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India Speak Daily > Blog > समाचार > राजनीतिक खबर > जावड़ेकर को क्यों ढोया जा रहा है ?
राजनीतिक खबर

जावड़ेकर को क्यों ढोया जा रहा है ?

Vipul Rege
Last updated: 2020/03/30 at 2:37 PM
By Vipul Rege 16 Views 7 Min Read
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7 Min Read
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सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आम नागरिकों की तरह खुद को घर में बंद कर लिया। इसके बाद उनके ट्ववीट से देश को  पता चलता है कि वे मंत्रालय का सारा काम घर से ही कर रहे हैं। उनको ये याद दिलाने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि उनके पद पर रहते हुए देश कभी जान नहीं सका कि मनमानी करते इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया पर कभी उनका कोई नियंत्रण रहा था। देश के लिए वे पहले भी घर में ही रहते थे। कोरोना वायरस के आक्रमण से सम्पूर्ण देश युद्धरत है, सिवाय सूचना व प्रसारण मंत्रालय के। इस युद्ध में केंद्र सरकार का ये विभाग अब तक निष्क्रिय ही दिखाई दिया है। क्या कारण है कि ऐसे महत्वपूर्ण पद पर अब तक अप्रभावी नेता ही बैठते आ रहे हैं। क्या सरकार इस विभाग को ‘जहाज़ रानी मंत्रालय’ जैसा ही अनुपयोगी मानने लगी है। 

देश में लॉकडाउन के चलते जनता की मांग पर प्रकाश जावड़ेकर ने दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत का पुनः प्रसारण करने की घोषणा की। अब तक इस पद पर कुछ उल्लेखनीय कार्य न कर पाए जावड़ेकर ने इसे एक उपलब्धि के रूप में लिया। रामायण और महाभारत को लेकर उन्होंने कई ट्ववीट किये, बिना इस बात को समझे कि वे सरकार के केंद्रीय मंत्री हैं और उन्हें घर में बैठकर रामायण नहीं देखनी है। जिस समय वे घर में बैठे थे, देश के अधिकांश न्यूज़ चैनल दिल्ली से पलायन करते मजदूरों की ख़बरें दिखा रहे थे। देश में इन समाचारों से पैनिक फ़ैल गया लेकिन मंत्री जी ने कुछ करने की जरूरत नहीं समझी। एनडीटीवी, आजतक और एबीपी की रिपोर्टिंग कुछ ऐसी थी कि पलायन का ठीकरा केंद्र पर फोड़ दिया गया। अरविन्द केजरीवाल की सरकार ने लाखों मजदूरों को भ्रामक जानकारी देकर दिल्ली की सीमा पर भेज दिया लेकिन मंत्री जी ने ये भी जरुरी नहीं समझा कि झूठ फैला रहे चैनलों को हद में रहने की चेतावनी देते।  

जब इलेक्ट्रानिक मीडिया देश और विदेश में इस महापलायन का जिम्मेदार केंद्र को ठहरा रहा था, उस समय जावड़ेकर एक घंटा पहले ही टीवी खोलकर बैठ जाते हैं और अपने फोटो के साथ रामायण देखने की जानकारी ट्ववीट करते हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि भ्रामक समाचार प्रसारित करने के लिए उन्होंने कितने चैनलों और अख़बारों को नोटिस भेजा या कितनों पर कार्रवाई की। जावड़ेकर का ढीला रवैया शाहीनबाग़ की रिपोर्टिंग और दिल्ली के भयंकर दंगों में भी देखने को मिला। देश की किसी भी घटना पर चैनल असत्य रिपोर्टिंग करते हैं और बिना डर करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि श्री जावड़ेकर में वह क्षमता ही नहीं, जो उन्हें रोक सके। कोरोना के इस भय भरे माहौल में एनडीटीवी खबर देता है कि देश में 25 करोड़ कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। ऐसी मनगढंत खबर पर सूचना व प्रसारण मंत्रालय कुछ नहीं करता, कुछ नहीं कहता।

मंत्री जी को अपने ही मंत्रालय की गाइडलाइन की जानकारी नहीं होती। दो वर्ष पूर्व एक गाइडलाइन जारी की गई थी, जिसमे कहा गया था कि कंडोम के विज्ञापन केवल रात में ही चलाए जा सकेंगे। जावड़ेकर जी के पदभार सँभालने के बाद ये गाइडलाइन हवा हो गई। आप सुबह 7 बजे से लेकर शाम तक विभिन्न चैनलों पर ये विज्ञापन देख सकते हैं। उनको ये भी जानकारी नहीं है कि सूचना व प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट कभी उपलब्ध होती है, कभी नहीं। कोई आम नागरिक इस मंत्रालय में अपनी शिकायत दर्ज नहीं करा सकता। हाल ही में दैनिक भास्कर ने फ़िनलैंड की युवा प्रधानमंत्री का फर्जी इंटरव्यू छाप दिया था। इस गलती पर भी जावड़ेकर जी की नींद नहीं टूटी। जब नागरिकों ने आपत्ति दर्ज कराई तो प्रसार भारती ने अख़बार को नोटिस भेज दिया। आज की तारीख तक देश जान नहीं सका कि उक्त अख़बार पर मंत्री जी ने क्या एक्शन लिया है।

