Yindu Ren. इंडिया में सेना और सैनिकों को बहुत ज्यादा ओवररेटेड कर के देखा जाता है, उन्हें देशभक्त, धर्म रक्षक और भी न जाने क्या क्या अफवाहों से बांध कर रखा जाता है, और सेना/ सैनिक भी अपनी पिच्चरों, टीवी के माध्यम से गढ़ी गई इमेज से इंकार नहीं करती क्योंकि उन की यह इमेज उन्हें एक सिविलियन से ऊंचा दर्जा दिलवाती है
जरूरत है आँख खोलकर देखने की, और बात को समझने की, सेना हमेशा पॉलिटिकल डीसीजन से बंधी हुई होती है, सेना के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है ऑर्डर, जोकि “ऊपर” से आता है, सेना का ढांचा ही इसी ऑर्डर पर खड़ा है, मास्टर-स्लेव स्ट्रक्चर किसी भी सेना का बैक-बोन होता है, उस पर विज्ञापनों, टीवी, पिच्चर, इश्तिहार के माध्यम से देशभक्ति, राष्ट्रभक्ति, त्याग, जैसा आकर्षक मुलम्मा चढ़ाया जाता है, सेना के लिए देशभक्ति/राष्ट्रभक्ति जैसी बातें तीसरे-चौथे नंबर पर आती है और धर्म जैसा कोई कान्सेप्ट डेमोक्रेटिक देश की सेना नहीं मानती, बल्कि इस के उलट अगर सेना में कोई मुसलमान और अल्पसंख्यक है, तो वह अपने मजहब, रिलीजन, पंथ के लिए सेना और उसके अफसरों को झुका सकता है
अभी हाल में इंडिया की सेना ने कई जगह पर रोजा इफ्तार करवाए, सारे मुसलमान, गैर-मुसलमान सैनिकों को एक साथ इकट्ठा नमाज पढ़वाई, खुद गैर-मुसलमान सैनिकों ने काफिरों (यानि खुद अपने और अपने परिवार संबंधियों के खात्मे) के खात्मे के लिए अल्लाह से की दुआ की! ऐसे ही सिक्ख रेजीमेंट वाले है, वह अपने पंथ की आड़ लेकर पूरे इंडिया में जमीनें कब्जा कर अपने सैन्य ठिकाने के रूप में गुरुद्वारे विकसित कर रहे है, और पॉलिटिकल ऑर्डर्स का गुलाम केवल हिन्दू बना हुआ है, और उस से बदतर वह पैसे का गुलाम बना हुआ है!
आपको क्या लगता है, रोहींगया-बंगलादेशी IGI-T3 से इमिग्रेशन क्लेयर कर के इंडिया में घुसते है???उन को बॉर्डर कौन क्रॉस करवाता है पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर से? है कोई जवाब???कोई बॉर्डर इंफिल्ट्रैट कर के पाकिस्तान में क्यूँ नहीं घुसता? उसी बॉर्डर से इंडिया में कैसे घुसपैठ हो जाती है, न केवल घुसपैठ, राजौरी, पुंछ, उरी , पुलवामा जैसे मिलिट्राइज्ड ज़ोन तक आकर हमले भी कर जाते है?!!इतना इजी है क्या इंडिया में घुसना??
पूरे इंडिया में सबसे ज्यादा मिलिट्राइज्ड ज़ोन है जम्मू-कश्मीर, इंडिया का अथाह पैसा और रिसोर्स लगाकर वहाँ पर सेना लगी है, साथ है उन के पास AFSPA जैसा मजबूत कानून है, उस के बाद भी वहाँ से हिंदुओं का नामों-निशान मिटा दिया गया, जो थोड़े बहुत बचे वह भी धीरे धीरे भाग कर देश के दूसरे हिस्सों में जा रहे है, उनको सेना ने क्यों नहीं बचाया????, कारण वही, सेना के पास न अपना दिमाग होता है, न फैसला लेने की आजादी, वह दिल्ली के आदेशों की गुलाम है!!
पश्चिम बंगाल में सबसे बड़ा आर्मी कैंट मिदनापुर में है, साथ ही पूरे पश्चिम बंगाल में कई कैंट और बेस स्टेशन है, लेकिन वहाँ हिंदुओं को कुत्ते की तरह दौड़ा दौड़ा कर मारा जाता है, कभी सेना ने क्यों नहीं बचाया?
सेना और सैनिक की ओवररेटेड इमेज से बाहर आइए, ये ओवररेटेड इमेज इसीलिए बनाई गई जिस से यह सिविलियन के टैक्स पर पल तो सकते है, लेकिन हमेशा उन्हें दोयम दर्जे का समझे, और हमेशा इस बात का एहसास दिलाते रहे कि अगर हम न होते तो तुम कब का मार दिए गए होते! एक बात अच्छे से समझ लीजिए, डेमोक्रेटिक देश की सेना कभी भी, किसी भी कीमत पर हिंदुओं की तरफ से नहीं लड़ सकती.