Transparency (पारदर्शिता) Untold Stories of AAP
जब मैंने ये वेब सीरीज देखी तो समझ नहीं आया कि इस पर कैसे रिएक्ट किया जाए। इसे एक पार्टी की पराजय का डाक्यूमेंटेशन कहा जाए या आँखें खोल देने वाला एक बेहतरीन दस्तावेज कहा जाए। मैंने अब तक किसी राजनीतिक पार्टी पर ऐसी गहनता से भरी डाक्यूमेंट्री नहीं देखी है।
इसे देखते हुए मन पीड़ा से भर जाता है तो एक गहन शांति से भरा संतोष भी होता है कि किसी ने तो सेल्युलाइड पर सिस्टम की सड़ांध पर साहसिक अभिव्यक्ति के हस्ताक्षर कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर एक वेब सीरीज बनाई गई है। ये मोशन पिक्चर नहीं है।
इस डाक्यूमेंट्री के सात भागों में अन्ना आंदोलन, आम आदमी पार्टी का जन्म और उसके बाद भ्रष्टाचार की गर्त में धंसती जा रही पार्टी की कथा दिखाई गई है। इसे बनाने वाले शिकागो के रहने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर मुनीश रायज़ादा हैं। वे आम आदमी पार्टी के सक्रिय सदस्य रहे हैं और इस पार्टी को खड़ा करने में उनकी महती भूमिका है।
जब उन्होंने ये वेब सीरीज बनाने का निश्चय किया, तब ही इसका शीर्षक ‘पारदर्शिता’ सार्थक हो गया। अपनी ही पार्टी की कालिख दुनिया के सामने लाने के दौरान उन्होंने अकथनीय पीड़ा का साक्षात्कार किया होगा।
‘इस देश का आम आदमी भ्रष्टाचार नहीं करना चाहता आम आदमी ईमानदारी की ज़िंदगी जीना चाहता है लेकिन आज व्यवस्था ऐसी हो गई है कि बिना रिश्वत लिए काम ही नहीं चलता।’ इस वेब सीरीज की शुरुआत केजरीवाल के वास्तविक भाषण की इस लाइन से होती है। फिर स्क्रीन पर अन्ना आंदोलन के दृश्य उभरते हैं।
दिखाया जाता है कि लोकपाल बिल के लिए किये गए अभूतपूर्व आंदोलन से किस तरह आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ। इसके सात भागों में अन्ना आंदोलन का उदय, अरविंद केजरीवाल और अन्ना हज़ारे के बीच वर्चस्व की लड़ाई का शीत युद्ध, अरविंद का पार्टी पर एकाधिकार जमा लेना, प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव एपिसोड, सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगना, चंदे को लेकर गोलमाल करना, केजरीवाल सरकार के कार्यों की समीक्षा का विस्तृत प्रस्तुतिकरण आपको देखने को मिलेगा।
डाक्यूमेंट्री में ढेर सारे इंटरव्यू हैं। इसमें स्टिंग ऑपरेशन हैं। इसमें कैमरे सुंदर दृश्यावली प्रस्तुत करते हैं। ड्रोन कैमरों द्वारा दिल्ली का भव्य रुप देखने को मिलता है। निर्देशक मुनीश रायज़ादा शिकागो और लंदन की सैर भी करवाते हैं। दूसरे एपिसोड में वे टेम्स नदी की सुंदर तुलना दिल्ली की यमुना से करते हैं। यमुना को स्वच्छ बनाने का वादा केजरीवाल सरकार ने पांच वर्ष पूर्व किया था।
यमुना एपिसोड अत्यंत पीड़ादायक हैं। इसमें छठ पूजा के रोंगटे खड़े कर देने वाले दृश्य दिखाए गए हैं। ये दृश्य आपको न्यूज़ चैनलों पर नहीं दिखाई देंगे क्योंकि वहां उस खाली स्लॉट में आम आदमी पार्टी के विज्ञापन चला करते हैं। यमुना एपिसोड के लिए निर्देशक बधाई के पात्र हैं। स्वामी अग्निवेश, किरण बेदी, कुमार विश्वास, शाजिया इल्मी, कपिल मिश्रा, आशुतोष, राहुल देव (पत्रकार), गुल पनाग, योगेंद्र यादव, मयंक गाँधी और भी कई लोगों ने अपनी व्यथा सुनाई है।
इन लोगों ने जो कुछ कैमरे के सामने कहा है, वह सुनने के बाद आपके विचार अरविंद केजरीवाल के प्रति हमेशा के लिए बदल जाएंगे। आम आदमी पार्टी के वे वालेंटियर्स, जिनकी कोई सुन ही नहीं रहा था, जब कैमरे के सामने आकर अपनी पीड़ा बताते हैं तो इंदौर के प्रहलाद पांडे जैसे लोग फफक-फफक कर रो पड़ते हैं। जैसे कि शाजिया इल्मी ने बताया है ‘अन्ना के अनशन को लेकर प्रेस के सामने मुझे रोना आ गया।
केजरीवाल ने मेरा हाथ कसकर दबा दिया, ताकि मेरा रोना प्रेस न देख सके। उसके मासूम चेहरे में उस दिन मुझे एक घिनौनापन दिखाई दिया।’ उसकी आँखों में मुझे क्रूरता दिखाई देती थी। मयंक गांधी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। जैसे ये भी कहा गया कि अन्ना ने विलासराव देशमुख के पास संदेशा भेजा कहा ‘मैं अनशन तोड़ना चाहता हूँ लेकिन अरविंद मुझे तोड़ने नहीं दे रहा है।’
इस डाक्यूमेंट्री को देखते हुए अहसास हुआ कि ये एक ऐसा प्रयास है, जो बताता है कि आम आदमी पार्टी का गठन ईमानदार हाथों द्वारा हुआ था। इस दल से बड़े ही निष्ठावान लोग जुड़े थे। बाद में अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया ने मिलकर सारे निष्ठावान लोगों को ठिकाने लगा दिया। निर्देशक मुनीश ने कमाल की अभिव्यक्ति दिखाई है।
तकनीकी रुप से ये स्तरीय डाक्यूमेंट्री है। ये कभी भी बोरियत का अहसास नहीं करवाती। रोचकता लाने के लिए ख्यात लोगों के स्केच भी प्रयोग में लाए गए हैं। फिल्म को इसलिए ही अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम कहा जाता है।
इस डाक्यूमेंट्री को दिल्ली के निवासियों के साथ-साथ उन लोगों को भी देखना चाहिए, जो आम आदमी पार्टी के कट्टर समर्थक हैं। एक डाक्यूमेंट्री कैसे विचारधारा बदल सकती है, मुनीश रायज़ादा का ये प्रस्तुतिकरण उसका श्रेष्ठ उदाहरण है। इसे Mx player पर मुफ्त में देखा जा सकता है।
Transparency: Pardarshita Season 1
Language: Hindi
Genre: Documentary, Politics, Web Series
Year: 2020
Director: Munish Raizada
Actor: Anna Hazare, Arvind Kejriwal, Munish Raizada, Kapil Mishra, Shivendera Chauhan, Shazia Ilmi, Sunil Lal, Kumar Vishwas, Mayank Gandhi, Kiran Bedi, Omender Bharat, Ranju Minhas, Gul Panag, Prahlad Pandey, Reeta Sukhija, Yogender Yadav
बहुत बढिया