कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एटीएम में नकदी की कमी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला कर उन्हें नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का मददगार बताया है। ताज्जुब की बात है, मेहुल चौकसी के वकील को टिकट कांग्रेस देती है, लेकिन राहुल गांधी नीरव और मेहुल के मददगार होने का आरोप नरेंद्र मोदी पर लगाते है। कैंब्रिज एनालिटिका का यही तरीका है! राहुल गांधी और कैंब्रिज एनालिटिका के बीच डील की खबर सबके सामने आ गई है! राहुल जी, मध्य प्रदेश में एटीएम में अचानक नकदी की कमी के पीछे Cambridge Analytica की रणनीति का तो हाथ नहीं? क्योंकि सभी जानते हैं कि अगर मध्य प्रदेश में नकदी की कमी हुई तो उसका लाभ इस साल के चुनाव में किसे होगा?
मुख्य बिंदु:
* कैंब्रिज एनालिटिका से हुई डील के तहत तो नहीं बनी थी ऐसी रणनीति?
* कांग्रेस मेहुल चौकसी के वकील को टिकट देती है, और मददगार मोदी को बताती है
* मध्य प्रदेश में नकदी की कमी होने पर कांग्रेस को चुनाव में मिलेगा सीध लाभ
ATM में अचानक नकदी की कमी को लेकर राहुल गांधी का पीएम मोदी पर हमला करना थोड़ा अटपटा सा लग रहा है! वैसे भी ये तो वित्तीय मामला है और इसको लेकर वित्त मंत्री ने आज ही इस मामले पर आरबीआई के अधिकारियों के साथ बैठक की है। लेकिन राहुल गांधी के बयान पर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है! क्या राहुल गांधी वही सब नहीं कर रहे हैं जो कैंब्रिज एनालिटिका ने अन्य देशों में अपने क्लाइंट को चुनाव में जीत दिलाने के लिए किया है? अब तो राहुल गांधी और कैंब्रिज एनालिटिका के बीच हुई डील का खुलासा भी हो चुका है! इसी डील के तहत राहुल गांधी को मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान नोटबंदी का मुद्दा उठाना था शायद! अब अगर मुद्दा उठाना है तो फिर कुछ तो कारनामा भी करना होगा! ऐसे सवाल उठता है कि कहीं इस तात्कालिक समस्या के पीछे कांग्रेस और राहुल गांधी का तो हाथ नहीं?
क्योंकि वित्त मंत्रालय के दावे के मुताबिक यह कैश संकट एक झटके में देशभर के एटीएम से हुई निकासी के चलते पैदा हुआ है। आर्थिक मामलों के सचिव ने बताया कि पिछले 15 दिनों में सामान्य से तीन गुना ज्यादा नोटों की निकासी हुई है। वहीं वित्त मंत्रालय ने कम से कम 5 राज्यों में कैश की किल्लत की बात को माना है। राहुल गांधी की विपक्षी एकता की एक स्तंभ ममता बनर्जी ने इसे नोटबंदी पार्ट टू करार दिया है।
सरकार के मुताबिक जहां आम तौर पर एक महीने के दौरान 20 हजार करोड़ करेंसी की खपत होती है, वहीं अप्रैल के पहले 12-13 दिनों के दौरान लगभग 45 हजार करोड़ रुपये की निकासी अलग-अलग तरीकों से की जा चुकी है। इन आंकड़ों के बावजूद केन्द्र सरकार ने दावा किया है कि उसके पास पर्याप्त मात्रा में करेंसी मौजूद है और अगले 2 से 3 दिनों के अंदर स्थिति को सामान्य कर लिया जाएगा।
समझो अब नोटबंदी का फरेब
आपका पैसा निरव मोदी की जेब
मोदीजी की क्या ‘माल्या’ माया
नोटबंदी का आतंक दोबारा छाया
देश के ATM सब फिर से खाली
बैंकों की क्या हालत कर डाली#CashCrunch
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 17, 2018
सवाल उठता है कि इतनी बड़ी करेंसी की जरूरत किस है। क्या जानबूझ कर करेंसी को संगठित तरीके से देश के बैंकों व एटीएम से निकलवाया गया है, ताकि जनता परेशान हो, देश में अराजकता फैले और जनता का गुस्सा सरकार पर निकले, फिर राहुल गांधी व कांग्रेस के लिए कैंब्रिज एनालिटिका इस मौके का फायदा उठाए?
URL:atm-cash-crunch-who-is-behind-the-hoax-of-no-money-in-atm
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