अर्चना कुमारी। पाक आतंकी मोहम्मद अशरफ हिंदू धर्म के आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को टारगेट करके धर्म परिवर्तन किए जाने के अलावा जिहाद के लिए अपने धर्म के युवाओं को भड़काता था। इतना ही नहीं वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ-साथ एक इस्लामिक संस्था का भी सक्रिय सदस्य था।दिल्ली पुलिस हेड क्वार्टर की रेकी के साथ – साथ साल 2011 में हाईकोर्ट के बाहर जो ब्लास्ट हुए थे, उस दौरान इसने हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था तथा वहां मौजूद पुलिस कर्मियों की रेकी की थी ।
उसने खुलासा किया है कि साल 2009 में जम्मू में बस स्टैंड पर हुए ब्लास्ट की भी रेकी की थी ,जिसमें, 4 लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में 5 जवानों की हत्या करने वाले आतंकियों के साथ शामिल रहा था। उसने बताया है कि आई एस आई का अधिकारी नासिर के साथ-साथ दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य आरोपी गुलाम सरवर का भी दोस्त है ।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अपने आका नासिर के कहने पर कई बार जम्मू कश्मीर में हथियार सप्लाई करने गया था जबकि भारत में वह लगभग सभी राज्यों का दौरा कर चुका है। वह धार्मिक तकरीर देने में माहिर है और झाड़-फूंक कर इलाज करने के नाम पर लोगों को बरगलाता रहा है। अशरफ को बांग्लादेश के रास्ते से भारत भेजा गया था और वह भारत में अपनी पहचान छुपाकर 17 वर्षों से रह रहा था।
इस दौरान वह देश के विभिन्न शहरों में रहने वाले स्लीपर सेल को संगठित करने में जुटा हुआ था। गिरफ्तार आतंकी से पूछताछ कर यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि भारत में उसका स्लीपर कहां-कहां है और उसमें कितने लोग शामिल रहे हैं। जबकि अब तक वह किन-किन आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुका है। आतंकी मोहम्मद अशरफ ने यह खुलासा किया कि उसने भारत में घुसपैठ के बाद पहली फर्जी आईडी बिहार के किशनगंज से बनवाई थी।
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि बिहार से ऐसे कुछ और संदिग्धों ने भी फर्जी आईडी बनवाई होगी, जिसकी जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला कि आतंकी ने वहां पर एक सरपंच की मदद से अपनी आईडी बनवाई थी। जिसके बाद उसने वर्ष 2014 में किशनगंज से ही अपना पासपोर्ट भी बनवा लिया था। उसके संपर्क में रहने वाले दर्जनों संदिग्ध दिल्ली पुलिस के रडार पर हैं और आने वाले समय में कुछ और गिरफ्तारियां की जा सकती है।