहर, कइयों पर देश द्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज
* कश्मीर में इनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया मनन वानी आतंकी बनने से पहले एएमयू में ही पढ़ता था
इनके दोहरा चरित्र का तो कहना ही क्या? उन्हें समझना चाहिए कि जो छात्र वानी के नमाज-ए-जनाजा में शामिल हुए हैं वे कोई ऐरे-गैरे राहगीर नहीं बल्कि एक नामी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र हैं। किसी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र अपने पूरे समुदाय के साथ उस यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह भी समझना चाहिए कि यह अनायास नहीं बल्कि विचार से जुड़ा हुआ सयास प्रयास है। अगर ऐसा नहीं होता तो यूनिवर्सिटी उन तीनों छात्रों को निलंबित नहीं करती न ही अन्य 12 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी करती।
अगर आतंकी के लिए नमाज़ पढ़नेवाले कुछ छात्र पूरी AMU का चेहरा नहीं हो सकते तो 130 करोड़ की आबादी में से हिंसा करनेवाले कुछ गौरक्षक पूरे मुल्क की तस्वीर भी नहीं हो सकते और ना ही हाथ में बन्दूक/पथ्थर उठानेवाले कुछ युवा पूरे कश्मीर की आवाज़ हो सकते हैं। तराज़ू बराबर तो रखिए बॉस।
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) October 13, 2018
उनके इस दोहरे चरित्र पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने कुछ सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा “जो लोग आज यह कह रहे हैं कि एएमयू में आयोजित नमाज-ए-जनाजा में शामिल छात्र पूरे समुदाय या एएमयू का चेहरा नहीं हो सकते उन्हें यह भी समझना चाहिए कि 130 करोड़ की आबादी वाले देश में हिंसा पर उतारू कुछ गौरक्षक पूरे देश की तस्वीर कैसे हो सकते हैं? इसी आधार पर हाथ में पत्थर और बंदूक उठाने वाले कुछ सिरफिरे युवा पूरे कश्मीर की आवाज कैसे हो सकते हैं?
गौरतलब है कि बीते गुरुवार को आतंकवादी मनन वानी को एक इनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों ने मार गिराया। यह वही वानी है जो आतंकवादी बनने से पहले एएमयू में जूलोजी विषय से पीएचडी कर रहा था। एएमयू के कुछ छात्रों ने केनेडी हॉल में उसके लिए नमाज-ए-जनाजा आयोजित किया। इसमें कई छात्रों ने शिरकत की और देश विरोधी नारे लगाए। उसका वीडियो भी बाहर आ गया है। उसी वीडियो के आधार पर कश्मीरी तथा दर्जनों अज्ञात छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
AMU में 2 कश्मीरी और दर्जनों अज्ञात छात्रों के ख़िलाफ़ ‘देशद्रोह’ की FIR. ‘देश-विरोधी’ नारे का विडियो मिलने पर पुलिस की कार्रवाई. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी 3 छात्रों को निलम्बित किया, 12 अन्य को कारण-बताओ नोटिस दिया.#AMU
— Manak Gupta (@manakgupta) October 13, 2018
वहीं इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी प्रशासन से यूनिवर्सिटी परिसर में आतंकवादी मनन वानी की मौत पर नमाज-ए-जनाजा आयोजित करने को लेकर रिपोर्ट देने को कहा है। इस संदर्भ में यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर मोहसिन खान का कहना है कि इस मामले के सामने आते ही तीन कश्मीरी छात्रों को निलंबित कर दिया गया है साथ कई को कारण बताओ नोटिस जारी कर सभी छात्रों के अकादमिक विवरणों की जांच की गई है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी परिसर में किसी प्रकार की देशविरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
URL: amu suspends kashmiri students for trying to hold prayer meeting for hizbul commander Manan Wani
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