अवैध तरीके से बैंकों में पहुंचा तिरुपति बालाजी मंदिर का धन! आंध्रप्रदेश की सरकार ने श्रद्धालुओं से किया छल! प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर मंदिर के पैसे अपने चहेते बैंकों में जमा करने का आरोप लगा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री ने बिना किसी टेंडर निकाले ही आंध्रा बैंक को मंदिर के 4000 करोड़ रुपये दे दिए और इंडसलैंड बैंक को एक हजार करोड़ रुपये फिक्स डिपोजिट करने के लिए दिए। जबकि विजया बैंक ने सरकार को बेहतर ब्याज देने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन सरकार ने टेंडर करने की जगह अपने पसंदीदा बैंकों के बीच मंदिर के धन की बंदरबांट कर दी।
Dr Ramana Dikshitulu – 4000 crores of temple fund was given 2 Andhra Bank & 1000 crs was given 2 Indus Ind bank for fixed deposit, but they gave the money without issuing tenders, Vijaya bank was giving good interest, still they favoured other banks #TirupatiControversy @republic
— Prema Sridevi (@premasridevi) May 21, 2018
मुख्य बिंदु
* बिना टेंडर निकाले ही चंद्रबाबू की सरकार ने मंदिर के पांच हजार करोड़ रुपये दो बैंको को दे दिए
* बेहतर ब्याज देने के प्रस्ताव के बावजूद विजया बैंक को नहीं देकर दूसरे बैंकों में जमा हुई रकम
* वस्त्र सेवा वाली पवित्र पूजा के लिए टिकट की कीमत 100 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी है
इतना ही नहीं, इस मंदिर में वस्त्र सेवा के नाम से एक पवित्र पूजा की परंपरा है। इसके लिए टिकट की व्यवस्था है। सालों से इस पूजा के लिए टिकट की कीमत मजह 100 रुपये रखी गई है। जबकि लेकिन आज इस टिकट की कीमत बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है। इतना ही नहीं आरोप है कि मंदिर बोर्ड टीटीडी के आदमी उसे ब्लैक में 20 लाख रुपये तक में बेच रहे हैं। स्पष्ट है कि सीधे तरीके से किसी को वस्त्र सेवा के लिए टिकट दी ही नहीं जाती।
Dr Ramana Dikshitulu – Vastra Seva is a sacred puja performed in the temple, ticket used to cost 100 rs years back, 2day the ticket in white costs 50,000, in black the touts are selling the tickets for 20 lakhs. All this thru the blessings of TTD #TirupatiControversy @republic
— Prema Sridevi (@premasridevi) May 21, 2018
इससे स्पष्ट है कि मंदिर में दान के रूप में आए पैसों का का उपयोग मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनकी सरकार अपना राजनीतिक हित साधने में खर्च करते हैं। दान का पैसा जहां मंदिर के विकास से लेकर उसके उद्देश्य और लक्ष्य के अनुरूप खर्च होना चाहिए, वहीं नायडू अपने राजनीतिक के लिए अवैध तरीके से खर्च कर रहे हैं। आरोप है कि वह अपनी सरकारी योजनाओं के लिए मंदिर के धन का उपयोग कर रहे हैं, जो गलत है।
भाजपा से अलग होने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने स्वयं कहा है कि वे प्रदेश में कई मदरसे और मसजिद बनवाएं हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनसे ज्यादा मुसलिमों के विकास के लिए कोई और काम किया ही नहीं है। मुख्यमंत्री नायडू प्रदेश को पर्याप्त फंड नहीं देने के कारण केंद्र सरकार से अलग हो गए, दूसरी ओर प्रदेश भर में मसजिद और मदरसे बनाने का बखान कर रहे हैं। अब सवाल उठता है कि कहीं चंद्रबाबू नायडू मंदिर के फंड से मदरसे और मसजिद तो नहीं बना रहे? क्योंकि अगर सरकार के पास पैसे हैं नहीं तो मदरसे और मसजिद बनाने के पैसे आए कहां से? कहीं मंदिर में दान देने वाले दानदाओं के पैसे का दुरुपयोग तो नहीं किया जा रहा? प्रदेश सरकार खासकर प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से ये सवाल अवश्य पूछा जाना चाहिए?
TDP is the only party that constructed Haj houses in Hyderabad, Vijayawada & Kadapa. We promoted Urdu & built thousands of mosques across the state: Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu at foundation laying event of Haj House in Vijayawada pic.twitter.com/yEFd1nY6Wt
— ANI (@ANI) May 12, 2018
तिरुपति मंदिर में हुए भ्रष्टाचार का मामला अब राजनीतिक मामला भी बन गया है। इस मामले में आंध्र प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता जगनमोहन रेड्डी ने कहा है कि इतने बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे से अब तो यह सबके सामने आ गया है कि वर्तमान मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पैसे और सत्ता का कितना भूखा है। उन्होंने मंदिर के मुख्य पुजारी रमण दीक्षितुलू को जबरदस्ती हटाने की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अनुवांशिक सेवाकुलू को यह अधिकार है कि क्षमता के अनुकूल वे जीवन भर भगवान की सेवा करे। चूंकि मुख्य पुजारी सरकार के नियमित कर्मचारी नहीं होते हैं इसलिए उनकी सेवानिवृत्त होने की बात ही नहीं है। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की कार्यप्रणाली को प्रभावित किया है, इतिहास में इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था।
This Is Huge Developmemt!
On Triupati Temple Mismanagement & Financial Misappropriation , BJP MP Dr Subramanian @Swamy39 to File a PIL in the Supreme Court!
Dr Swamy Strongly Warns that State Govt should stay away from Temple Affairs!#TirupatiControversy@jagdishshetty pic.twitter.com/bpM8mxNG3G
— Mahesh Joshi MJ (@MaheshJoshi_MJ) May 21, 2018
वहीं तिरुपति बालाजी मंदिर के कूप्रबंधन और आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने वाले हैं। उन्होंने पहले ही राज्य सरकार को मंदिर के मामले से दूर रहने की हिदायत दे रखी है। लगता है कि तिरुपति मंदिर के भ्रष्टाचार का मामला चंद्रबाबू नायडू को अगले चुनाव में ले डूबेगा।
URL: andhra pradesh chief minister chandrababu naidu government was given 5000 crores temple fund without issuing tenders
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