राष्ट्र को नीचे गिरा रहा है , पद की गरिमा घटा रहा है ;
ऐसा लकवाग्रस्त हुआ है , देश को नेता रुला रहा है ।
खुद की इज्जत भूल चुका है ,राष्ट्र की इज्जत नहीं लुटाओ;
पद के योग्य नहीं,पद छोड़ो, पद को लज्जित नहीं कराओ ।
कोई ऐसा मंत्र बताये ? इस मुर्दे में जान आ जाये ;
सबके विश्वास का चक्कर छोड़े , डीएनए भी नहीं मिलाये।
जो भी इसका शौर्य-साहस है, फिर से वह वापस आ जाये ;
स्कूलों में गंदी शिक्षा , झूठे – इतिहास को बंद कराये।
हिंदू भूल चुके हैं गौरव , उसको उनको फिर लौटाये ;
राष्ट्र के दुश्मन जहां-जहां हैं , उनको सख्ती से निपटाये ।
पैदावार है देशद्रोह की , इसकी फसल को बंद कराओ ;
राष्ट्रभक्ति के कीटनाशक से , ये सारे कीड़े मिटवाओ ।
शौर्य का कोई विकल्प नहीं है , अच्छे से मन में बैठाओ ;
कायरता अब सारी त्यागो , अपना रौद्र -रूप दिखलाओ ।
रोना-धोना बिल्कुल छोड़ो , अब न अपनी कीर्ति घटाओ ;
सबसे बड़े राष्ट्र के रक्षक , अब न चौकीदार कहाओ ।
राष्ट्र में संकट बहुत बड़ा है , आर – पार का युद्ध करो ;
करो – मरो की स्थिति आयी , राष्ट्र के संकट दूर हरो ।
जहां भी जैसी पड़े जरूरत , संविधान को ठीक करो ;
जहां कहीं भी शक्ति जरूरी , पूरा इस्तेमाल करो ।
शाहीन – बाग़ होने मत देना , रोड-जाम कोई कर न पाये ;
राष्ट्रीय ध्वज है राष्ट्र का गौरव , नष्ट कभी न हो पाये ।
अब भी सुरक्षा कम हो तेरी , और सुरक्षा बढ़वाओ ;
वैसे सर्वोत्तम विकल्प यही है , देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , राष्ट्र का गौरव आ जायेगा ;
गुंडागर्दी खत्म हो सारी , धर्म – सनातन छा जायेगा ।
एकमात्र है धर्म- सनातन , सभी की रक्षा करता है ;
वरना मजहब के शासन में , जीवन मूल्य खत्म होता है ।
तू तो सब की बात है करता , उसके लिए जरूरी है ;
धर्म – सनातन लाना होगा , अब तो ये मजबूरी है ।
धर्म – सनातन ही ऐसा है , सबका विकास जो करता है ;
इसी से सबका साथ मिलेगा, विश्वास सभी का मिलता है।
जो भी डीएनए की बात है करता,वो भी तभी मिल पायेगा;
जब हिंदू- राष्ट्र बनेगा भारत और धर्म- सनातन आयेगा ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”