संदीप देव। पासमांदाओं के कदमों में लाख नाक रगड़ने के बाद भी यदि भाजपा ने देखा कि अंतिम समय तक पासमांदाओं का वोट नहीं मिल रहा है तो वह हिंदुओं के गुस्से को सोखने और उनका वोट पहले की ही तरह पाने के लिए नुपुर, काजल, राजा को 2024 लोकसभा का चुनाव लड़ाने का मास्टरस्ट्रोक लगा सकती है!
इसका असर पूरे देश के हिंदुओं पर भावनात्मक रूप से पड़ना ही पड़ना है, जिसका भरपूर दोहन भाजपा वोटों का फसल काट कर करेगी।
जीतने और सत्ता प्राप्ति के बाद वह पुनः नुपुर-काजल-राजा को पार्टी के अंदर ही साध्वी प्रज्ञा की तरह साईड कर पीएम मोदी से उनकी दूरी दिखाएगी और पुनः पासमांदाकरण के अपने अभियान को तेज करेगी!
मेरे इस अनुमान के दो आधार हैं, पहला, साध्वी प्रज्ञा के साथ हुआ ऐसा ही बर्ताव और दूसरा, प्रधानमंत्री के मित्र जफर सरेशवाला द्वारा ‘चुनाव जीतने के लिए यह सब करना पड़ता है’ (अर्थात हिंदुओं/दक्षिणपंथियों को ठगना) की स्वीकारोक्ति।
तो अभी से मास्टरस्ट्रोकवादियों का यह अगला मास्टरस्ट्रोक आप सब ध्यान से समझ लें, क्योंकि यह लगना मुझे इसलिए तय लग रहा है कि मोदी व भाजपा का पासमांदाकरण अभियान वोटों के रूप में बदलती हुई फिलहाल दिखाई नहीं दे रही है!
समर्थकों के साथ ‘अब्बासी खलीफा’ और ‘कव्वाल पार्टी’ का बर्ताव:-
१) प्रज्ञा ठाकुर- मैं दिल से माफ नहीं करूंगा।
२) नुपुर शर्मा व नवीन जिंदल- फ्रिंज एलिमेंट हैं ये।
३) टी.राजा- किसी मजहब के विरुद्ध बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
४) काजल हिंदुस्तानी:- नफरत फैलाती है काजल
५) मनीष कश्यप- बिहार में विपक्ष में रह कर भी चुप्पी। एक नयी जन-जन पार्टी ने बिहार बंद करा दिया, लेकिन मनीष कश्यप जिस पार्टी के सपोर्ट में वीडियो बनाता था, उसने चुप्पी साध ली।
६) बंगाल- कार्यतर्ताओं और समर्थक मतदाताओं की मौत व पलायन पर AC रूम में बैठक और संपूर्ण चुप्पी और दीदी से मिले आम को चूसने और शॉल ओढ़ने की मार्केटिंग।
७) कर्नाटक के कार्यकर्ता प्रवीण नेत्तारो का गला रेतने पर: ‘सत्ता में कांग्रेस के रहने पर हम पत्थर चलाएंगे, अपनी सरकार में चुप रहेंगे।’
८) J&k में जिहाद का विरोध करने वालों के लिए ‘जो नबी का नहीं वो हमारा नहीं।’
९) ईरान के विदेश मंत्री से नुपुर मामाले में: ‘हम ऐसी सजा देंगे कि रूह कांप जाएगी।’
१०) दिल्ली दंगा: हिंदू को सजा, सफूरा, शरजील etc को बेल।
११) फाल्ट न्यूज वाले जुबैर का दामाद की तरह सेवा और उसकी हर बात पर कालीन की तरह बिछ जाने की फितरत।
आप जोड़ते चले जाएं…तो पाएंगे कि जिसने ‘अब्बासी खलीफा’ और ‘कव्वाल पार्टी’ को समर्थन दिया उसी के रक्त को उसने वोटों के लिए भुनाया! जिसने विरोध किया उसे 30-35 % सरकारी संसाधनों पर अधिकार दे दिया और उसे बचाने के लिए संविधान और कानून तक को ताक पर रख दिया!
इसीलिए आवश्यक है हिंदुओं के लिए ‘एकम् सनातन भारत’ जैसी पार्टी हो ताकि संसद से सड़क तक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को न केवल आवाज दिया जा सके, बल्कि उस पर पूर्ण प्रतिबंध भी लगाया जा सके!