सरकारी राजस्व को नियंत्रित तथा एकत्रित करने वाली निजी कंपनी जीएसटी नेटवर्क को सरकारी कंपनी घोषित कर दिया गया है। अब यह कंपनी पूरी तरह से राष्ट्रीयकृत हो गई है। केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल की हुई बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस संदर्भ में घोषणा करते हुए बताया कि मंत्रिमंडल ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को सौ प्रतिशत सरकारी कंपनी में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि जीएसटीएन को पूरी तरह सरकारी कंपनी बनाने की घोषणा भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमनियन स्वामी के दबाव पर की गई है।
स्वामी जीएसटी एक्ट लागू होने के पहले से ही जीएसटीएन का विरोध करते आ रहे हैं। उन्होंने इस कंपनी को घोटाले का एक महास्रोत बताया है। तभी तो अब जब जीएसटीएन एक राष्ट्रीयकृत कंपनी बन गई है तो स्वामी ने प्रधानमंत्री से जीएसटीएन घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। इस संदर्भ में उन्होंने बहुत दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर वित्त सचिव हंसमुख अधिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने की मांग की थी। स्वामी ने जीएसटीएन द्वारा इन्फोसिस में किए निवेश तथा एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंकों में जनता के पैसों पर एकत्रित ब्याज का हिसाब मांगने के लिए सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
GSTN has been nationalised. It is ironic that Mr.Jaitely has to announce the death of his&PC’s tool. Now PM must hand over to CBI the scam on money spent by GSTN on Infosys and in enabling interest collected by HDFC&ICICI on tax deposits& prosecute
— Subramanian Swamy (@Swamy39) 27 September 2018
सरकार चलाने वालों को मालामाल करने के लिए बनी थी जीएसटीएन!
गौरतलब हो कि यूपीए सरकार ने 28 मार्च 20013 को जीएसटीएन को एक निजी लिमिटेड कंपनी के रूप में गठन किया था। स्वामी तभी से जीएसटीएन गठन का विरोध कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि दरअसल जीएसटीएन है क्या? यूपीए सरकार ने साल 2013 के मार्च में एक निजी कंपनी के रूप में जीएसटीएन का गठन किया था। यह वही कंपनी है जो सरकार के राजस्व के नियंत्रण से लेकर कर एकत्रित करने तक का काम करती है। यूपीए सरकार ने इस कंपनी को गैरलाभकारी इसलिए बनाया ताकि सरकार चलाने वाले इसके माध्यम से मालामाल हो सके। अगर ठीक से इस मामले की जांच की गई तो कई बागड़बिल्लों पर शिकंजा कसना तय है।
Did you’ll know that the Govt revenues of GST was controlled & collected by a Private Ltd company GSTN?
Dr @Swamy39 was the only person opposing it before the GST was even implemented and now finally Govt concedes to Dr Swamy’s demands@jagdishshetty @niku1630 @MaheshJoshi_MJ pic.twitter.com/5VdsCfMAWM
— Gopi K (@kmgnath) 26 September 2018
सालों से जमा छह लाख करोड़ से लाभ कमाते रहे निजी बैंक
जीएसटी एकत्रित करने के कारण इस कंपनी के पास देश की जनता के लाखों करोड़ रुपये एकत्रित हो गए। आरोप है कि जीएसटीएन ने जनता के खून-पसीनों की कमाई को इंफोसिस जैसे निजी हितकारी कंपनी में लगा दिया। मालूम हो कि यूपीए सरकार ने जीएसटीएन कंपनी का गठन गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में की थी। इसलिए सरकार को तो लाभ मिलने वाला नहीं था इसलिए इस बहाने सरकार चलाने वाले जनता के पैसे पर निजी कंपनियों को मिलने वाले लाभ के हिस्सेदार बन गए। जनता के पैसों से निज कंपनियों तथा बैंको को हजारों करोड़ रुपये लाभ होने का आरोप है।
इतना ही नहीं यूपीए सरकार ने जानबूझकर जीएसटीएन के माध्यम से एकत्रित कर, जो करीब छह लाख करोड़ बताया गया है, एचडीएफसी तथा आईसीआईसीआईसी बैंक में रख दिए। ये पैसे सालों से इन्हीं बैंकों में पड़े हैं। स्वामी का कहना है कि ये सारे बैंक जब निजी हैं और इन पैसों के ब्याज से लाभ ले रहे हैं तो उन्हें सरकार को देने में क्या आपत्ति है? एक अनुमान के तहत छह लाख करोड़ रुपये से प्रति वर्ष करीब छह हजार करोड़ रुपये ब्याज का बनता है!स्वामी ने इस पूरे मामले को एक बड़ा घोटाला बताया है तथा इसकी जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है।
Exactly sir! ICICI & HDFC are earning interest on 6 lakh crores for years by just investing 10 lakhs in GSTN. That would be a min of 6000 crores per year. Wonder how much Adhia got 2 cause a loss of 6000 cr to Indian exchequer & give 4 free for pvt playershttps://t.co/ffnQ7pABfu
— Praneel (@praneelraja) 26 September 2018
वित्त सचिव अधिया पर मुकदमा चलाने की मांगी अनुमति
स्वामी इस मामले को काफी पहले से उठाते रहे हैं। जब जीएसटीएन का गठन हुआ था स्वामी ने तभी इसका विरोध किया था। अब जब जीएसटीएन को सरकारी कंपनी के रूप में मान्यता मिल गई है तो उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की है। इतना ही नहीं उन्होंने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर वित्त सचिव हंसमुख अधिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने की मांग की है। अगर वित्त मंत्रालय से अनुमति मिल गई तो फिर स्वामी अधिया के खिलाफ इस घोटाले को लेकर याचिका दायर करेंगे। स्वामी ने अपने ट्वीट में जीएसटीएन को सरकारी कंपनी बनाने की घोषणा पर हैरानी भी जताई।
Dr @Swamy39 writes to Finance Minister @arunjaitley for permission to prosecute Finance Secretary Hasmukh Adhia under Prevention Of Corruption Act
Dr @Swamy39 writes to Finance Minister @arunjaitley for permission to prosecute Finance Secretary Hasmukh Adhia under Prevention Of Corruption Act pic.twitter.com/RVmZndCf1Q
— Jagdish Shetty (@jagdishshetty) 26 September 2018
इस मामले को पीगुरु वेबसाइट पहले से ही उठाती रही है। अधिया पर मुकदमा चलाने की मांग को लेकर वित्त मंत्री पी अरुण जेटली को लिखे पत्र के बारे में भी पीगुरु ने खबर प्रकाशित की थी। अब देखना है कि इस आर्थिक घोटाले का क्या हश्र होता है?
URL: As soon as GSTN became government sector Swamy incriminate scam of thousands crores
Keywords: GSTN tender scam, GST Network, Subramanian Swamy, Arun Jaitley, finance ministry, GST, GSTN, Hansmukh Adhia, जीएसटीएन निविदा घोटाला, जीएसटी नेटवर्क, सुब्रमण्यम स्वामी, अरुण जेटली, वित्त मंत्रालय, जीएसटी, जीएसटीएन, हंसमुख अधिया