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सन 2018 में केंद्र सरकार ने  फेक न्यूज़ पर सूचना-प्रसारण मंत्रालय की नई गाइलाइन वापस ले ली थी। जनता ने इसका पुरजोर विरोध किया था। दिल्ली के दंगों और शाहीनबाग़ की गलत रिपोर्टिंग के बाद सरकार को समझ आ जाना चाहिए था कि  गाइडलाइन वापस लेना और जावड़ेकर को इस पद पर बैठाना कितनी भयंकर भूल थी। नागरिकता कानून को लेकर एनडीटीवी ने विशेष रूप से लोगों को भड़काने का काम किया था। इन तमाम महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में जावड़ेकर जी की सक्रियता देखने को नहीं मिली थी। मंत्री जी का कार्यकाल केवल और केवल फ़िल्मी सितारों के साथ फोटो खिंचवाने, कोरोना में हाथ धोने के वीडियो पोस्ट करने और देश की बदनामी करते चैनलों के सरंक्षण में ही बीता है।

आए दिन राज्य सरकारों और पुलिस विभाग द्वारा आम नागरिकों के लिए गाइडलाइन जारी करती है। नागरिकों से कहा जाता है कि फर्जी खबर शेयर करने पर छह माह की जेल और आर्थिक दंड भरना पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर आपकी ये दादागिरी बदस्तूर चलती है लेकिन मीडियाई गुंडों को आप गोद में लिए फिरते हैं। आम नागरिक पर आपका डंडा चलेगा लेकिन भ्रामक खबरे देने वाले मीडिया पर आप फूल बरसाते हैं। काश केंद्र सरकार ने गंभीरता से सोचा होता कि सूचना व प्रसारण मंत्रालय पर शक्तिहीन लोगों को पदासीन करने का परिणाम महापलायन की पैनिक ख़बरों के रूप में प्राप्त हो सकता है। अब आप क्या करने जा रहे हैं ? निश्चित ही न्यूज़ चैनलों की अगली मुहीम को मौन होकर देखते रहे के अलावा और आप कर भी क्या सकते हैं

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TAGGED: information and broadcasting minister, Ministry of information and broadcasting, Prakash Javadekar, Union Minister
Vipul Rege March 30, 2020
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Vipul Rege
Posted by Vipul Rege
पत्रकार/ लेखक/ फिल्म समीक्षक पिछले पंद्रह साल से पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में सक्रिय। दैनिक भास्कर, नईदुनिया, पत्रिका, स्वदेश में बतौर पत्रकार सेवाएं दी। सामाजिक सरोकार के अभियानों को अंजाम दिया। पर्यावरण और पानी के लिए रचनात्मक कार्य किए। सन 2007 से फिल्म समीक्षक के रूप में भी सेवाएं दी है। वर्तमान में पुस्तक लेखन, फिल्म समीक्षक और सोशल मीडिया लेखक के रूप में सक्रिय हैं।
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5 Comments 5 Comments
  • Avatar Amit Upadhyay says:
    March 30, 2020 at 2:34 pm

    solution is right to recall information and broadcasting minster through SMS voting linked with voter id

    Loading...
    Reply
  • Avatar Rana Gopal bharduaj says:
    March 30, 2020 at 2:48 pm

    समझ में नहीं आता की मोदी जी आखिर प्रकाश जावड़ेकर को क्यों झेल रहे हैं??क्या मोदी जी को कोई राजनीतिक मजबूरी हैं??क्या सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के लिए बीजेपी में जावड़ेकर से ज्यादा कोई योग्य नहीं हैं??????

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    Reply
  • Avatar Rana Gopal bharduaj says:
    March 30, 2020 at 2:49 pm

    प्रकाश जावड़ेकर किस राज्य के हैं???????

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    Reply
  • Avatar मीना रेगे says:
    March 31, 2020 at 9:08 am

    जावडेकर को हटाकर जल्द ही किसी पावरफुल व्यक्ति को सूचना प्रसारण मंत्रालय सौपा जाना चाहिए।

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    Reply
  • Avatar jagdishchander says:
    March 31, 2020 at 6:05 pm

    the idiot claims that after taking over earlier ministry human resoures n now i&b , he has made no changes. same communist system of last govt. is going on. he feels this is his achievment. did we elect this govt. for continuing old order of Italian ammaa? has idiot any reply.

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    Reply

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