विपुल रेगे। जॉन ले कार्रे के उपन्यास ‘द नाइट मैनेजर’ की कहानी विश्व के हर उस देश की कहानी बन सकती है, जहाँ सिस्टम ही भगवान होता है। इस उपन्यास पर बनी ब्रिटिश टेलीविजन सीरीज ने दुनियाभर में प्रशंसा बटोरी थी। अब इसका हिन्दी एडाप्टेशन डिज़्नी + हॉटस्टार पर रिलीज हुआ है। अनिल कपूर और आदित्य रॉय कपूर की ‘द नाइट मैनेजर’ की कहानी का सुंदर भारतीयकरण किया गया है। अनिल कपूर ने अपने ओटीटी डेब्यू में दिखा दिया है कि ये बूढ़ा पहलवान आज भी अभिनय के अखाड़े में नए पहलवानों को पटक सकता है। ओटीटी के मंच पर अनिल कपूर ने ‘झकास’ एंट्री मारी है।
ओटीटी मंच : Disney+Hotstar
स्पाई थ्रिलर ‘द नाइट मैनेजर’ की कहानी एक होटल के नाइट मैनेजर शान सेनगुप्ता से शुरु होती है। शान ढाका के एक होटल में नाइट मैनेजर है। उसके होटल में एक ऐसी बच्ची आई है,जिसकी शादी एक अधेड़ आदमी से कर दी गई है। ये आदमी हथियारों के सौदागर शैलेन्द्र रुंगटा के लिए काम करता है। बच्ची उसकी कैद से छूटना चाहती है। इधर भारत में रॉ की एक टीम बहुत समय से रुंगटा को पकड़ने के लिए किसी लीड का इंतज़ार कर रही है। परिस्थितियां ऐसे मोड़ लेती हैं कि बच्ची मार दी जाती है।
रॉ की टीम में कोई भेदिया है, जो सारी खबर रुंगटा तक पहुंचा रहा है। ब्रिटिश टीवी सीरीज की कहानी का बैकड्रॉप ब्रिटेन, स्विट्ज़रलैंड और इजिप्ट था और भारतीय नाइट मैनेजर की कथा का बैकड्रॉप भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका में सेट किया गया है। शुक्रवार को इसके चार एपिसोड रिलीज किये गए हैं। कुछ समय बाद या एक सप्ताह बाद बाकी एपिसोड रिलीज हो सकते हैं। निर्देशक जोड़ी प्रियंका घोष-संदीप मोदी ने मनोरंजक वेब सीरीज बनाई है। इसमें थ्रिल और सस्पेंस चौथी कड़ी तक कायम रहता है।
स्मूद निर्देशन और कलाकारों के जीवंत अभिनय के बूस्ट से ‘द नाइट मैनेजर’ रफ़्तार से दौड़ती है। इससे पहले इजराइली वेब सीरीज ‘फौदा’ का सुंदर एडाप्टेशन ‘तनाव’ में देखने को मिला था। कलाकारों की कैरेक्टर बिल्डिंग ऐसी की गई है कि ये वेब सीरीज एक कैरेक्टर स्कैच नज़र आती है। अनिल कपूर को बहुत समय से ऐसी भूमिका नहीं मिली थी, जिसकी सहायता से वे दिखा सके कि उनमे अब भी बहुत आग बाकी है। रुंगटा के किरदार में अनिल कपूर ने अपनी आग बख़ूबी दिखाई है।
इस निगेटिव शेड वाले किरदार को अनिल कपूर ने बिना गेटअप में बदलाव लाते हुए निभाया है। एक अनुभवी और मंझा हुआ कलाकार ही ऐसा कर सकता है। अनिल कपूर का किरदार बड़ा ही शक्तिशाली बनाया गया है। आदित्य रॉय कपूर ने ‘मलंग’ से दिखाया था कि वे भविष्य के अच्छे अभिनेता बनेंगे। लीजिये पेश है एक बदला हुआ आदित्य रॉय कपूर। शान सेनगुप्ता के किरदार में आदित्य ने बहुत अच्छा अंडरप्ले दिखाया है। उनका अभिनय पहले से और मैच्योर हुआ है। इस हैंडसम बंदे को डूबकर एक्टिंग करते देखना अच्छा लगता है।
अनिल कपूर की तरह आदित्य ने भी इस वेब सीरीज के ज़रिये ओटीटी डेब्यू किया है। सोभिता धुलिपला, तिलोत्तमा शोम और शाश्वत चटर्जी तो अभिनय के रत्न हैं। शाश्वत चटर्जी और अनिल कपूर की अभिनय वाली जुगलबंदी देखने योग्य है। कोलकाता की तिलोत्तमा ने रॉ के अधिकारी की भूमिका बड़े विश्वसनीय ढंग से निभाई है। उनका कॉमिक अंदाज़ दर्शक को हंसाता है। चार एपिसोड की ये कहानी जिस मुकाम पर रोकी गई है, वह बड़ा ही इंट्रेस्टिंग है।
निश्चय ही दर्शक बाकी के एपिसोड्स का इंतज़ार करेंगे। फिल्म में कुछ वयस्क कंटेंट है इसलिए इसे वयस्क दर्शकों द्वारा ही देखा जाना चाहिए। एकाध दृश्य को छोड़ दे तो निर्देशक जोड़ी ने फिर भी एक साफ़ सुथरा थ्रिलर बनाया है, जो पूरा मनोरंजन देता है।