यूएई से प्रत्यर्पण कर लाए गए अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल के हवाले से सीबीआई को एक फैक्स मैसेज का पता चला है। यह फैक्स मिशेल ने अगस्ता वेस्टलैंड के इंटरनेशनल बिजनेस के उपाध्यक्ष जियाकोमो सैपोनारो को भेजा था। जनवरी 2010 में भेजे गए इस फैक्स में मिशेल ने बताया था कि अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीद की डील यूपीए सरकार में ‘बहुत ऊंची पहुंच’ के जरिए पक्की हुई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा था कि उसे इस डील के लिए यूपीए सरकार की पूरी कैबिनेट को अपने समर्थन में करना पड़ा। मालूम हो कि सीबीआई को मिशेल का यह फैक्स इटली से मिला है। अब सवाल उठता है कि आखिर उस समय यूपीए सरकार में ‘बहुत ऊंची पहुंच’ किसकी थी? और किसके जरिए मिशेल इस डील को पक्का कर पाए?
सीबीआई को इटली से मिले इस फैक्स से पता लगा है मिशेल को उस समय वित्त और रक्षा मंत्रालय में घूमने वाली हर फाइलों की पूरी जानकारी होती थी। सीबीआई को तो यहां तक कहना है कि मिशेल को हर फाइल की जानकारी तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी से पहुले मिल जाती थी। सीबीआई के हाथ लगे मिशेल के इस फैक्स से साफ होता है कि एक विदेशी हथियार बिचौलिए की पहुंच कितनी दूर तक थी।
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में गिरफ्तार दलाला क्रिश्चियन मिशेल ने अपने आकाओं को भेजे फैक्स से खुद ही साफ कर दिया है कि वह इस डील के लिए यूपीए सरकार की पूरी कैबिनेट को अपने इशारों पर नाचने पर मजबूर कर दिया था। अपने आका को भेजे मैसेज में उसने लिखा था कि चूंकि तत्कालीन वित्त सचिव का झुकाव रूसी कंपनियों के प्रति था। उसने यह भी लिखा था कि भारतीय वायुसेना को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर बेचने को लेकर रूसी और अमेरिकी कंपनी भी लगी हुई थी। रूसी और अमेरिकी कंपनियों को पीछे छोड़ने के लिए उन्हें यूपीए सरकार की पूरी कैबिनेट को अपने समर्थन में करना था। उन्होंने अपने इस फैक्स में लिखा था कि उसे इस सब से पार पाने में यूपीए सरकार में ‘बहुत ऊंची पहुंच’ रखने वाले का समर्थन है। उसी के जरिए उसे इस डील के लिए यूपीए सरकार की कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी।
ध्यान रहे कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 18 जनवरी 2010 को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने के मामले में अगस्ता वेस्टलैंड से डील करने की मंजूरी दी थी। इससे साफ है कि मिशेल को कैबिनेट कमेटी की मंजूरी की जानकारी मिशेल को पहले मिल चुकी थी। तभी तो उसने कैबिनेट कमेटी के फैसले से पहले ही उसने अपने मुंबई ऑफिस से अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल बिजनेस के उपाध्यक्ष सैपोनारो को यह फैक्स भेजा था। क्योंकि जिस आत्मविश्वास के साथ सारी बाते बताई गई थी वह बगैर जानकारी नहीं कही जा सकती है। मालूम हो कि करीब 14 दिनों से न्यायिक हिरासत में रहने के बाद भी मिशेल ने अपने इस फैक्स मैसेज को लेकर अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है।
गौरतलब है कि अगस्ता वेस्टलैंड के मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल पर 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीद सौदे की डील के लिए कई भारतीय राजनेताओं, नौकरशाहों, एयरफोर्स के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है। मालूम हो कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में दुबई से प्रत्यर्ण कर भारत लाए गए मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत पर दिल्ली की अदालत अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मिशेल की जमानत याचिका पर अब कोर्ट 22 दिसंबर को फैसला सुना सकता है। बहरहाल उसे 28 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
प्वाइंट वाइज समझिए
मिशेल के फैक्स से खुला राज
* यूपीए सरकार की कैबिनेट कमेटी के फैसले की सूचना मिशेल को पहले मिली थी
* 18 जनवरी को तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कैबिनेट कमेटी ने दी थी मंजूरी
* कैबिनेट कमेटी के फैसले से पहले ही मिशेल ने सैपोनारो को फैक्स से दे दी थी सूचना
* मिशेल ने अगस्ता वेस्टलैंड के उपाध्यक्ष जियाकोमो सैपोनारो को भेजा था फैक्स
* सीबीआई को यह फैक्स इटली से मिला है जो मिशेल ने मुंबई ऑफिस से भेजा था
* मिशेल ने दावा किया था कि वह पूरी कैबिनेट को अपने हिसाब से चला सकता है
* वित्त और रक्षा मंत्रालयों में सौदे की फाइलों को ट्रैक कर रहा था क्रिश्चियन मिशेल
* यूपीए सरकार में “बहुत ऊंची पहुंच” के जरिए मिशेल ने पक्की कराई थी डील
* रक्षा और वित्त मंत्रालय की हर फाइल तक किसी विदेशी बिचौलिए की पहुंच अचंभित करने वाला है
* दिल्ली की अदालत ने मिशेल की जमानत पर फैसला 22 दिसंबर तक सुरक्षित रखा
* 28 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे ब्रिटिश बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल
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