अर्चना कुमारी। दिल्ली हाइकोर्ट ने शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तन्हा और सफूरा ज़रगर समेत 9 लोगों पर आइपीसी 143, 147, 149, 186, 353, 427 के तहत आरोप तय किये। बताया जाता है कि बाकी दो लोगो मोहम्मद अबुजर और मोहम्मद शोएब को कोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया। गौरतलब है कि मंगलवार को जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम, सफूरा ज़रगर समेत 11 आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला बहुप्रतीक्षित था और इसे आज सुनाया गया।
जस्टिस स्वर्णकांता ने फैसला सुनाना शुरू किया जबकि कोर्ट ने कहा कि पहली नज़र में साफ है कि शरजील समेत बाकी लोग भीड़ में मौजूद थे। जांच में यह भी पता चला है वो न केवल दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लग रहा थे, बल्कि बैरिकेड को भी हिंसक तरीके से हटाने की कोशिश कर रहे थे। कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी / प्रदर्शन के अधिकार का हवाला देकर शांति भंग करने या सार्वजनिक संपति को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
अदालत का साफ कहना था कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा फैलाने की अनुमति कतई नहीं दी जा सकती है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जामिया हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने 11 में से नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए और अदालत में पुलिस की अपील मंजूर कर ली । दिल्ली पुलिस ने इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में शरजील इमाम, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा और अन्य को आरोपमुक्त करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को आंशिक रूप से पलट दिया । अदालत ने आरोपियों के खिलाफ दंगे और अन्य आरोप तय करने का निर्देश दिया ।
हाईकोर्ट ने कहा कि जैसा कि वीडियों में दिख रहा है, आरोपी भीड़ की अगुवाई कर रहे थे। वे दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे और हिंसात्मक ढंग से बैरिकेड्स को धक्का दे रहे थे। शांतिपूर्ण तरीके से सभा करने का अधिकार तार्किक प्रतिबंधों के अधीन है। हिंसक गतिविधि और हिंसापूर्ण भाषणों को संरक्षण नहीं मिल सकता।
शरजील इमाम, सफूरा जरगर , उमैर अहमद, मोहम्मद अनवर ,मोहम्मद कासिम, बिलाल नदीम, शाहजार रजा खान,चंदा यादव इन सभी लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 186, 353, 427 के साथ-साथ सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
मोहम्मद शोएब, आसिफ इकबाल तन्हा, मोहम्मद अबूजार ,मोहम्मद शोएब और मोहम्मद अबुजर पर आईपीसी की धारा 143 का आरोप लगाया गया, अन्य सभी धाराओं बरी कर दिया गया । आसिफ इकबाल तन्हा पर आईपीसी की धारा 308, 323, 341 और 435 के तहत आरोप तय किए गए।