आईएसडी नेटवर्क। अर्नब गोस्वामी को रविवार की सुबह तलोजा जेल भेज दिया गया। जब उन्हें जेल ले जाया जा रहा था तो पुलिस वैन से अर्नब लगातार चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे कि जेलर ने मेरे साथ मारपीट की है। वे कह रहे थे कि मेरी जान को ख़तरा है और मुझे अपने वकील से भी नहीं मिलने नहीं दिया जा रहा है।
जब रिपब्लिक के रिपोर्टर वैन के पास पहुंचे तो वैन की खिड़कियों को पुलिसकर्मियों ने काले कपड़े से ढँक दिया था। अर्नब ने अपने वकील के माध्यम से बताया है कि गिफ्तार करने के बाद उनको किस कदर यातनाएं दी जा रही हैं। अर्नब के बाएं हाथ में एक जख्म हो चुका है। इनकी पीठ में टकराने की वजह से अंदुरनी चोट आई है।
उनको पुलिस द्वारा पहने जाने वाले सख्त जूते पहनकर मारा गया है। अर्नब को जूते पहनने की इज़ाज़त नहीं दी गई। वे थाने से कोर्ट नंगे पाँव पहुंचे और जेल भी इसी अवस्था में ले जाए गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें गिलास में डालकर कोई लिक्विड पीने पर मजबूर किया, जिसके कारण उनका गला चोक हो गया।
जब उन्हें तलोदा जेल ले जाया जा रहा था, वे चीख-चीखकर कह रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट मेरी सहायता करे। उनका कहना था कि पुलिस ने साफ़ कहा कि वकीलों से बात नहीं करने देंगे।इस गिरफ्तारी का देशभर में तीखा विरोध शुरु हो गया है और केंद्र सरकार से लगातार दखल देने की मांग की जा रही है।
हालांकि अब तक केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में आलोचना के अलावा और कुछ नहीं किया गया है। रविवार सुबह जब वे जागे तो उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। जब उन्होंने वकीलों से मिलने की मांग की तो साफ़ इंकार कर दिया गया। शनिवार रात उनके वकील घंटों उनसे मिलने के लिए खड़े रहे लेकिन इज़ाज़त नहीं दी गई थी। अर्नब गोस्वामी ने पुलिस वैन से बैठे-बैठे साफ़ कहा कि केंद्र अब दखल दे, नहीं तो मुझे मार दिया जाएगा।