विपुल रेगे। फिल्म अभिनेता अर्जुन कपूर की तीन फ़िल्में प्रदर्शित होने जा रही हैं। उनकी ताज़ा फिल्म ‘एक विलेन रिटर्न्स फ्लॉप हो चुकी है। ऐसी विकट स्थिति में अर्जुन कपूर ने दर्शकों के साथ दुश्मनी मोल ले ली है। वे उन दर्शकों पर टूट पड़े हैं, जिनके कारण अर्जुन के पिता का आलीशान साम्राज्य खड़ा हुआ है। बॉलीवुड दो वर्ष से मुश्किल में है और लगातार ढहता जा रहा है।
फिल्म निर्माता बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर ने चौदह फिल्मों में अभिनय किया है। उनमे से दो फ़िल्में ही सफलता का मुंह देख सकी। सन 2014 के बाद से अर्जुन फ्लॉप ही चल रहे हैं। यानी बॉलीवुड के सामूहिक बहिष्कार से पूर्व ही अर्जुन का बहिष्कार दर्शकों ने कर दिया था। अर्जुन ने बॉलीवुड हंगामा को इंटरव्यू देते हुए कहा कि ‘लोगों को सबक सिखाना ज़रूरी हो गया है, ये अब बहुत अधिक हो रहा है। निश्चय ही अर्जुन अब दर्शकों को सबक सिखाने के बारे में सोच रहे हैं।
प्रश्न ये उठता है कि वे अच्छे दर्शकों और बॉयकॉट करने वालों में अंतर कैसे करेंगे। चलिए अर्जुन कपूर ने इतना तो माना कि इंडस्ट्री का बॉयकॉट किया जा रहा है। उनसे सीनियर अभिनेताओं ने तो आज तक ये स्वीकार नहीं किया कि इंडस्ट्री का बहिष्कार हो रहा है। दो दिन पूर्व फिल्म समीक्षक कोमल नाहटा का बेदम तर्क सुनने को मिला। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद दर्शक के मानस में परिवर्तन आ गया है और अब वह अपनी संस्कृति से जुड़ी फ़िल्में देखना चाहता है।
कोमल नाहटा ने बात तो ठीक की लेकिन कोरोना के स्थान पर उन्हें सुशांत सिंह राजपूत को कारण बताना चाहिए था। अर्जुन कपूर की इस युद्ध में क्या जगह है, ये भी देखना आवश्यक है। वे एक नेपो किड हैं और माता-पिता के प्रभाव से इंडस्ट्री में काम पा गए। चौदह फ़िल्में उनको मिली लेकिन वे स्वयं को सिद्ध नहीं कर सके। क्या ये गुस्सा उनकी फिल्म ‘एक विलेन रिटर्न्स’ की नाकामयाबी से उभरा है ? अर्जुन की आगामी फिल्मों में विशाल भारद्वाज की ‘कुत्ते’ भी हैं।
आज अर्जुन ये बयान नहीं देते, तब भी दर्शक उनकी ये फिल्म देखने नहीं जाते। आमिर खान, अक्षय कुमार, सलमान खान, शाहरुख़ खान ने कभी स्वीकार नहीं किया कि उनकी फिल्मों का बहिष्कार किया जा रहा है। अर्जुन कपूर की ये स्वीकारोक्ति बहुत दूर तक जाने वाली है और इसका असर दूसरे सितारों की फिल्मों पर होना निश्चित है। अगले माह करण जोहर की ‘ब्रम्हास्त्र’ का पहला भाग प्रदर्शित होने जा रहा है। अर्जुन का बयान तब तक दर्शक को याद रहने वाला है।
बॉलीवुड को अब दर्शक अलग करके नहीं देखता। उसके लिए अर्जुन कपूर बॉलीवुड है तो रणबीर कपूर भी बॉलीवुड है। एक अभिनेता या निर्माता कोई विवादित बयान देगा तो उसका बुरा असर दूसरों की फिल्मों पर भी होगा। आमिर खान की लाल सिंह चढ्ढा और अक्षय कुमार की रक्षाबंधन सिनेमाघरों में लागत वसूल करने के लिए संघर्ष कर रही हैं और ऐसे में अर्जुन कपूर नामक फ्लॉप अभिनेता दर्शकों को ललकारता है। विपरीत परिस्थितियों में बॉलीवुड अपना धैर्य खोता जा रहा है।