अरुणाचल प्रदेश राज्य को लेकर अमरीका की तरफ से एक बड़ा बयान आया है. अमरीका ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का ही अभिन्न अंग है और इसीलिये वो किसी भी दूसरे देश द्वारा अरुणाचल प्रदेश पर अपना आधिपत्य स्थापित करने के या अपने हक जताने के प्रयास के खिलाफ है.
अमरीकी स्टेट डिपार्ट्मेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी की तरफ से यह बयान आया जिन्होने यह भी कहा कि पिछले 6 दशकों से अमरीका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र का ही हिस्सा मानता आया है और मिलिट्री या सिविलियन घुसपैठ के ज़रिये यदि कोई भी लाइन आफ कंट्रोल का उल्लंघन कर अरुणाचल प्रदेश को हथियाने की कोशिश करेगा तो अमरीका को यह बर्दाश्त नहीं होगा.
हालांकि अमरीकी अधिकारी ने यह बयान देते समय चीन का नाम नहीं लिया. लेकिन यह तो स्पष्ट ही है कि उनकी इशारा चीन की तरफ ही था. लद्दाख बार्डर पर भारत और चीन के बीच जारी तनातनी की पृष्ठभूमि में इस बयान का महत्व और ही बढ जाता है. क्योंकि लद्दाख बार्डर विवाद में जो चीन का रवैया रहा है, उससे स्पष्ट है कि वह कभी भी अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत के लिये मुसीबतें खड़ी करने का प्रयास कर सकता है. इसीलिये ऐसे समय में विश्व की सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्था की तरफ से आया यह बयान भारत के लिये अत्यंत महत्व्पूर्ण है.
वैसे भी लद्दाख बार्डर विवद के मसले पर अमरीका ने कई बार भारत के पक्ष में बोला है और चीन के रवैये की कड़ी आलोचना की है. अब अरुणाचल प्रदेश को लेकर जो अमरीका की तरफ से बयान आया है, उससे चीन की मुश्किलें बढ सकती हैं क्योंकि उस पर इस मुद्दे को लेकर अंतराष्ट्रीय दबाव बनता दिखाई दे रहा है कि वह्ह भारत के राज्य पर अपना अधिकार जताना बंद करे.
सितम्बर की शुरुआत में पेंटगन ने अमरीकी कांग्रेस के सामने पेश की गयी अपनी एक रिपोर्ट मे कहा भी था कि दक्षिणी और ईस्ट चाइना समुद्र में और भारत व भूटान के साथ अपने बार्डर के क्षेत्र में चीन ज़मीनी और समुद्री क्षेत्रों पर अपना अधिकार स्थापित करने के लिये आक्रामक रणकौशल का सहारा ले रहा है.